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पिथौरागढ़ में होली के रंग और गीतों की मची धूम, महिलाओं के स्वांग ने मोहा मन - Pithoragarh Holi celebration

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 25, 2024, 9:16 AM IST

Pithoragarh Holi celebration आज हर तरफ होली की धूम है. कुमाऊं की होली वैसे भी खूब प्रसिद्ध है. पिथौरागढ़ में होली खेलने का अंदाज ही निराला है. चीन के कब्जे वाले तिब्बत बॉर्डर से लगे पिथौरागढ़ जिले में झूलाघाट से लेकर धारचूला तक होली की सतरंगी बयार है. गुलाल, अबीर के रूप में रंग उड़ रहा है तो होली गीतों से भी वादियां गूंज रही हैं.

Pithoragarh Holi celebration
पिथौरागढ़ होली
पिथौरागढ़ में होली की धूम

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में स्थित देश के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के झूलाघाट से लेकर धारचूला तक होली की धूम है. पुरुषों और महिलाओं की खड़ी होली चरम में पहुंची है. पिथौरागढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों होली की धूम है. होली के रंगों का खुमार लोगों पर चढ़ चुका है. ग्रामीण क्षेत्रों में खड़ी और बैठकी होली की रंगत के बाद अब आज रंग की होली खेली जा रही है.

होली गीतों से पिथौरागढ़ की वादियां गूंज रही हैं. तुम सिद्धि करो महाराज होलिन के दिन में, तुम विघ्न हरो महाराज होलिन के दिन में... से होली गायन शुरू किया गया. इसके पश्चात पीपल पतिया झलके झालर, नाचे मोर पिया घर ऐरौछौ.... शिवशंकर खेलत हैं होली, हां-हां साथ लिए गौरा- गौरी... तुम सुख सोहे रंग महल में, अब कैसे खेलें होली लला... आदि होली गीतों से पूरा माहौल रंग बिरंगा हो गया.

होली के दौरान महिलाओं के द्वारा स्वांग (दूसरे की नकल का चित्रण) भी किया जा रहा है. क्षेत्र में कुमाऊंनी होली पूर्ण यौवन पर पहुंच गई. महिलाओं ने समूह बनाकर घर-घर दस्तक दी और एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर होली गायन किया. पूरा माहौल रंगों के पर्व होली में सराबोर हो गया है. महिला होल्यारों की टोली घर जाकर होली का गायन कर रही है, वहीं पिथौरागढ़ जिले में होली की छलड़ी मंगलवार को मनाई जा रही है. इस कारण अभी यहां पर दो दिन और पहाड़ों में होली का रंग देखने मिलेगा.

होली के गुड़ का अपना ही स्वाद: होली के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में होल्यारों के लिए गुड़ रखा जाता है जो अपने आप में एक विशेष स्वाद से भरा होता है. गुड़ पहाड़ों में ठंड के मौसम में प्रयोग करते हैं, लेकिन होली के गुड़ की महक ही अलग रहती है. महिलाओं के द्वारा भी गुड़ का लुत्फ उठाया जाता है.

होली गायन को लेकर युवाओं में शौक: होली गायन की परम्परा जहां बहुत से गांवों में अब विलुप्त होती जा रही है, वहीं गंगोलीहाट के राम मंदिर और बेरीनाग के उडियारी, पांखू, बरसात आदि क्षेत्रों में हो रही होली में युवाओं के द्वारा होली का गायन किया जा रहा है. होली गायन अपने आप में एक विशेष महत्व रखता है. युवाओं के द्वारा किए गए होली गायन को लोगों के द्वारा सराहा भी जा रहा है
ये भी पढ़ें: कुमाऊं में रही होलिका दहन की धूम, लोगों ने एक दूसरे को गले लगकर दी होली की बधाई - Holika Dahan

पिथौरागढ़ में होली की धूम

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में स्थित देश के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के झूलाघाट से लेकर धारचूला तक होली की धूम है. पुरुषों और महिलाओं की खड़ी होली चरम में पहुंची है. पिथौरागढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों होली की धूम है. होली के रंगों का खुमार लोगों पर चढ़ चुका है. ग्रामीण क्षेत्रों में खड़ी और बैठकी होली की रंगत के बाद अब आज रंग की होली खेली जा रही है.

होली गीतों से पिथौरागढ़ की वादियां गूंज रही हैं. तुम सिद्धि करो महाराज होलिन के दिन में, तुम विघ्न हरो महाराज होलिन के दिन में... से होली गायन शुरू किया गया. इसके पश्चात पीपल पतिया झलके झालर, नाचे मोर पिया घर ऐरौछौ.... शिवशंकर खेलत हैं होली, हां-हां साथ लिए गौरा- गौरी... तुम सुख सोहे रंग महल में, अब कैसे खेलें होली लला... आदि होली गीतों से पूरा माहौल रंग बिरंगा हो गया.

होली के दौरान महिलाओं के द्वारा स्वांग (दूसरे की नकल का चित्रण) भी किया जा रहा है. क्षेत्र में कुमाऊंनी होली पूर्ण यौवन पर पहुंच गई. महिलाओं ने समूह बनाकर घर-घर दस्तक दी और एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर होली गायन किया. पूरा माहौल रंगों के पर्व होली में सराबोर हो गया है. महिला होल्यारों की टोली घर जाकर होली का गायन कर रही है, वहीं पिथौरागढ़ जिले में होली की छलड़ी मंगलवार को मनाई जा रही है. इस कारण अभी यहां पर दो दिन और पहाड़ों में होली का रंग देखने मिलेगा.

होली के गुड़ का अपना ही स्वाद: होली के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में होल्यारों के लिए गुड़ रखा जाता है जो अपने आप में एक विशेष स्वाद से भरा होता है. गुड़ पहाड़ों में ठंड के मौसम में प्रयोग करते हैं, लेकिन होली के गुड़ की महक ही अलग रहती है. महिलाओं के द्वारा भी गुड़ का लुत्फ उठाया जाता है.

होली गायन को लेकर युवाओं में शौक: होली गायन की परम्परा जहां बहुत से गांवों में अब विलुप्त होती जा रही है, वहीं गंगोलीहाट के राम मंदिर और बेरीनाग के उडियारी, पांखू, बरसात आदि क्षेत्रों में हो रही होली में युवाओं के द्वारा होली का गायन किया जा रहा है. होली गायन अपने आप में एक विशेष महत्व रखता है. युवाओं के द्वारा किए गए होली गायन को लोगों के द्वारा सराहा भी जा रहा है
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