लखनऊः जनवरी 2024 में अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बढ़ते टूरिज्म को देखते हुए पर्यटन विभाग ने होटल की कमी और ठहरने की व्यवस्था को दूर करने के लिए होम स्टे योजना की शुरुआत किया था. इस योजना से टूरिज्म के बढ़े रफ्तार से ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और लॉजिस्टिक्स बिजनेस में काफी उछाल आया है. अयोध्या में टूरिस्ट की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में तब्दील कर दिया है. मौजूदा समय में अयोध्या में करीब 1000 से अधिक होम स्टे का संचालन हो रहा है. इसी तर्ज पर जनवरी 2025 में प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ में भी इसी तरह की योजना को शुरू करने के लिए विभाग ने आवेदन मांगे हैं.
अब तक 400 से अधिक आवेदन प्राप्तः पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि होम स्टे फॉर पेइंग गेस्ट व्यवस्था शुरू करने के लिए प्रयागराज में करीब 400 से अधिक आवेदन अभी तक प्राप्त हुए हैं. इन सभी घरों को होमस्टे में तब्दील करने के लिए संबंधित जिला अधिकारी की निगरानी में कमेटी का गठन कर दिया गया है. इस कमेटी में अध्यक्ष जिलाधिकारी, संयोजक/सचिव क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी, सदस्य नगरी क्षेत्र के स्थानीय निकाय के अध्यक्ष प्रभारी और सचिव, सैनिक कल्याण परिषद के होंगे. जनवरी से पहले जितने संभव हो सके उतने होमस्टे की शुरुआत कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन होम स्टे में दो से पांच कमरों के साथ अपने घरों में लोग इसकी शुरुआत कर सकते हैं. होम स्टे में एक कमरे के लिए करीब 1500 से 3000 रुपये प्रतिदिन का किराया तय किया जाता है. साथ ही होमस्टे में पारंपरिक व्यंजनों और खाने को परोसने की वकालत करते हैं.
यह दस्तावेज होना जरूरीः स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख, पहचान पत्र, भवन का नक्शा, भवन के बाहर एवं कमरों के फोटो, पार्किंग सम्बन्धी ई-स्टाम्प, फायर विभाग की एनओसी, हाउस टैक्स सम्बन्धी जमा रसीद, वाटर टैक्स जमा रसीद, नगर निगम के कूड़ा रसीद और निर्धारित रजिस्ट्रेशन फीस जमा चालान की प्रति के साथ होम स्टे के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा.
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