गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के दूरस्थ क्षेत्र खनसर घाटी के कस्वीनगर में सड़क और स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर चल रही भूख हड़ताल के चौथे दिन एक और आंदोलनकारी भूख हड़ताल पर बैठ गया है. भूख हड़ताल में बैठने वालों की संख्या अब तीन हो गई है. कड़कड़ाती ठंड और बर्फ के बीच घने जंगल में टेंट लगाकर भूख हड़ताल कर रहे ग्रामीणों की सुध लेने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि अब तक नहीं पहुंचा है, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है.
खीड़ा-खंसर-बधाण मित्रमंडल संगठन के अध्यक्ष शयन सिंह नेगी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते 50 साल में 5 किलोमीटर सड़क नहीं बन पाई. मामले में क्षेत्रीय विधायक द्वारा रुचि ना लेना ही सबसे बड़ी समस्या है. वहीं, अनशन कर रहे कुंवर सिंह नेगी ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि समस्या को समझने के लिए तैयार नहीं हैं. जिससे घने जंगल के बीच टेंट लगाकर भूख हड़ताल करनी पड़ रही है.
अनशनकारी रमेश चंद्र जोशी ने कहा कि हम अपनी जरूरत के लिए अपने प्राण देने को तैयार हैं, लेकिन चुने हुए जनप्रतिनिधि हड़ताल के चार दिन बाद भी सुध लेने को तैयार नहीं हैं. वहीं, अनशनकारी अवतार सिंह कोटवाल ने कहा कि सरकार तक बात पहुंचाने का काम चुने हुए जनप्रतिनिधियों का है, लेकिन अभी एक बार भी संपर्क नहीं किया गया है. जिससे उनकी संवेदनशीलता को समझा जा सकता है. वहीं, आंदोलन को लेकर अधिकारियों के पहुंचने की संभावनाओं को लेकर लोक निर्माण विभाग ने देवपुरी से 14 किलोमीटर दूर कस्वीनगर तक क्षतिग्रस्त सड़क के गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया है. भूख हड़ताल को लेकर कुंवर सिंह नेगी का आज चौथा दिन है. रमेश चंद्र जोशी का दूसरा दिन, जबकि अवतार सिंह कोटवाल ने आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
बता दें कि 5 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन में अब तक तीन लोग भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं. जिसमें देवपुरी के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी, लखण निवासी चंद्र दत्त जोशी और टेटुडा के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अवतार सिंह कोटवाल शामिल हैं. विकासखंड गैरसैंण व थराली के विभिन्न गांवों के ग्रामीण समर्थन देने पहुंच रहे हैं. वहीं, अनशन स्थल पर खीडा-खंसर-बधाण मित्रमंडल संगठन के अध्यक्ष शयन सिंह नेगी की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें शासन-प्रशासन सहित लोक निर्माण विभाग के रवैयै पर नाराजगी जताई गई.
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