शिमला: हिमाचल में 31 जुलाई की आधी रात को भारी बारिश ने प्रदेश में कहर बरपाया है. बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से कई लोग लापता हुए हैं. वहीं, भारी बारिश के साथ आए तेज तूफान ने किसानों और बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. प्रदेश में सेब की फसल तैयार है. इस बीच तेज तूफान के कारण पेड़ों से झड़ कर सेब के खेतों में ढेर लग गए हैं. ऐसे में सरकार ने बागवानों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें राहत पहुंचाने का फैसला लिया है. इसके लिए एपीएमसी ने निर्धारित समय से पहले झड़े हुए सेब को खरीदने का फैसला लिया है, ताकि बागवानों का नुकसान होने से बचाया जा सके.
20 HPMC केंद्रों पर खरीद शुरू
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि दो दिन पहले मौसम बिगड़ने की वजह से सेब की फसल को नुकसान हुआ है. ऐसे में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एचपीएमसी को बागवानों से सेब की खरीद करने को कहा गया है. जिसके लिए बागवानी को एचपीएमसी के केंद्र प्रभारियों से लिखित में आवेदन करना होगा. एचपीएमसी ने शुरुआती तौर पर अभी 20 केंद्रों पर सेब की खरीद शुरू कर दी है. इसके अलावा अगले कुछ दिनों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों सहित कम ऊंचाई वाले सेब बहुल क्षेत्रों में 40 के करीब क्षेत्रों में सेब खरीद शुरू हो जाएगी.
प्रदेश में 115 सड़कें अवरुद्ध
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से 115 सड़कें अभी अवरुद्ध हैं. इसमें बहुत से सड़कें सेब बहुल क्षेत्रों में बंद पड़ी हैं. ऐसे में मंडियों तक सेब पहुंचाने में बागवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. सड़कों को खोलने के लिए फील्ड में मशीनरी लगाई गई है. मंडी जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब का सीजन शुरू हो गया है. इस जिले में सबसे अधिक 46 सड़कें बंद हैं. इसी तरह से कुल्लू जिले में भारी बारिश के बाद अभी 38 सड़कें अवरुद्ध हैं. शिमला जिले में 15, सिरमौर में 6, कांगड़ा में 6, किन्नौर में 3 और लाहौल स्पीति में 1 सड़क बंद है.
इस बार 2.91 करोड़ सेब पेटियों का अनुमान
हिमाचल में पहले ही इस बार सेब उत्पादन औसत से कम रहने की संभावना जताई गई है. इस पर तूफान की वजह से सेब की फसल को और नुकसान हो गया है. प्रदेश में अबकी बार 2,91,42,800 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया है. इसमें सबसे अधिक सेब जिला शिमला में 1,60,99,550 पेटियां होने की संभावना है. प्रदेश में सबसे अधिक सेब जिला शिमला में ही होता है. वहीं, कुल्लू जिले में 62,70,600 सेब पेटियां होने की संभावना जताई गई है. इसी तरह से किन्नौर जिले में 33,32,200 सेब की पेटियां होने का अनुमान है. मंडी जिले में 24,47,250 सेब पेटियों का उत्पादन रह सकता है. चंबा जिले में 5,98,150 पेटियां सेब होने का अनुमान लगाया गया है. सिरमौर जिले में भी सेब उत्पादन 3,09,400 पेटियां होने का अनुमान जताया गया है. लाहौल स्पीति में 64,050 पेटियां, कांगड़ा में 15,000 पेटियां, सोलन में 4,900 पेटियां, बिलासपुर में 1300 पेटियां, हमीरपुर में 350 पेटियां और ऊना जिले में सबसे कम 50 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान है.
जिला | अनुमानित सेब पेटियां- 2024 |
शिमला | 1,60,99,550 |
कुल्लू | 62,70,600 |
किन्नौर | 33,32,200 |
मंडी | 24,47,250 |
चंबा | 5,98,150 |
सिरमौर | 3,09,400 |
लाहौल स्पीति | 64,050 |
कांगड़ा | 15,000 |
सोलन | 4,900 |
बिलासपुर | 1300 |
हमीरपुर | 350 |
ऊना | 50 |
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