झालावाड़: पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश गणेश कुमार ने गुरुवार को एक हॉस्टल वार्डन को नाबालिग बालक के साथ कुकर्म का दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने आरोपी हॉस्टल वार्डन पर 2 लाख का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं चुकाने पर आरोपी को दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.
पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व पीड़ित छात्र ने घाटोली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें उसने बताया कि शीतकालीन अवकाश के बाद वह अपने हॉस्टल में लौटा था. हॉस्टल में खाना खाने के बाद वार्डन दिनेश के कमरे में चार-पांच छात्र टीवी देखने पहुंचे थे. बाद में वार्डन ने उसे तथा उसके मित्र को कमरे में रोक लिया, अन्य छात्रों को बाहर निकाल दिया.
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उसने मेरे दोस्त को भी कमरे से बाहर निकाल दिया. पीड़ित ने बताया कि हॉस्टल वार्डन ने उसके साथ कुकर्म किया. पीड़ित ने मौका पाकर हॉस्टल वार्डन के फोन से ही उसके परिजनों को हॉस्टल में बुलाया और सारी बात बताई. लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर लिया. तभी से आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में था. रामहेतार ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाहों के बयान कराए गए और 18 दस्तावेजों को पेश किया गया. इनको आधार मानते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश गणेश कुमार ने आरोपी हॉस्टल वार्डन को 20 साल के कठोर कारावास सहित 2 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. अदालत ने पीड़ित छात्र को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा भी की है.