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रुद्राक्ष असली है या नकली, ये तीन स्टेप खोल देंगे दुकानदार की पोल, जानिए महत्व और लाभ - Identify Real Rudraksha

धर्म नगरी काशी में भी सावन से पहले युवाओं में रुद्राक्ष पहनने का खासा ट्रेंड नजर आ रहा है. जिसका असर स्पष्ट रूप से बाजार में भी दिखाई दे रहा है. युवा रुद्राक्ष माला के साथ तरह-तरह के ब्रेसलेट वह सिंगल दाने को भी पहनना पसंद कर रहे हैं. युवाओं की डिमांड को देखते हुए बाजार में भी युवा वर्ग के लिए अलग-अलग तरीके के रुद्राक्ष के आभूषणों को तैयार किया गया है.

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सावन में इन रुद्राक्ष के आभूषणों का युवाओं में क्रेज. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 11:18 AM IST

वाराणसी: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कोई भी धार्मिक कार्य, अनुष्ठान बिना रुद्राक्ष के पूरा नहीं होता. रुद्राक्ष को लेकर के तरह-तरह की मान्यताएं भी हैं. साधु संत अनुष्ठान के रूप में प्रयोग करते हैं तो वहीं अन्य लोग अपनी सेहत व आध्यत्म से जोड़ते हुए इसे धारण करते हैं.

कुछ लोग आभूषण की तरह पहनना पसंद करते हैं. लेकिन, आज के दौर में युवाओं में रुद्राक्ष को लेकर खासा क्रेज देखने को मिल रहा है. रुद्राक्ष के अलग-अलग तरीके के आभूषण इन दिनों युवाओं को खूब भा रहे हैं.

सावन में रुद्राक्ष के क्रेज पर संवाददाता प्रतिमा तिवारी की खास रिपोर्ट. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

धर्म नगरी काशी में भी सावन से पहले युवाओं में रुद्राक्ष पहनने का खासा ट्रेंड नजर आ रहा है. जिसका असर स्पष्ट रूप से बाजार में भी दिखाई दे रहा है. युवा रुद्राक्ष माला के साथ तरह-तरह के ब्रेसलेट वह सिंगल दाने को भी पहनना पसंद कर रहे हैं. युवाओं की डिमांड को देखते हुए बाजार में भी युवा वर्ग के लिए अलग-अलग तरीके के रुद्राक्ष के आभूषणों को तैयार किया गया है.

दुकानदार बताते हैं कि, आजकल युवाओं में सबसे ज्यादा रुद्राक्ष के ब्रेसलेट की डिमांड है. सिंगल दाने का ब्रेसलेट, 51 दाने का ब्रेसलेट, 21 दाने का ब्रेसलेट या फिर 108 दाने से बना हुआ ब्रेसलेट खूब डिमांड पर है. जिसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक होती है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

वहीं युवाओं का कहना है कि रुद्राक्ष हमें धर्म के साथ फैशन से भी जोड़ता है. सावन भगवान भोले का महीना होता है. इसलिए हम सावन में विशेष रूप से रुद्राक्ष को धारण करते हैं. यह दिखने में अच्छा लगता है और इसके साथ ही ये हमें सकारात्मक ऊर्जा देता है.

प्रतिवर्ष 15 करोड़ का है रुद्राक्ष का कारोबार: वाराणसी में सबसे बड़े रुद्राक्ष कारोबारी अभिषेक बताते हैं कि वाराणसी से रुद्राक्ष का कारोबार पूरे भारत व विदेश में भी होता है. हर दिन सामान्य रूप से 10,000 से ज्यादा माला बेची जाती हैं. इसके अलावा फुटकर अन्य व्यापारियों की डिमांड पर यह बिक्री बढ़ती रहती है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

उन्होंने बताया कि, आंकड़े देखें तो हर माह एक करोड़ से ज्यादा का रुद्राक्ष का कारोबार होता है. वहीं, सालाना लगभग 15 करोड़ रुपए का कारोबार है. इसके साथ ही सावन में यह कारोबार बढ़ जाता है. सावन में लगभग 25 फीसदी से ज्यादा का उछाल रुद्राक्ष के कारोबार में देखने को मिलता है.

असली और नकली रुद्राक्ष की कैसे करें पहचान: रुद्राक्ष की बात करें तो बाजार में तरह-तरह के रुद्राक्ष बेचे जाते हैं, जिनमें कुछ असली और नकली होते हैं. वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद इलेइओकापर्स ग्रेनीट्रस को असली और इलेइओकापर्सलेकुनोसस को नकली रुद्राक्ष माना गया है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

वर्तमान में बाजार में प्लास्टिक और फाइबर के बने हुए रुद्राक्ष बेचे जा रहे हैं. यही नहीं कई व्यापारी लकड़ी को रुद्राक्ष की तरह तैयार करके उसे बाजार में बेच रहे हैं. लेकिन असली रुद्राक्ष प्राकृतिक स्वरूप का बना होता है, जिसमें प्राकृतिक छेद होता है.

