कानपुरः आप सोच रहे होंगे कि भला मेरे नाम से कोई बैंक एकाउंट (How to Check Bank Account) कैसे खुलवा सकता है लेकिन आपको बता दें कि कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें एक व्यक्ति के नाम कई बैंक खाते मिले हैं. आपके नाम से खुले बैंक खातों को कैसे पकड़ सकते हैं चलिए आपको आगे बताते हैं.
आखिर क्यों खुलते हैं फर्जी एकाउंटः फर्जी बैंक खाते खुलवाने का उद्देश्य अवैध लेनदेन होता है. ऐसे एकाउंटों का इस्तेमाल हमेशा अवैध धन और मनी लॉड्रिंग में किया जाता है. इसके पीछे का उद्देश्य यह होता है कि फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति पुलिस या ईडी की नजरों में जल्दी सामने नहीं आ पाता है. ऐसे शख्स की कोशिश रहती है कि वह अवैध लेनदेन में आपको फंसा दे. अब आप आसानी से जांच सकते हैं कि आपके नाम पर कितने बैंक खाते चल रहे हैं और इसकी सूचना समय रहते बैंक और पुलिस को दे सकते हैं ताकि फर्जीवाड़ा करने वाले शख्स का मंसूबा फेल हो जाए.
खाता जांचने के प्रमुख तरीके
1. क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें: आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच जरूर करिए. क्रेडिट स्कोर ( लोन लेने और चुकाने पर दिया जाने वाला स्कोर) की भी जांच समय-समय पर करते रहिए. यदि यह तेजी से घट और बढ़ रहा है तो सतर्क हो जाइए और बैंक से इस बारे में जानकारी जुटाकर पता लगाइए कि कहीं आप के नाम पर और कोई दूसरा खाता तो नहीं खुला हुआ है.
2. हर दो-चार महीने में बैंक स्टेटमेंट जांचें: अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच करते रहिए. इसमें ऑनलाइन भुगतान, लेनदेन, क्रेडिट कार्ड और अन्य तरह के वित्तीय लेनदेन शामिल होते हैं. यदि कोई ऐसा अमाउंट जो आपको संदिग्ध लग रहा है और आपको लग रहा है कि आपने वह लेनदेन नहीं किया है तो आप तुरंत बैंक से संपर्क कर इस बारे में जानकारी जुटाइए. इसके लिए आप संबंधित बैंक का ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं.
3. बैंक से भी सीधे संपर्क कर सकते हैं: कभी बैंक जाकर आप सीधे भी संपर्क कर सकते हैं. आप बैंक कर्मचारी से पूछ सकते हैं कि आपके नाम से कितने एकाउंट संचालित हो रहे हैं. बैंकों के पास ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो आसानी से पता लगा लेता है कि एक नाम से कितने एकाउंट चल रहे हैं. बैंक कर्मचारी इसकी जांच कर तुरंत बता देगा.
4. डेबिट और क्रेडिट कार्ड शुल्क की जांच करेंः आप अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड शुल्क की भी जांच कर पता लगा सकते हैं कि आपके नाम से कहीं दो एकाउंट तो नहीं चल रहे हैं. यदि आपके कार्ड का शुल्क ज्यादा जा रहा है और आपके स्टेममेंट में क्रेडिट व डेबिट कार्ड का अमाउंट ज्यादा आ रहा है तो सतर्क हो जाएं और बैंक को इसकी जानकारी दें.
5. आधार (Aadhar) से लिंक खाते की जांच करेंः आप इसके लिए udai की वेबसाइट पर जा सकते हैं. इसमें आधार से लिंक बैंक खाते की जांच करने का ऑप्शन दिया रहता है. आप इस ऑप्शन पर जाकर यह पता लगा सकते हैं कि आपके आधार से कितने बैंक खाते लिंक हैं. यदि एक से अधिक खाते लिंक शो हो रहे हैं तो तुरंत इसकी शिकायत बैंक में करें.
6. मोबाइल नंबर (Mobile Number) से लिंक खाते को भी जाचेंः आप चाहें तो अपने मोबाइल नंबर से लिंक खाते की भी जांच बैंक से करवा सकते हैं और यह पता लगा सकते हैं कि आपके मोबाइल नंबर से कितने खाते लिंक है. यदि कोई गड़बड़ी मिले तो तुरंत इसकी शिकायत बैंक से करें.
