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"सरकार को DA और एरियर देना ही पड़ेगा, कर्मचारी अपना हक मांग रहे हैं, कोई खैरात नहीं" - Himachal govt employees DA Arrears

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 7:12 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 7:24 PM IST

Himachal Employees Unhappy With Sukhu Govt Over DA and Arrear: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा डीए और एरियर नहीं बढ़ाए जाने से सरकारी कर्मचारी नाखुश हैं. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा सरकार को डीए और एरियर तो देना ही होगा. कर्मचारी सरकार से अपना हक मांग रहे हैं न कि कोई खैरात. पढ़िए पूरी खबर...

डीए-एरियर को लेकर सरकार और कर्मचारी में तनातनी!
डीए-एरियर को लेकर सरकार और कर्मचारी में तनातनी! (ETV Bharat)
डीए-एरियर नहीं मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि सरकार डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकती है. 90 हजार करोड़ के करीब कर्ज में दबी सरकार से कर्मचारियों को कम से कम चार फीसदी डीए की घोषणा किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन देहरा में आयोजित हुए स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न तो चार फीसदी डीए का जिक्र किया और न ही एरियर की घोषणा की गई.

हालांकि, इस दौरान सीएम ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया. वहीं सीएम ने अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही है. ऐसे में लाखों कर्मचारी सुक्खू सरकार से नाराज है. ईटीवी से बात करते हुए हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि हम अपना हक मांग रहे हैं. कर्मचारियों को सरकार से कोई खैरात नहीं चाहिए.

तीन किस्त पेंडिंग, चौथी अब देय: संजीव शर्मा ने कहा, "पहले हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस या दिवाली के मौके पर कर्मचारियों को सरकार कुछ न कुछ देती थी. इस बार भी उम्मीद थी कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर्मचारियों को कम से कम 4 फीसदी डीए की किस्त तो दी जाएगी. लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्त देनी है. जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी है. अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय होगी".

संजीव शर्मा ने कहा कि केंद्र ने कर्मचारियों को तीनों किस्त जारी कर दी हैं, लेकिन हिमाचल सरकार ने डीए की एक भी किस्त नहीं दी है. इसको लेकर 12 अगस्त को मुख्यमंत्री से मिलकर मांग भी की गई थी. संशोधित वेतनमान का एरियर काफी समय से पेंडिंग है. पिछली बार सरकार ने 0.025 फीसदी के हिसाब से एरियर दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी. जिसे सभी कर्मचारियों ने नकार दिया था और सरकार को अधिसूचना वापस लेनी पड़ी थी.

डीए और एरियर तो सरकार को देना ही होगा: हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा है कि डीए और एरियर तो सरकार को देना ही पड़ेगा. कर्मचारियों ने सरकार से अपना हक मांगा है, खैरात नहीं मांग रहे हैं. सब्जियों से लेकर बच्चों की फीस महंगी हो गई है. अब हर जगह महंगाई की मार पड़ रही है. जिससे कर्मचारियों को निजात दिलाने के लिए महंगाई भत्ता देती है. केंद्र ने अपने कर्मचारियों को डीए की तीनों किस्त जारी कर दी है. हिमाचल में कर्मचारी को एक भी किस्त नहीं मिली है. कर्मचारी भी अपने हक को लेकर पीछे हटने वाले नहीं है.

संजीव शर्मा ने कहा कि अगर सरकार 4 फीसदी डीए की किस्त भी जारी करती है तो क्लास फोर से क्लास वन के कर्मचारियों के हिस्से में औसतन 1 हजार से ₹8 हजार आएंगे, जिससे सरकार के खजाने पर करीब 550 करोड़ को बोझ पड़ेगा. अगली रणनीति को लेकर कल कर्मचारियों की मीटिंग होगी. वैसे तो डीए और एरियर की मांग स्टेट एनजीओ किया करता है, लेकिन प्रदेश सरकार ने किसी को मान्यता नहीं दी है. यहां पर कर्मचारी दो गुटों में बंटे हैं, जो आपस में लड़ रहे हैं. सरकार भी यही चाहती है कि कर्मचारी आपस में लड़ते रहे. एक मंच पर आकर सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने की अपील की हैं.

