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यूपी में कैसे मिलेगी नौकरी; सीएम योगी ने रिटायर IAS अफसरों को लेकर बनाई खास योजना

How to Get Job in UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों सहित की 42 सदस्यीय टीम गठित की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 4:56 PM IST

लखनऊ: 10 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के विविध आयामों से युवाओं का परिचय कराएगा.

इसके लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों सहित की 42 सदस्यीय टीम गठित की है.

17-18 फरवरी को यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर नौकरी/रोजगार/सेवायोजन से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी. साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के संबंध में जागरूक करेगी.

मुख्यमंत्री आवास पर अयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों की 42 सदस्यीय विशेष टीम के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि 10-12 फरवरी 2023 तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता मिली थी.

₹40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए और अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है. यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी/सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के हर जिले के लिए निवेश मिला है. अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक सीमित नही है, बल्कि हर एक जिला इससे लाभान्वित है. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी 75 जिलों को मिलेगा.

19 फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो. अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं.

इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद और संपर्क महत्वपूर्ण है. इस उद्देश्य से राज्य सरकार आप सभी अनुभवी अधिकारियों और शिक्षाविदों का सहयोग ले रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए.

यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए. विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा.

ये भी पढ़ेंः राज्यसभा का आठवां 'अजूबा'; यूपी में दिलचस्प हुआ मुकाबला, अखिलेश 'बुआ' के तो भाजपा क्रॉस वोटिंग के सहारे

लखनऊ: 10 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के विविध आयामों से युवाओं का परिचय कराएगा.

इसके लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों सहित की 42 सदस्यीय टीम गठित की है.

17-18 फरवरी को यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर नौकरी/रोजगार/सेवायोजन से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी. साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के संबंध में जागरूक करेगी.

मुख्यमंत्री आवास पर अयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों की 42 सदस्यीय विशेष टीम के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि 10-12 फरवरी 2023 तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता मिली थी.

₹40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए और अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है. यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी/सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के हर जिले के लिए निवेश मिला है. अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक सीमित नही है, बल्कि हर एक जिला इससे लाभान्वित है. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी 75 जिलों को मिलेगा.

19 फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो. अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं.

इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद और संपर्क महत्वपूर्ण है. इस उद्देश्य से राज्य सरकार आप सभी अनुभवी अधिकारियों और शिक्षाविदों का सहयोग ले रही है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए.

यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए. विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा.

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