पांवटा साहिब: रंगों का त्योहार होली शुरू होने वाला है. जिसके साथ ही केमिकल युक्त रंगों से जुड़ी समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं. केमिकल कलर से लोगों को बचाने के लिए पांवटा साहिब की महिलाएं हर्बल कलर तैयार कर रही हैं. जिससे लोग इस बार सेहतमंद होली मना सकें. पांवटा साहिब में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं, नमो नमामि गंगे संस्थान की मदद से हर्बल कलर तैयार कर रही हैं. बाजार में पहले ही हर्बल रंगों की काफी मांग है, जिसके चलते महिलाओं ने भी होली के लिए हर्बल गुलाल बनाना शुरू कर दिया है.
फूल, सब्जियों, मसालों से बनाए रंग
पांवटा साहिब की इन महिलाओं ने बताया कि केमिकल वाले रंग न सिर्फ त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. बल्कि एक्ने, एलर्जी और जलन का कारण भी बनते हैं. स्किन संबंधी इन सारी दिक्कतों से बचने के लिए महिलाओं द्वारा फूल, पत्तियों, सब्जियों और मसालों से रंग तैयार किए जा रहे हैं. ये हर्बल रंग खासकर स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं. इससे आंखों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. नेचुरोपैथी एक्सपर्ट व डाइटीशियन शायमा देवी ने बताया कि कैसे हर्बल कलर घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं और किस तरह से सेफ होली सेलिब्रेट की जा सकती है.
हरा रंग- नीम की पत्तियों से बनाएं
शायमा देवी ने बताया कि नीम की पत्तियों को पीसकर तैयार हुए पेस्ट से हरा रंग बना सकते हैं. इस पेस्ट को पानी में मिलाकर हरे रंग से होली खेली जा सकती है. यह फेस पैक की तरह भी काम करेगा. नीम एंटीबैक्टीरियल और एंटी एलर्जिक होने के कारण स्किन के लिए काफी फायदेमंद है. ये कील, मुंहासों की समस्या में राहत देता है. नीम की पत्तियों को सुखाकर इसके पाउडर को गुलाल की तरह भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा मेंहदी के पत्तों का प्रयोग भी कर सकते हैं.
लाल रंग- चुकंदर पीसकर पानी में उबालें
शायमा देवी ने बताया कि इस मौसम में चुकंदर आसानी से मिल जाता है. इसे पीसकर पानी में उबाल लें और इससे लाल रंग तैयार किया जा सकता है. अगर गहरा पिंक रंग चाहते हैं तो इसमें पानी ज्यादा मिलाएं. इसके अलावा इसे पीसकर पेस्ट भी बना सकते हैं. खास बात ये है कि ये रंग आंखों और मुंह में चले जाने पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. वहीं, बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए इस रंग को पिचकारी में भरकर भी दे सकते हैं.
पीला रंग- मक्की के आटे में मिलाएं हल्दी
शायमा देवी ने बताया कि पीला रंग बनाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है. हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी होती है, जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद है. पीला रंग तैयार करने के लिए हल्दी को जौ या मक्की के आटे में मिलाकर पेस्ट बना सकते हैं. इसे पीले रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यह डेड स्किन हटाकर नेचुरल स्क्रब की तरह भी काम करेगा. इसके अलावा हल्दी को अरारोट या चावल के पाउडर में भी मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
महिलाओं की आर्थिकी हो रही मजबूत
बबीता कौशल ने बताया कि पिछले साल भी स्वयं सहायता समूह की इन महिलाओं ने 40 किलो हर्बल कलर बनाया था. जिसमें महिलाओं को लगभग 40 से 50 हजार का फायदा हुआ था. इस बार महिलाओं द्वारा इससे ज्यादा हर्बल कलर बनाए जा रहे हैं. जिससे आदर्श स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अच्छा रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है. महिलाओं की आर्थिकी मजबूत हो रही है. वहीं, साथ में लोग भी हर्बल कलर के साथ सेफ होली सेलिब्रेट कर पाएंगे.
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