पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित वेटनरी मैदान में बुधवार को सत्तारूढ़ दल जेडीयू की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर नीतीश कुमार ने सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि मैं शुरू से कहता रहा हूं कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिले. इसके अलावा उन्होंने राजनीति में हावी परिवारवाद पर भी निशाना साधा.
"आज परिवार के लोग अपने बेटा के लिए कितना करता है. कर्पूरी ठाकुर ने कभी नहीं किया.मैंने कर्पूरी ठाकुर से बड़ी सीख ली. उन्होंने राजनीति में कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया. आजकल लोग सिर्फ अपने परिवार को ही आगे बढ़ाते हैं, मैंने कभी राजनीति में अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया." - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
पीएम मोदी को दिया धन्यवाद : नीतीश कुमार ने कहा कि 2007 से लेकर अभी तक जितनी भी सरकार केंद्र में रही, सबसे मांग करते रहे थे कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान दिया जाए. इस बीच कांग्रेस की सरकार भी रही, या जो भी सरकार थी. किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अब देख रहे हैं कि केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं. यह काफी खुशी की बात है.
'कर्पूरी ठाकुर के काम को मैंने आगे बढ़ाया' : नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम ने रामनाथ ठाकुर को फोन किया. हमें नहीं किया. लेकिन उसके बाद भी हमने प्रेस के जरिए पीएम को धन्यवाद दिया. उनके जाने के बाद हमने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को सांसद बनाया. सरकार में आने के बाद हमने उनके काम को आगे बढ़ाया.शिक्षा स्वास्थ्य हर इलाके के विकास के लिए हम काम कर रहे. हर घर बिजली पहुंचाया. हर घर नल का जल अभियान शुरू हुआ अब उस योजना को मेंटेन करने के लिए कहा गया है.
'चाहता था पूरे देश में हो जातीय जनगणना' : नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय आधारित जनगणना को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मैं तो चाहता था, कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फिर भी मैंने बिहार में जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराया. साथ ही इस आधार पर मैंने बिहार में आरक्षण का दायरा भी बढ़ाया.
जेडीयू की थी भारत रत्न देने की मांग : बिहार के सीएम ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने की बाबत कहा कि जेडीयू की पुरानी मांग रही थी कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाए. आज जो भारत रत्न देने की घोषणा की गई है, यह जेडीयू की मांग पर ही हुआ है. जदयू की ओर से आयोजित कर्पूरी जयंती में ललन सिंह, के सी त्यागी, वशिष्ठ नारायण सिंह, विजय चौधरी लेसी सिंह मदन सहनी शीला मंडल मौजूद थे.
जदयू की कर्पूरी जयंती समारोह में मंत्री मदन सहनी ने कहा कि "मुख्यमंत्री की मांग के कारण ही केंद्र सरकार को जननायक को भारत रत्न देना पड़ा है. आज देश नीतीश कुमार की ओर देख रहा है". पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी कहा कि नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर के सपनों को पूरा कर रहे हैं.
परिवार वाद के बहाने लालू पर सीधा निशाना: मुख्यमंत्री के परिवारवाद को लेकर जिस प्रकार से बयान दिया है. उसको लेकर सियासी हलको में चर्चा होने लगी है. क्योंकि सीधा निशाना लालू प्रसाद यादव की ओर ही है. ऐसे कुल मिलाकर देखें तो पहले भीम संसद और अब लोकसभा चुनाव से पहले कर्पूरी जयंती के नाम पर बड़ी रैली नीतीश कुमार ने शक्ति प्रदर्शन दिखाने की कोशिश की है. अति पिछड़ा वोट बैंक पर ऐसे तो सब की नजर है, लेकिन नीतीश कुमार इसे अपना वोट बैंक मानते हैं और भीड़ जुटाकर यह साबित करने की कोशिश भी की है.
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