शिमला: पिछले कई दिनों से रामपुर उपमंडल में मौसम बेहद खराब बना हुआ है. बारिश और ओलावृष्टि से बागवानों-किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. फसल के खराब होने से बागवान और किसानों की खून-पसीने की कमाई पर पानी फिर गया. फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए उद्यान विभाग और कृषि विभाग की टीम ने रामपुर उपमंडल की दुर्गम काशापाट पंचायत का दौरा किया और फसलों को पहुंचे नुकसान का जायजा लिया.
विभाग की टीम ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा: प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर टीम सरकार और विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं, इस दौरान उद्यान विभाग की ओर से उद्यान विकास अधिकारी डॉक्टर प्रवीन मेहता, कृषि विभाग की और से पीरू राम कृषि प्रसार अधिकारी, शिवम वालिया सहायक तकनीकी प्रबंधक, अनिल कुमार प्रेक्षक मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लेकर खराब हुई फसलों का आकलन किया गया.
दो घंटे तक हुई थी भारी ओलावृष्टि: बता दें कि काशापाट पंचायत में 10 मई को भारी ओलावृष्टि हुई थी. ये ओलावृष्टि लगभग दो घंटे तक चली थी. मौसम के लगातार बिगड़े मिजाज ने किसान-बागवानों के मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. ओले गिरने से सेब, नाशपाती, खुमानी की पौधों को क्षति पहुंची है. भारी ओलावृष्टि के कारण सेब के पेड़ों के बीमे और पत्तियों को भारी नुकसान हुआ है. इससे चार-पांच साल के लिए फसल उत्पादन पर संकट खड़ा कर दिया है. काशापाट पंचायत में हुई भारी ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा सेब की फसल की फसल बर्बाद हुई है.
उच्च अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट: जानकारी देते हुए उद्यान विभाग रामपुर के एसएमएस अश्विन चौहान ने बताया कि काशापाट पंचायत में ओलावृष्टि से सेब की फसल को हुए नुकसान का आकलन विभाग की टीम ने किया गया है. इस दौरान लगभग 1 करोड़ 85 लाख के करीब साढ़े तीन सो बागवानों की फसल बर्बाद हुई है. रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंप दी गई है. ओलावृष्टि से अन्य फसलों को भी हुआ भारी नुकसान हुआ है.
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