अलीगढ़ : जिले के कई डिग्री कॉलेजों में MA की सैकड़ों छात्राओं को ह्यूमन वैल्यूज और एनवायरमेंट स्टडीज जैसे विषयों में फेल कर दिए जाने के बाद आक्रोश व्याप्त है. गुरुवार को इस मामले को लेकर टीकाराम (टीआर) डिग्री कॉलेज की करीब डेढ़ सौ से ज्यादा छात्राओं ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर कार्यालय का घेराव करते हुए दोधपुर रोड पर जाम लगा दिया. प्रदर्शन की सूचना पर सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची. सिविल लाइन इंस्पेक्टर ने छात्राओं को मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी देकर जाम खुलवाया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों को कुलपति कार्यालय में भेज दिया गया.
छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें एमए में प्रवेश तो दिया, लेकिन उन्हें आईकार्ड तक नहीं दिए गए. अब परीक्षा परिणाम आने पर उन्हें फेल बताया जा रहा है और फीस वापस लेने की सलाह दी जा रही है. प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने आरोप लगाया कि वे पिछले एक महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन के चक्कर काट रही हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. टीआर डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि यह समस्या सिर्फ उनके कॉलेज तक सीमित नहीं है. डीएस डिग्री कॉलेज, वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज और अन्य डिग्री कॉलेजों की छात्राएं भी इसी समस्या से जूझ रही हैं.
छात्राओं का कहना है कि ह्यूमन वैल्यूज और एनवायरमेंट स्टडीज जैसे विषयों में फेल होना समझ से परे है. छात्राओं ने परीक्षा न देने का निर्णय लिया है और इस मामले में न्याय की मांग की है. राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार कैलाश ने बताया कि यह मामला गंभीर है. छात्राएं तीन दिन पहले भी अपनी समस्या लेकर आई थीं. कुलपति ने इस मुद्दे को हल करने के लिए शुक्रवार को परीक्षा समिति की बैठक बुलाई है. जो भी निर्णय होगा, उसकी जानकारी छात्राओं को दी जाएगी. डिप्टी रजिस्ट्रार के अनुसार, यूनिवर्सिटी से जुड़े करीब 70 हजार छात्र-छात्राओं में से 14 हजार के परीक्षा परिणाम प्रभावित हुए हैं. यह मामला केवल टीआर डिग्री कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य कॉलेजों की छात्राओं को भी इस समस्या का सामना करना पड़ा है.
छात्राओं ने अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर गहरी चिंता जताई है. प्रदर्शन कर रही छात्राओं का कहना है कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उनके करियर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. अब सभी की निगाहें शुक्रवार को होने वाली परीक्षा समिति की बैठक पर टिकी हैं. छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रशासन और यूनिवर्सिटी के बीच समन्वय की कमी से उनका भविष्य दांव पर लगा है. यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो छात्राएं अपने आंदोलन को और तेज करेंगी.