बाड़मेर: शहर में गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक चले गणेशोत्सव को लेकर विभिन्न गली-मोहल्लों में गणपति बप्पा की मूर्ति को विराजित कर दरबार सजाया गया. इसके बाद बप्पा की सुबह-शाम आरती और मनमोहक भोग लगने के साथ पूजा-अर्चना की गई. हालांकि विसर्जन के बाद अब प्रतिमाओं की दुर्दशा हो रही है.
इससे पहले 10 दिन तक बड़े हर्षोल्लास के साथ गणेश पंडालों में विभिन्न कार्यक्रमों की धूम रही. इस दौरान बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों ने बप्पा की खूब आराधना की. इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को अगले बरस तू जल्दी आ का जयकारा लगाते हुए विसर्जित कर विदाई दी गई. विसर्जन के कुछ दिन बाद जो दृश्य देखने को मिला है वो हर किसी के मन को विचलित करने वाला है.
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यह दृश्य शहर के जसदेर धाम के पास नगर परिषद की ओर से प्रतिमाएं विसर्जन करने के लिए बनाए गए गड्ढे का है. यहां विसर्जन के कई दिनों बाद गड्ढे में टूटी-फूटी और उल्टी-सीधी पड़ी हुई प्रतिमाएं नजर आ रही हैं. प्लास्टर का पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाएं न तो पानी में घुली और न ही पूरी तरह पानी में डूबी. जिसके चलते यहां पर गणेश प्रतिमाएं दुर्दशा का शिकार हो रही हैं. हालांकि इससे पहले ही इको फ्रेंडली प्रतिमाएं विराजने की अपील की गई थी.