रांची: 17 जून 2024 ये तारीख झारखंड पुलिस के लिए अब हमेशा खास रहेगा, इसी तारीख को झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों ने कोल्हान और सारंडा में अपने तमाम शहीद हुए साथियों. घायल हुए साथियों और दर्जनों ग्रामीणों की मौत का बदला लिया. 17 जून को 10 लाख के इनामी सिंहराई उर्फ मनोज, खतरनाक कांडे होनहागा सहित पांच नक्सली एनकाउंटर में मार गिराए गए, दो जिंदा भी दबोचे गए. सिंहराई और कांडे होनहागा झारखंड पुलिस के ऐसे दुश्मन थे जिनकी वजह से कई जवान शहीद हुए और दर्जन भर घायल.
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान के अनुसार पांच नक्सलियों को मार गिराकर जवानों ने आने शहीद साथियों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है. आईजी होमकर के अनुसार दो साल पहले जो संघर्ष हमने सारंडा को मुक्त करवाने के लिए शुरू किया था, वह अब सफलता की ओर बढ़ रहा है. सारंडा एक ऐसा क्षेत्र जिसपर नक्सलवाद के शुरुआत के बाद से ही भाकपा माओवादियों ने अपना सबसे मजबूत गढ़ बनाया, नक्सलियों ने अपने इस गढ़ को साल 2020 तक मजबूती के साथ बचाए रखा, लेकिन अब समय बदल गया है. झारखंड पुलिस अपने दो सालों के कठिन संघर्ष और मजबूत हिम्मत के बल पर अब सारंडा जैसे नक्सलियों के मजबूत किले को ध्वस्त करने की राह पर हैं.
एक हजार से ज्यादा अभियान
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार सारंडा में झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों के जवानों ने एक हजार से ज्यादा बार नक्सलियों के खिलाफ सिर्फ सारंडा में अभियान चलाया. अभियान के दौरान हुए एनकाउंटर में हमारे कई जवान शहीद हुए, कई आईईडी बमों का शिकार होकर घायल हुए. इस लड़ाई में सारंडा के ग्रामीणों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. नक्सलियों का द्वारा लगाए गए आईईडी बमो का शिकार ग्रमीणों को भी होना पड़ा.
इन सब के बावजूद सुरक्षा बलों ने हार नहीं मानी, उन्होंने ग्रामीणों तक अपनी पहुंच बनाई, ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि वे नक्सलियों को उनके इलाके से खदेड़ देने में कामयाब होंगे. सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के गढ़ में जाकर उन्हें उन्हें वहां से खदेड़ा और पुलिस कैंप का निर्माण किया. नक्सलियों के गढ़ तक पहुंचाने के लिए 2000 से ज्यादा जमीन के नीचे लगाए गए आईईडी बमो को सुरक्षा बलों ने नष्ट किया.
दबिश का नतीजा थोक में नक्सलियों ने किया सरेंडर
सुरक्षा बलों के दबिश की वजह से नक्सली संगठन भाकपा माओवादियो में हड़कंप मच गया और कैडरों में आत्मसमर्पण करने की होड़ सी मच गई. साल 2022 से लेकर 2024 तक 26 नक्सली कैडरों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए.
कब और किसने किया आत्मसमर्पण (सभी कोल्हान में)
1 मार्च 2022
जोनल कमांडर सुरेश मंडा और एरिया कमांडर लोदरो लोहार उर्फ सुभाष ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.
20 दिसंबर 2022
एरिया कमांडर कुलदीप, नक्सली जयराम बोदरा, मरतम अंगरिया, सरिता उर्फ मुलगी और सोमवारी कुमारी ने आत्मसमर्पण कर दिया.
4 जनवरी 2023
नक्सली कैडर पोतोर कोड़ा ,तुंगीर पूर्ति,कुसुन सिरका ,पगला गोप और संजू पूर्ति ने एक साथ आत्मसमर्पण किया
11 अप्रैल 2024
11 अप्रैल 2024 झारखंड पुलिस के लिए महत्वपूर्ण दिन था. चाईबासा में पुलिस के सामने कोल्हान में सक्रिय 15 नक्सली कैडरों ने एक साथ-साथ आत्मसमर्पण कर दिया था. जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया उनमें मनी चम्पिया, सोनू चम्पिया, एक नबालिग नक्सली, डोरेंन चम्पिया, गोमा चम्पिया, प्रधान कोड़ा, सिनु उर्फ सोहन सिंह, रामजा उर्फ दुगुड पूर्ती, चंद्रोमोहन, पेलेंग कोड़ा, जोगेन कोड़ा, मान सिंह कोड़ा, गंगा राम पूर्ति और अमन बोइपाई शामिल थे.
एक साल में ही छह को इनकाउंटर में मार गिराया, 100 से ज्यादा गिरफ्तार
सारंडा में 2 सालों में हुए 1000 एनकाउंटर में 100 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार किए गए, लेकिन एक साल (2024) में ही छह नक्सली इनकाउंटर में मारे गए.
ये मारे गए एनकाउंटर में
23 मई 2024 को पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में दस्ता सदस्य बुधराम मुंडा मारा गया. 17 जून 2024 को पुलिस ने एनकाउंटर में एक साथ पांच नक्सलियों को मार गिराया, 17 जून को हुए एनकाउंटर में भाकपा माओवादियों के जोनल कमेटी सदस्य कांडे, सब जोनल कमेटी सदस्य सिंगराय उर्फ मनोज, दस्ता सदस्य जोंगा, सूर्या और सपनी हांसदा एक साथ मारे गए.
और तेज होगा अभियान
सारंडा में नक्सलियों के सफाए की राह पर चल रहे झारखंड पुलिस की सबसे मजबूत कड़ी खुद आईजी अभियान अमोल वी होमकर है, अपने सीनियर्स का भरोसा और जूनियर अफसर और कर्मियों को विश्वास में लेकर आईजी होमकर ने सारंडा को नक्सल मुक्त करने की पटकथा तैयार कर दी है. यही वजह है कि होमकर को झारखंड पुलिस का सबसे कामयाब आईजी अभियान कहा जाता है. आईजी अभियान अमोल होमकर ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कोल्हान में नक्सलियों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा.
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