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इन उपायों से मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति, इस नागपंचमी पर करें ये विशेष पूजा - Nag Panchami 2024 - NAG PANCHAMI 2024

Nag Panchami Festival: 9 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. इस नागपंचमी में नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ती मिलेगी. पढ़िए पूरी खबर...

नागपंचमी 2024
नागपंचमी 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 8, 2024, 4:43 PM IST

Updated : Aug 8, 2024, 4:56 PM IST

कुल्लू: सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ के गले में नाग हमेशा आभूषण की तरह लिपटे होते हैं. इसलिए सनातन धर्म में नागों के पूजन की भी महिमा कही गई है. ऐसे में नागपंचमी का त्योहार शुक्रवार 9 अगस्त को देशभर में मनाया जाएगा. नागपंचमी के दिन जहां नागों की पूजा होती है. वहीं, कुछ उपाय से व्यक्ति को कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.

मान्यता है कि कालसर्प दोष राहु और केतु के कारण होता है और कालसर्प दोष के चलते व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां भी पेश आती है. ऐसे में नागपंचमी के दिन अगर नागों का विधिवत पूजन भक्तों के द्वारा किया जाए, तो उन्हें नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.

आचार्य दीप कुमार ने कहा, "शुक्रवार 9 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार देश पर में मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव के साथ नागों की भी पूजा की जाती है. वहीं, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नागपंचमी के दिन किसी शिव मंदिर या फिर नाग मंदिर में जाकर दूध से उनका अभिषेक करें. फिर शिव मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा आराधना करें. इसके साथ ही चांदी का नौ नाग बनाकर काले कपड़े में रखकर प्रतिष्ठा करें. उसके बाद उन नागों का षोडशोपचार विधि से पूजा करें. उससे भी कालसर्प जनित दोष से मुक्ति मिलती है".

आचार्य दीप कुमार ने बताया कि कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए तांबे का नाग बनवा लें और किसी शंकर भगवान के मंदिर में जाकर उसे रख दें. लेकिन इस दौरान मंदिर में कोई नहीं होना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसा करने से भी काल सर्प दोष से छुटकारा मिलेगा. साथ ही कुंडली में राहु एवं केतु ग्रह का प्रभाव भी कम हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: महिलाओं के लिए खुशखबरी, इस तारीख से मिलेंगे 1500 रुपए, अब तक 7.50 लाख फॉर्म जमा

कुल्लू: सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ के गले में नाग हमेशा आभूषण की तरह लिपटे होते हैं. इसलिए सनातन धर्म में नागों के पूजन की भी महिमा कही गई है. ऐसे में नागपंचमी का त्योहार शुक्रवार 9 अगस्त को देशभर में मनाया जाएगा. नागपंचमी के दिन जहां नागों की पूजा होती है. वहीं, कुछ उपाय से व्यक्ति को कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.

मान्यता है कि कालसर्प दोष राहु और केतु के कारण होता है और कालसर्प दोष के चलते व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां भी पेश आती है. ऐसे में नागपंचमी के दिन अगर नागों का विधिवत पूजन भक्तों के द्वारा किया जाए, तो उन्हें नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.

आचार्य दीप कुमार ने कहा, "शुक्रवार 9 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार देश पर में मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव के साथ नागों की भी पूजा की जाती है. वहीं, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नागपंचमी के दिन किसी शिव मंदिर या फिर नाग मंदिर में जाकर दूध से उनका अभिषेक करें. फिर शिव मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा आराधना करें. इसके साथ ही चांदी का नौ नाग बनाकर काले कपड़े में रखकर प्रतिष्ठा करें. उसके बाद उन नागों का षोडशोपचार विधि से पूजा करें. उससे भी कालसर्प जनित दोष से मुक्ति मिलती है".

आचार्य दीप कुमार ने बताया कि कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए तांबे का नाग बनवा लें और किसी शंकर भगवान के मंदिर में जाकर उसे रख दें. लेकिन इस दौरान मंदिर में कोई नहीं होना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसा करने से भी काल सर्प दोष से छुटकारा मिलेगा. साथ ही कुंडली में राहु एवं केतु ग्रह का प्रभाव भी कम हो जाएगा.

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Last Updated : Aug 8, 2024, 4:56 PM IST
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