कारोबारी बताते हैं कि यदि असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डुबोया जाए तो वह रंग नहीं छोड़ता, जबकि नकली रुद्राक्ष अपना रंग छोड़ देता है. असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है और नकली रुद्राक्ष ऊपर तैरता रहता है. असली रुद्राक्ष को पहचानने के लिए उसे किसी नुकीली चीज से कुरेदने पर उसमें रेशा निकलता है जबकि नकली रुद्राक्ष पर इस तरीके का कोई रेशा नहीं होता है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

स्वास्थ्य पर रुद्राक्ष का असर: आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रोफेसर अजय कुमार गुप्ता बताते हैं कि, रुद्राक्ष सेहत के लिए बेहतर माना जाता है. जिसमें पंचमुखी रुद्राक्ष को मानसिक शांति पाने के लिए सर्वोत्तम माना गया है. जो भी व्यक्ति पंचमुखी रुद्राक्ष पहनता है, उसे स्ट्रेस नहीं होता और तमाम बीमारियों से वह दूर रहता है. इसके अलावा भी रुद्राक्ष के अन्य फायदे हैं.

  • हार्टबीट नार्मल रहती है.
  • तनाव दूर करता है.
  • एकाग्रता बढ़ती है.
  • मानसिक परेशानी दूर रहती है.
  • समृद्वि का खजाना माना जाता है.
    वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
    वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

एक से 21 मुखी तक होते हैं रुद्राक्ष: काशी के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मुख्यतः 1 से लेकर 21 मुखी तक होता है. हर मुखी रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व और विशेषता होती है. इनको धारण करने के अलग-अलग लाभ होते हैं.

  • एक मुखी रुद्राक्ष आत्म साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास के लिए.
  • दोमुखी रुद्राक्ष सम्बन्धों में मेल जोल और ध्यान में स्थिरता.
  • 3 मुखी रुद्राक्ष ब्रम्हा के शासन को प्रतिष्ठित करती हैं और सफलता प्राप्त करती हैं.
  • चार मुखी रुद्राक्ष ध्यान में स्थित आत्मविश्वास और धार्मिक विकास को बढ़ाता है.
  • पंचमुखी रुद्राक्ष, संतान सुख विवाह में सफलता धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए बेहतर होता है.
  • 6 मुखी रुद्राक्ष को शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
  • 8 मुखी रुद्राक्ष धन, समृद्धि और यश के लिए माना जाता है.
  • 9 मुखी रुद्राक्ष संतान सुख शांति समृद्धि.
  • 10 मुखी श्रम, संबल और प्रसिद्धि के लिए माना जाता है.

ये भी पढ़ेंः सावन में घर बैठे भक्तों को मिलेगा बाबा विश्वनाथ का दर्शन, प्रसाद और गंगाजल, बस करना होगा ये काम

वाराणसी: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कोई भी धार्मिक कार्य, अनुष्ठान बिना रुद्राक्ष के पूरा नहीं होता. रुद्राक्ष को लेकर के तरह-तरह की मान्यताएं भी हैं. साधु संत अनुष्ठान के रूप में प्रयोग करते हैं तो वहीं अन्य लोग अपनी सेहत व आध्यत्म से जोड़ते हुए इसे धारण करते हैं.

कुछ लोग आभूषण की तरह पहनना पसंद करते हैं. लेकिन, आज के दौर में युवाओं में रुद्राक्ष को लेकर खासा क्रेज देखने को मिल रहा है. रुद्राक्ष के अलग-अलग तरीके के आभूषण इन दिनों युवाओं को खूब भा रहे हैं.

सावन में रुद्राक्ष के क्रेज पर संवाददाता प्रतिमा तिवारी की खास रिपोर्ट. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

धर्म नगरी काशी में भी सावन से पहले युवाओं में रुद्राक्ष पहनने का खासा ट्रेंड नजर आ रहा है. जिसका असर स्पष्ट रूप से बाजार में भी दिखाई दे रहा है. युवा रुद्राक्ष माला के साथ तरह-तरह के ब्रेसलेट वह सिंगल दाने को भी पहनना पसंद कर रहे हैं. युवाओं की डिमांड को देखते हुए बाजार में भी युवा वर्ग के लिए अलग-अलग तरीके के रुद्राक्ष के आभूषणों को तैयार किया गया है.

दुकानदार बताते हैं कि, आजकल युवाओं में सबसे ज्यादा रुद्राक्ष के ब्रेसलेट की डिमांड है. सिंगल दाने का ब्रेसलेट, 51 दाने का ब्रेसलेट, 21 दाने का ब्रेसलेट या फिर 108 दाने से बना हुआ ब्रेसलेट खूब डिमांड पर है. जिसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक होती है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

वहीं युवाओं का कहना है कि रुद्राक्ष हमें धर्म के साथ फैशन से भी जोड़ता है. सावन भगवान भोले का महीना होता है. इसलिए हम सावन में विशेष रूप से रुद्राक्ष को धारण करते हैं. यह दिखने में अच्छा लगता है और इसके साथ ही ये हमें सकारात्मक ऊर्जा देता है.

