लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग की ओर से बुधवार को लखनऊ की चौक रोड और टेढ़ी पुलिया पर फल विक्रेताओं के ठेलों पर संविधान की प्रस्तावना के फोटो लगाकर देश की एकता को मजबूत करने का संकल्प लिया. इस दौरान अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि योगी सरकार का फल के ठेलेवालों से धार्मिक पहचान उजागर करने का आदेश संविधान विरोधी था. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. यह संविधान के सर्वोच्चता को स्थापित करने वाला फैसला है. इसके बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या भाजपा को उन्हें हटा देना चाहिए.
शाहनवाज आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस पूरे प्रदेश में खासकर कांवड़ यात्रा के रूट पर संविधान की प्रस्तावना के फोटो फल के ठेलों पर लगाएगी और यह संदेश देगी की भाजपा सरकार द्वारा समाज को विभाजित करने का कोई भी षड्यंत्र कांग्रेस कामयाब नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि भाजपा दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों की राजनीतिक एकता से डरी हुई है और इसे तोड़ने के लिए ही तरह तरह के संविधान विरोधी काम कर रही है.
शाहनवाज आलम ने कहा कि विविधताओं से भरे इस देश में संविधान ही सबको एक सूत्र में जोड़ता है. हमारा संविधान धार्मिक पहचान के बजाए नागरिकों को 'हम भारत के लोग' के बतौर परिभाषित करता है. जबकि भाजपा 'हम भारत के लोग' को धर्म, जाति, नस्ल और गोत्र में बांटना चाहती है. योगी सरकार का धार्मिक पहचान सार्वजनिक करने का फरमान इसी संविधान विरोधी षडयंत्र का हिस्सा था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
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