पलामू: नक्सली संगठन से जुड़े कैडरों का आपराधिक चेहरा सामने आ रहा है. जेल से बाहर आने के बाद नक्सली कमांडर आपराधिक गिरोहों में शामिल होकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के सदस्य रहे कमांडरों पर झारखंड के विभिन्न इलाकों में सोना लूट की घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगा है.
जेल से बाहर आने के बाद नक्सली सोना लूट गिरोह के सदस्य बन गए और घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस ने झारखंड-बिहार सीमा पर खासकर पलामू इलाके में जेल से बाहर आने वाले नक्सली कैडरों और उनके समर्थकों को अपने रडार पर लिया है. पुलिस ने 317 ऐसे चेहरों की पहचान की है, जो भाकपा माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी से जुड़े हैं. एसपी ने कहा कि पुलिस लगातार अभियान चलाकर नक्सलियों के कैडर और समर्थकों की जांच की जा रही है.
"पलामू पुलिस अभियान चलाकर जेल से बाहर आने वाले नक्सली कैडर और उनका समर्थन करने वालों की जांच कर रही है. पुलिस जांच में कई जानकारियां मिली हैं, जिसके बाद आगे सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जांच में अभी पता चला है कि जेल से बाहर आने के बाद कई नक्सली कैडर उनके द्वारा समर्थित आपराधिक गिरोह में शामिल हो गए हैं. पुलिस ने उन सभी की पहचान कर ली है." - रीष्मा रमेशन, एसपी
पुलिस के रडार पर ये 317 चेहरे
पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 08 एक्टिव मेंबर, 21 पूर्व कैडर, 42 समर्थक, तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के 07 एक्टिव मेंबर और 152 पूर्व कैडर व समर्थक, जेजीएमपी के 08 सक्रिय सदस्य, 20 पूर्व कैडर और 57 समर्थकों की पहचान की गई है. इनमें से अधिकांश झारखंड बिहार सीमा पर छतरपुर, नौडीहा बाजार, हरिहरगंज, हुसैनाबाद इलाके के हैं. चैनपुर, रामगढ़ और सतबरवा इलाके में अधिकांश पूर्व कैडर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में संलिप्त हैं.
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