प्रतिवर्ष 15 करोड़ का है रुद्राक्ष का कारोबार: वाराणसी में सबसे बड़े रुद्राक्ष कारोबारी अभिषेक बताते हैं कि वाराणसी से रुद्राक्ष का कारोबार पूरे भारत व विदेश में भी होता है. हर दिन सामान्य रूप से 10,000 से ज्यादा माला बेची जाती हैं. इसके अलावा फुटकर अन्य व्यापारियों की डिमांड पर यह बिक्री बढ़ती रहती है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

उन्होंने बताया कि, आंकड़े देखें तो हर माह एक करोड़ से ज्यादा का रुद्राक्ष का कारोबार होता है. वहीं, सालाना लगभग 15 करोड़ रुपए का कारोबार है. इसके साथ ही सावन में यह कारोबार बढ़ जाता है. सावन में लगभग 25 फीसदी से ज्यादा का उछाल रुद्राक्ष के कारोबार में देखने को मिलता है.

असली और नकली रुद्राक्ष की कैसे करें पहचान: रुद्राक्ष की बात करें तो बाजार में तरह-तरह के रुद्राक्ष बेचे जाते हैं, जिनमें कुछ असली और नकली होते हैं. वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद इलेइओकापर्स ग्रेनीट्रस को असली और इलेइओकापर्सलेकुनोसस को नकली रुद्राक्ष माना गया है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

वर्तमान में बाजार में प्लास्टिक और फाइबर के बने हुए रुद्राक्ष बेचे जा रहे हैं. यही नहीं कई व्यापारी लकड़ी को रुद्राक्ष की तरह तैयार करके उसे बाजार में बेच रहे हैं. लेकिन असली रुद्राक्ष प्राकृतिक स्वरूप का बना होता है, जिसमें प्राकृतिक छेद होता है.

कारोबारी बताते हैं कि यदि असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डुबोया जाए तो वह रंग नहीं छोड़ता, जबकि नकली रुद्राक्ष अपना रंग छोड़ देता है. असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है और नकली रुद्राक्ष ऊपर तैरता रहता है. असली रुद्राक्ष को पहचानने के लिए उसे किसी नुकीली चीज से कुरेदने पर उसमें रेशा निकलता है जबकि नकली रुद्राक्ष पर इस तरीके का कोई रेशा नहीं होता है.

वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

स्वास्थ्य पर रुद्राक्ष का असर: आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रोफेसर अजय कुमार गुप्ता बताते हैं कि, रुद्राक्ष सेहत के लिए बेहतर माना जाता है. जिसमें पंचमुखी रुद्राक्ष को मानसिक शांति पाने के लिए सर्वोत्तम माना गया है. जो भी व्यक्ति पंचमुखी रुद्राक्ष पहनता है, उसे स्ट्रेस नहीं होता और तमाम बीमारियों से वह दूर रहता है. इसके अलावा भी रुद्राक्ष के अन्य फायदे हैं.

  • हार्टबीट नार्मल रहती है.
  • तनाव दूर करता है.
  • एकाग्रता बढ़ती है.
  • मानसिक परेशानी दूर रहती है.
  • समृद्वि का खजाना माना जाता है.
    वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण.
    वाराणसी के बाजार में बिकते तरह-तरह के रुद्राक्ष के आभूषण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

एक से 21 मुखी तक होते हैं रुद्राक्ष: काशी के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मुख्यतः 1 से लेकर 21 मुखी तक होता है. हर मुखी रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व और विशेषता होती है. इनको धारण करने के अलग-अलग लाभ होते हैं.

  • एक मुखी रुद्राक्ष आत्म साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास के लिए.
  • दोमुखी रुद्राक्ष सम्बन्धों में मेल जोल और ध्यान में स्थिरता.
  • 3 मुखी रुद्राक्ष ब्रम्हा के शासन को प्रतिष्ठित करती हैं और सफलता प्राप्त करती हैं.
  • चार मुखी रुद्राक्ष ध्यान में स्थित आत्मविश्वास और धार्मिक विकास को बढ़ाता है.
  • पंचमुखी रुद्राक्ष, संतान सुख विवाह में सफलता धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए बेहतर होता है.
  • 6 मुखी रुद्राक्ष को शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
  • 8 मुखी रुद्राक्ष धन, समृद्धि और यश के लिए माना जाता है.
  • 9 मुखी रुद्राक्ष संतान सुख शांति समृद्धि.
  • 10 मुखी श्रम, संबल और प्रसिद्धि के लिए माना जाता है.

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