उत्तरकाशी: जनपद की रामलीला में साल 2015 से दंपतियों की ओर से भी विभिन्न पात्रों के अभिनय किया जा रहा है, जो परंपरा बदस्तूर जारी है. दंपतियों द्वारा राजा जनक और उनकी पत्नी सुनयना के किरदार को बखूबी निभाया और उनके अभिनय को भी लोगों ने खूब पसंद किया है. जिनके किरदार को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.
श्री आदर्श रामलीला समिति के सदस्य जयेंद्र पंवार ने बताया कि 73 साल की हो चुकी जनपद की रामलीला में समय के साथ कई बदलाव देखने को मिले हैं. पहले महिलाओं के किरदार भी पुरुष ही निभाते थे. उसके बाद युवतियां और महिलाओं ने भी अपने अभिनय की मिसाल इस मंच पर पेश की. वहीं, साल 2015 से रामलीला में एक नई शुरुआत हुई, जब किसी दंपति जोड़े ने पहली बार एक साथ अभिनय करने की अपनी इच्छा प्रकट की.
जयेंद्र पंवार ने बताया कि पहली बार बड़ेथी गांव निवासी शांति प्रसाद भट्ट और उनकी धर्मपत्नी प्रमिला देवी ने राजा जनक और सुनयना का किरदार निभाया. उन्होंने पांच वर्षों तक निरंतर इस परंपरा को बनाए रखा. हर वर्ष वह अपने घर रामबारात ले गए, इसलिए उन्होंने अपने घर का नाम ही जनकपुरी रख दिया. उसके बाद कामर गांव निवासी विजय चौहान और उनकी धर्मपत्नी राजवंती चौहान ने तीन वर्ष तक राजा जनक और सुनयना का किरदार निभाया.
इस वर्ष नए कलाकारों के आने पर इन दोनों दंपतियों ने शिव और पार्वती के पात्रों के रूप में अभिनय किया. इस वर्ष की रामलीला में वरूणाघाटी के साल्ड गांव के संतोष नौटियाल और उनकी पत्नी पुनीता जनक और सुनयना के रूप में नजर आ रहे हैं. दर्शकों की ओर से इन दंपतियों के किरदारों को खूब सराहा गया.
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