नई दिल्ली: दिल्ली में हजारों होमगार्ड्स को नौकरी से निकाले जाने का संकट मंडरा रहा है. इसी को लेकर वे रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे, जहां उन्हें पुलिस ने रोक लिया. इसके बाद सभी ने सड़क पर ही दिल्ली और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपनी नाराजगी व्यक्त की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली में करीब 10 हजार होमगार्ड्स हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब दिल्ली और केंद्र सरकार ने नई भर्तियां निकाल दी हैं, जिससे पुराने कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा बना हुआ है. आरोप है कि होमगार्ड्स को इसे लेकर कई आश्वासन नहीं दिया गया है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि अब इतनी उम्र हो गई है कि कहीं नौकरी भी नहीं कर सकते. कोरोना काल में अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर लोगों की सेवा की, इसका इनाम अब उन्हें नौकरी से निकाल कर दिया जा रहा है. वहीं, महिला कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें बीते सात महीने से सैलरी नहीं मिली है. जिसके चलते उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च और मकान का किराया तक दूसरों से कर्ज लेकर देना पड़ रहा है.
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उन्होंने कहा कि वह उम्र के इस पड़ाव पर पहुंच गई हैं कि अब वे कोई और काम नहीं कर सकतीं. उन्होंने अपनी योग्यता साबित करने के लिए समय-समय पर फिजिकल टेस्ट भी दिया है. नए कर्मचारियों की भर्ती से साढ़े आठ हजार कर्मचारी सड़क पर आ जाएंगे और उनके सामने आर्थिक व सामाजिक संकट खड़ा हो जाएगा. वहीं एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. हमारी मांग है कि हमें दोबारा काम पर रखा जाए और रुके हुए वेतन का भुगतान भी किया जाए. इसके बाद ही हम सब संतुष्ट होंगे.
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