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बुजुर्ग दंपती के लिए कर्ज बना काल, बैंकों की वसूली से परेशान पति-पत्नी ने किया सुसाइड - Chapra Suicide Case - CHAPRA SUICIDE CASE

बिहार के छपरा में बुजुर्ग दंपती ने खुदकुशी कर ली. बताया जा रहा है कि लोन नहीं चुका पाने और बैंक की सख्त वसूली के चलते ये घटना सामने आई है. स्थानीय विधायक ने ये मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों पर सवाल उठाए और गरीबों को लोन के जाल में धकेलने वाले माइक्रो फाइनेंस बैंकों को बंद कर कार्रवाई की मांग की है. पढे़ं पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 6, 2024, 4:55 PM IST

Updated : Jul 6, 2024, 5:09 PM IST

छपरा : बिहार के छपरा में एक बुजुर्ग दंपती ने खुदकुशी कर ली. जो वजह सामने आ रही है वो चौंकाने वाली है. माइक्रो फाइनेंस कंपनियां आसानी से लोन तो दे देतीं हैं लेकिन जब किश्ते नहीं चुका पाते तो वो ग्राहकों को टॉर्चर करना शुरू कर देती हैं. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया छपरा में जहां रामईश्वर प्रसाद ने अपनी पोती की शादी के लिए लोन लिया. लेकिन वो जब लोन नहीं चुका पाए तब माइक्रो फाइनेंस बैंक के कर्मी उनके साथ दुर्वव्यहार करने लगे. जिससे तंग आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली.

लोन बना जंजाल : दंपति रोज रोज की वसूली से तंग आकर घर से निकले और जहरीला पदार्थ खाकर रिविलगंज स्टेशन तक पहुंचे जहां उनकी डेडबॉडी आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने बरामद की. दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पुलिस ने छानबीन की. जांच के दौरान ही लोन नहीं चुका पाने के चलते खुदकुशी करने का मामला सामने आया. स्थानीय लोगों ने बताया कि बैंक के कर्मी वसूली के लिए दंपती के साथ गलत बर्ताव करते थे.

छपरा में दंपती ने की आत्महत्या : मृतक की पहचान सारण जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र निवासी रामईश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी लालमुनी देवी के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि बैंक के कर्मी लोन चुकाने के लिए बुरा बर्ताव करते थे. रामईश्वर प्रसाद दिहाड़ी मजदूर थे लिहाजा लोन चुकाने में असमर्थ थे. दबाव से परेशान होकर दोनों ने खुदकुशी कर लिया. पति-पत्नी का शव रिविलगंज रेलवे स्टेशन पर पाया गया.

लोन चुकाने का दबाव डाल रहा था बैंक : वही इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि इन लोगों ने निजी बैंक से कर्ज लिया था. कर्ज वापस नहीं कर पा रहे थे. इसके कारण बैंक वाले काफी बुरा बर्ताव कर रहे थे. इसलिए यह दोनों पति-पत्नी ने यह कदम उठाया है. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और राजकीय रेल पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया. घटना की जानकारी मिलने पर मांझी क्षेत्र के विधायक सत्येंद्र यादव भी घटनास्थल पर पहुंचे. इस मामले में पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर जांच शुरू कर दी है.

जबरदस्ती लोन वसूली पर रोक की मांग : घटनास्थल पर पहुंचे मांझी विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा है कि ''राष्ट्रीयकृत बैंक गरीबों को लोन नहीं देती है और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गरीबों को लोन देकर वसूली के लिए बुरा बर्ताव करती हैं, जिसके कारण इन लोगों ने आत्महत्या की है. मैं ऐसे माइक्रो फाइनेंस कंपनी पर रोक लगाने की मांग करता हूं.''

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छपरा : बिहार के छपरा में एक बुजुर्ग दंपती ने खुदकुशी कर ली. जो वजह सामने आ रही है वो चौंकाने वाली है. माइक्रो फाइनेंस कंपनियां आसानी से लोन तो दे देतीं हैं लेकिन जब किश्ते नहीं चुका पाते तो वो ग्राहकों को टॉर्चर करना शुरू कर देती हैं. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया छपरा में जहां रामईश्वर प्रसाद ने अपनी पोती की शादी के लिए लोन लिया. लेकिन वो जब लोन नहीं चुका पाए तब माइक्रो फाइनेंस बैंक के कर्मी उनके साथ दुर्वव्यहार करने लगे. जिससे तंग आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली.

लोन बना जंजाल : दंपति रोज रोज की वसूली से तंग आकर घर से निकले और जहरीला पदार्थ खाकर रिविलगंज स्टेशन तक पहुंचे जहां उनकी डेडबॉडी आरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने बरामद की. दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पुलिस ने छानबीन की. जांच के दौरान ही लोन नहीं चुका पाने के चलते खुदकुशी करने का मामला सामने आया. स्थानीय लोगों ने बताया कि बैंक के कर्मी वसूली के लिए दंपती के साथ गलत बर्ताव करते थे.

छपरा में दंपती ने की आत्महत्या : मृतक की पहचान सारण जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र निवासी रामईश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी लालमुनी देवी के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि बैंक के कर्मी लोन चुकाने के लिए बुरा बर्ताव करते थे. रामईश्वर प्रसाद दिहाड़ी मजदूर थे लिहाजा लोन चुकाने में असमर्थ थे. दबाव से परेशान होकर दोनों ने खुदकुशी कर लिया. पति-पत्नी का शव रिविलगंज रेलवे स्टेशन पर पाया गया.

लोन चुकाने का दबाव डाल रहा था बैंक : वही इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि इन लोगों ने निजी बैंक से कर्ज लिया था. कर्ज वापस नहीं कर पा रहे थे. इसके कारण बैंक वाले काफी बुरा बर्ताव कर रहे थे. इसलिए यह दोनों पति-पत्नी ने यह कदम उठाया है. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और राजकीय रेल पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया. घटना की जानकारी मिलने पर मांझी क्षेत्र के विधायक सत्येंद्र यादव भी घटनास्थल पर पहुंचे. इस मामले में पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर जांच शुरू कर दी है.

जबरदस्ती लोन वसूली पर रोक की मांग : घटनास्थल पर पहुंचे मांझी विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा है कि ''राष्ट्रीयकृत बैंक गरीबों को लोन नहीं देती है और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गरीबों को लोन देकर वसूली के लिए बुरा बर्ताव करती हैं, जिसके कारण इन लोगों ने आत्महत्या की है. मैं ऐसे माइक्रो फाइनेंस कंपनी पर रोक लगाने की मांग करता हूं.''

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Last Updated : Jul 6, 2024, 5:09 PM IST
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