फर्जी खाता मिलने पर क्या करेंः यदि जांच के दौरान आपको आपके नाम से कोई खाता फर्जी चलते मिलता है तो तुरंत इसकी सूचना बैंक को दें. इसके बाद वह खाता तुरंत बंद करवाने के लिए बैंक से संपर्क करें और लिखित में अपनी शिकायत दें.
आखिर कैसे होता फर्जीवाड़ाः फर्जीवाड़े से बचने के लिए कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन किसी से भी शेयर न करें. खासकर अपना आधार नंबर, पैन कार्ड. मार्कशीट, राशन कार्ड, ईमेल आईडी समेत महत्वपूर्ण जानकारी कभी भी किसी से शेयर न करें. इन्हीं जानकारियों के आधार पर फर्जीवाड़ा करने वाले आपकी फोटो सोशल मीडिया से निकालकर खाता खुलवा लेते हैं और उनके जरिए अवैध बैकिंग लेनदेन करते हैं.
यूपी के ये मामले फर्जी के खेल की बानगी
- बीती जून में बनारस की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया था जो दूसरों के दस्तावेज से एकाउंट खुलवाकर बेचने पर दस हजार रुपए देता था. इन खातों का इस्तेमाल अवैध लेनदेन में किया जाता था.
- यूपी के मुजफ्फरनगर में बीती माह जीएसटी की टीम एक बेरोजगार युवक के घर पहुंची और उससे कहा कि तुम्हारे नाम पर 250 करोड़ रुपए का जीएसटी टर्नओवर सामने आया है. उसके बैंक खाते से 250 करोड़ रुपए की जीएसटी ई वे बिल से संबंधित लेनदेन किए गए हैं. बाद में पता चला था कि मामला फर्जी बैंक खाते से जुड़ा है.
- बीते साल बस्ती के एक मजदूर के खाते में दो अरब, 21 करोड़, 30 लाख रुपए आ गए थे. मजदूर ने जब बैंक को इसकी जानकारी दी तो पता चला कि उसके दस्तावेजों के सहारे फर्जी खाता खुलवाकर उसमें ये राशि डलवाई गई. ये राशि पूरी तरह से नंबर दो की थी. यह मामला काफी चर्चा में रहा था.
- बीते माह नोएडा की सेक्टर-58 थाना पुलिस ने नोएडा अथॉरिटी के 200 करोड़ के एफडी धोखाधड़ी मामले में मास्टरमाइंड मन्नू भोला को दबोचा था. उसके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, पैन कार्ड, आधार कार्ड और फर्जी बैंक संबंधी दस्तावेज मिले थे. पूछताछ में पता चला था कि इन दस्तावेजों की मदद से वह बैंकों में फर्जी एफडी कराता था.
- बीते साल छात्रवृत्ति के 3000 फर्जी बैंक खाते खोलने का मामला सामने आया था. इसमें पता चला था कि फर्जीवाड़ा करने वालों ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से एक बैंक में ये खाते खुलवाए थे. मकसद छात्रवृत्ति की रकम हड़पना था. पुलिस ने समय रहते इस फर्जीवाड़ा का खुलासा कर दिया.
ट्रांजेक्शन पर नजर रखते हैं: कानपुर के बैंक आफ बड़ौदा कबाड़ी मार्केट ब्रांच के स्पेशल असिस्टेंट मैनेजर मतीन अंसारी का कहना कि जब किसी ग्राहक का बैंक खाता खोला जाता है तो उसके आधार कार्ड से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की जाती है. इसमें ग्राहक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी पहुंचता है, साथ ही आधार कार्ड की पूरी जानकारी बैंक में कॉपी हो जाती है. इससे पता लग जाता है, कि जो कस्टमर आया है वही अपना खाता खुलवा रहा है. किसी तरह का संदेह होने पर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाते है. फर्जी बैंक खातों को पकड़ने के लिए खातों के ट्रांजेक्शन पर नजर रखते हैं. जैसे ही गलत तरीके से लेनदेन का पता चलता है तुरंत एफआईआर दर्ज कराए जाने का प्रावधान है. अगर साइबर धोखाधड़ी है तो तुरंत ही साइबर सेल को इसकी जानकारी दी जाती है.
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