ये भी पढ़ें: डीए व एरियर को लेकर इस साल सरकार के हाथ खड़े, अब 2025 का करना होगा इंतजार

डीए-एरियर नहीं मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि सरकार डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकती है. 90 हजार करोड़ के करीब कर्ज में दबी सरकार से कर्मचारियों को कम से कम चार फीसदी डीए की घोषणा किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन देहरा में आयोजित हुए स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न तो चार फीसदी डीए का जिक्र किया और न ही एरियर की घोषणा की गई.

हालांकि, इस दौरान सीएम ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया. वहीं सीएम ने अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही है. ऐसे में लाखों कर्मचारी सुक्खू सरकार से नाराज है. ईटीवी से बात करते हुए हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि हम अपना हक मांग रहे हैं. कर्मचारियों को सरकार से कोई खैरात नहीं चाहिए.

तीन किस्त पेंडिंग, चौथी अब देय: संजीव शर्मा ने कहा, "पहले हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस या दिवाली के मौके पर कर्मचारियों को सरकार कुछ न कुछ देती थी. इस बार भी उम्मीद थी कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कर्मचारियों को कम से कम 4 फीसदी डीए की किस्त तो दी जाएगी. लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्त देनी है. जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी है. अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय होगी".

संजीव शर्मा ने कहा कि केंद्र ने कर्मचारियों को तीनों किस्त जारी कर दी हैं, लेकिन हिमाचल सरकार ने डीए की एक भी किस्त नहीं दी है. इसको लेकर 12 अगस्त को मुख्यमंत्री से मिलकर मांग भी की गई थी. संशोधित वेतनमान का एरियर काफी समय से पेंडिंग है. पिछली बार सरकार ने 0.025 फीसदी के हिसाब से एरियर दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी. जिसे सभी कर्मचारियों ने नकार दिया था और सरकार को अधिसूचना वापस लेनी पड़ी थी.

डीए और एरियर तो सरकार को देना ही होगा: हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा है कि डीए और एरियर तो सरकार को देना ही पड़ेगा. कर्मचारियों ने सरकार से अपना हक मांगा है, खैरात नहीं मांग रहे हैं. सब्जियों से लेकर बच्चों की फीस महंगी हो गई है. अब हर जगह महंगाई की मार पड़ रही है. जिससे कर्मचारियों को निजात दिलाने के लिए महंगाई भत्ता देती है. केंद्र ने अपने कर्मचारियों को डीए की तीनों किस्त जारी कर दी है. हिमाचल में कर्मचारी को एक भी किस्त नहीं मिली है. कर्मचारी भी अपने हक को लेकर पीछे हटने वाले नहीं है.

संजीव शर्मा ने कहा कि अगर सरकार 4 फीसदी डीए की किस्त भी जारी करती है तो क्लास फोर से क्लास वन के कर्मचारियों के हिस्से में औसतन 1 हजार से ₹8 हजार आएंगे, जिससे सरकार के खजाने पर करीब 550 करोड़ को बोझ पड़ेगा. अगली रणनीति को लेकर कल कर्मचारियों की मीटिंग होगी. वैसे तो डीए और एरियर की मांग स्टेट एनजीओ किया करता है, लेकिन प्रदेश सरकार ने किसी को मान्यता नहीं दी है. यहां पर कर्मचारी दो गुटों में बंटे हैं, जो आपस में लड़ रहे हैं. सरकार भी यही चाहती है कि कर्मचारी आपस में लड़ते रहे. एक मंच पर आकर सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने की अपील की हैं.

ये भी पढ़ें: डीए व एरियर को लेकर इस साल सरकार के हाथ खड़े, अब 2025 का करना होगा इंतजार

Last Updated : Aug 16, 2024, 7:24 PM IST
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