कोरिया: बैकुंठपुर के प्रेमाबाग मंदिर में गुरुवार से चतुर्थ श्रेणी अभ्यर्थियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर दी है. भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थी साल 2012 में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए चयनित हुए थे. चयनित होने वाले में कुल 36 लोग शामिल हैं. धरने और भूख हड़ताल पर बैठे लोगों का आरोप है कि उनको नौकरी मिली. बाद में उनको नकल के झूठे प्रकरण में फंसाकर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. नौकरी को फिर से हासिल करने को लेकर अब भूख हड़ताल पर हैं.
हाई कोर्ट ने दिया था आदेश: नौकरी से बर्खास्त किए जाने के खिलाफ अभ्यर्थियों ने कोर्ट में 11 साल की लंबी लड़ाई लड़ी. कोर्ट में लंबी चली सुनवाई के बाद सभी अभ्यर्थियों को नकल प्रकरण में निर्दोष पाया गया. कोर्ट ने सभी को आरोपों से दोष मुक्त कर दिया. आवेदकों का कहना है कि उसके बाद कोर्ट ने सभी को नौकरी पर रखने के आदेश दिए. कलेक्ट्रेट कार्यालय को भी इससे संबंधित निर्देश दिए गए. बावजूद इसके आवेदकों का कहना है कि उनको नौकरी पर नहीं रखा गया है.
''हमारा हक मारा जा रहा है'': अभ्यर्थियों का आरोप है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद जब वे नौकरी ज्वाइन करने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय ने उनकी नियुक्ति के दस्तावेज उपलब्ध न होने का हवाला दिया. नौकरी ज्वाइन कराने में असमर्थता जताई. इससे आहत होकर सभी अभ्यर्थियों ने अपनी नौकरी की बहाली की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका हक मारा जा रहा है.