नई दिल्ली: राजधानी में गर्मी का कहर जारी है. मौसम विभाग के अनुसार कई इलाकों में मंगलवार को तापमान 45 डिग्री पर चला गया. इस प्रचंड गर्मी से बचने के लिए इंसानों को कूलर या AC से राहत लेते हैं. वहीं ऐसी स्थिति में पेट्स का भी ध्यान रखें बेहद जरुरी होता है. कई लोगों को अपने घर में एक्वेरियम रखने का शौक होता है. लेकिन गर्मियों में मछलियों का खयाल रखना भी बेहद जरुरी होता है. गर्मियों में मछलियों को भी परेशानी होती है. ऐसे में आइए जानते हैं फिश टैंक में मछलियों की देखभाल और पानी के तापमान को किस तरह से नियंत्रित रखा जा सकता है?
पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर में स्थित स्टार एक्वेरियम शॉप के मालिक अनिल शर्मा ने बताया कि गर्मियों में जिस तरह इंसानों को परेशानियां होती है, उसी तरह छोटी मछलियां भी गर्मी सहन नहीं कर पाती हैं. इस मौसम में हर 15 दिन में एक्वेरियम का पानी बदल देना चाहिए. बाजार में मिलने वाले वेव पंप को एक्वेरियम में लगा सकते हैं. वहीं जिन लोगों ने टैंक में वेव पंप नहीं लगाया है, उनको महीने में तीन से चार बार पानी को बदलना चाहिए. हालांकि, एक्वेरियम में फ्रिज का पानी या फिर आइस क्यूब डालना सही नहीं माना जाता है. इससे मछलियां मर भी सकती है, इसलिए नॉर्मल पानी डालना सही रहेगा.
मछलियों को भी होता है स्ट्रेस: अनिल आगे बताते हैं कि गर्मियों के कारण तनाव केवल इंसानों को ही नहीं होता बल्कि एक्वेरियम में पल रही मछलियों को भी स्ट्रेस होता है. इसके कारण उनकी मौत भी हो जाती है. इससे निजात पाने के लिए बाजार में मछलियों के लिए स्ट्रेस फील नाम की दवा मौजूद है. इसको एक्वेरियम ने डालना चाहिए. इसकी मात्रा मछलियों की संख्या और एक्वेरियम के साइज पर निर्भर करती हैं. जो जानकारी दुकानदार से ली जा सकती है, जब दवा खरीदी जाये. कहा जाता है कि गर्मियों में खाना कम खाना चाहिए. यह बात मछलियों पर भी अमल होती है अनिल ने बताया कि जब भीषण गर्मी पड़ रही हो, तब हर आकार की मछलियों को एक ही टाइम खाना देना चाहिए.
साफ सफाई जरुरी: कई लोग एक्वेरियम की सुंदरता में चार चाँद लगाने के लिए उनमें स्टोन, ग्रीन मैट या फिर आर्टिफिशियल घास को भी रखते हैं. गर्मियों में इसको भी नियमित रूप से साफ करना बहुत जरुरी है. जिस तरह से गर्मी के मौसम में एक्वेरियम का पानी गर्म होने से मौजूद घास या पत्थर में काई लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में समय-समय पर इन दोनों ही चीजों को बदलते रहना चाहिए. अनिल ने बताया कि हर मछली का अलग स्वभाव होता है. कुछ मछलियां ऐसी होती है जो काई नहीं खाती है. ऐसे में अगर समय पर टैंक में रखी सजावट की चीजों को साफ नहीं की जाएगी, तो उसमें जमी काई मछलियों के लिए मौत का कारण भी बन सकती है.
लाइट का कम करें इस्तमाल: बाजार में मिलने वाले सभी एक्वेरियम में लाइट लगी होती है. लेकिन गर्मियों में लाइट बहुत कम जलानी चाहिए. इससे भी पानी गर्म हो जाता है. पूरे दिन में बस 30 मिनट ही लाइट जलनी चाहिए. इसके अलावा एक्वेरियम के तापमान को सामान्य रखने के लिये घर के किसी ऐसे कोने में टैंक को रखना चाहिए, जहां का तापमान घर के अन्य स्थानों की तुलना में कम हो.
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कुछ विशेष जानकारियां: कई लोगों को एक्वेरियम रखने का शौक तो होता है लेकिन अधूरी जानकारी कारण मछिलयों को मौत हो जाती है. अनिल ने बताया कि एक्वेरियम में मछलियों को बहुत व्यवस्था से रखना होता है. एक एक्वेरियम में एक ही प्रजाति की मछलियां होनी चाहिए. इसका आकर भी एक जैसा ही होना चाहिए. अलग प्रजाति और अलग आकर की मछिलयों को अगर एक साथ रखा जाता है उनमे सामंजस्य नहीं बैठा और वह आपस में लड़ती है. इससे भी मछलियों में तनाव बढ़ता है और उनकी मौत हो जाती है.
कोई मछली मर जाए, तो क्या करना चाहिए: वास्तु के अनुसार घर में एक्वेरियम रखना शुभ माना जाता है. इसमें मछलियों का मरना भी स्वाभाविक होता है. अनिल में बताया कि जब कभी कोई मछली मर जाए, तो उसे एक्वेरियम से बाहर निकाल देना चाहिए. साथ ही उसकी जगह नई मछली लाकर रख देना चाहिए.
बता दें कि वास्तु के अनुसार फिश एक्वेरियम रखना शुभ होता है. फिश एक्वेरियम से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए. आठ मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की होनी चाहिए. जबकि एक मछली काले रंग की होनी चाहिए. एक्वेरियम ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ बतायी गई है. संभव है कि इन्हीं कारणों से वास्तु में भी नौ मछलियां एक्वेरियम में रखने की बात कही गई है.
वास्तु के अनुसार जब कोई मछली मरती है तो वह अपने साथ घर पर आने वाली विपत्तियों को साथ लेकर चली जाती है. इसलिए एक्वेरियम में मछली के मरने पर दुःखी नहीं होना चाहिए. एक्वेरियम को पूर्व, उत्तर अथवा उत्तर-पूर्व में दिखा में रखना चाहिए. इसे शयनकक्ष अथवा रसोईघर में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे संपत्ति की हानि होती है. दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बायीं ओर रखना चाहिए.
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