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होलिका दहन का ये है सही समय, अगर बदलना है होली पर भाग्य तो जरूर कीजियेगा ये टोटके - Holi 2024

फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन होगा. चलिए जानते हैं होलिका दहन के खास मुहूर्त और कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 22, 2024, 8:33 AM IST

वाराणसी: होली का रंगारंग पावन पर्व फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्ष, उमंग व उल्लास के साथ मनाने की परम्परा है. होली सबसे पहले होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है. ऐसे में यह जानना भी जरूरी होता है कि होलिका दहन कब करना है और उसका सही तरीका क्या है होलिका दहन और होली के दौरान बहुत से टोटके किए जाते हैं, जो आर्थिक व्यापारिक मानसिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, तो लिए आज हम बताते हैं होलिका दहन कब और कैसे होगा और किस तरह से टोटके के जरिए आपको होलिका दहन होली पर लाभ मिलेगा.


ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि इस चार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च, रविवार को प्रातः 9 बजकर 56 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 25 मार्च, सोमवार को दिन में 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र 24 मार्च, रविवार को प्रात: 7 बजकर 34 मिनट से 25 मार्च, सोमवार को प्रातः 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. व्रत की पूर्णिमा 24 मार्च, रविवार को जबकि स्नान दानादि की पूर्णिमा 25 मार्च, सोमवार को मनाया जाएगा. वृद्धियोग 24 मार्च, रविवार को रात्रि 8 बजकर 34 मिनट से 25 मार्च, सोमवार को रात्रि 9 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. सर्वार्थसिद्धि योग 24 मार्च, रविवार को प्रातः 7 बजकर 34 मिनट से 25 मार्च, सोमवार को प्रातः 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि होलिकादहन भद्रा के समय नहीं किया जाता है.

इस बार 24 मार्च, रविवार को भद्रा दिन में 9 बजकर 56 मिनट से रात्रि 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. भद्रा के पश्चात् शुभ मुहूर्त (सर्वार्थसिद्धि योग) में होलिकादहन करना शुभ फलदायी रहेगा। 25 मार्च, सोमवार को होली (धुरड्डी) का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन एक-दूसरे को लोग अबीर-गुलाल भी लगाएंगे. काशी में चौसट्टी घाट पर विराजमान भगवती चौसट्टी देवी का दर्शन करने का विधान है. फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही श्री चैतन्य महाप्रभु की जयन्ती भी मनाई जाती है.


होली के कुछ खास टोटके

  • व्यापार व नौकरी में लाभ होलिकादहन की रात में 21 गोमती चक्र लेकर शिवलिंग पर चढ़ा दें.
  • मनोकामना की पूर्ति होली पर गरीबों को भोजन अवश्य कराएं.
  • सौभाग्य प्राप्ति- श्रीहनुमानजी का दर्शन-पूजन (होली से शुरु करके) के पश्चात् बजरंग बाण का पाठ 40 दिन तक नियमित रूप से करें.
  • अक्षय पुण्य की प्राप्ति होलिका दहन के समय होलिका की 7 बार परिक्रमा करें.
  • सुख-समृद्धि-परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी से भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए. साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए.
  • शीघ्र विवाह- होली के दिन सुबह एक पान के पत्ते पर एक साबूत सुपारी और हल्दी की गांठ लेकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और बिना मुड़कर देखें घर आ जाएं. अगले दिन भी यही प्रयोग करें. सम्भव हो तो विवाह होने तक इस उपाय को जारी रखें.
  • बकाये धन की प्राप्ति होली के दिन 11 गोमती चक्र हाथ में लेकर जलती हुई होलिका को 11 बार परिक्रमा करते हुए धन प्राप्ति की प्रार्थना करें. एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लाल चंदन से लिखें जिससे पैसा लेना है फिर उस सफेद कागज को 11 गोमती चक्र के साथ कहीं गड्‌डा खोदकर दबा दें.
  • धनहानि से बचाव- होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं. दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दे.
  • आर्थिक लाभ एक काला कपड़ा लें और उसमें काले तिल, 7 लौंग, 3 सुपारी, 50 ग्राम सरसों और थोड़ी सी मिट्टी लेकर एक पोटली बना लें, फिर इसे अपने पर से 7 बार वार लें और होलिका दहन में डाल दें. 7 नींबूओं की माला बनाएं और भैरव जी के मन्दिर में चढ़ाएं.
  • धन लाभ- भवन के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिड़ककर उस पर दो मुखी देशी घी के आटे का दीपक प्रज्वलित करें. दीपक ठंडा होने के पश्चात् उसे जलती हुई होलिका पर रख दें.
  • अनावश्यक खर्च में कमी होलिका की राख भस्म को लेकर उसे लाल रुमाल में बांधकर पैसों के स्थान पर रखें.

  • रोजगार प्राप्ति- होली की रात 12 बजे से पहले एक नींबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसके चार टुकड़े कर चारों दिशाओं में फेंक दें. फिर वापिस घर आ जाएँ किंतु ध्यान रहे, वापिस आते समय पीछे मुड़कर न देखें.

  • गृह क्लेश से मुक्ति- होलिका को अग्नि में जौ का आटा चढ़ावें.
  • बाधा का निवारण- होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाकर भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
  • नजर-दोष से मुक्ति- होलिका की राख घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर रखें.
  • नकारात्मक शक्ति से बचाव- जब होली जल जाए, तब आप होलिका की थोड़ी-सी अग्नि लाकर घर के आग्नेयकोण में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रखें. सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
  • बुरी नजर से रक्षा अपने हाथों से गोबर के कंडे बनाएं और इन कंडो को बहनें अपने भाई के ऊपर से 7 बार बार लें. इसके बाद ये कंडें होलिका दहन में डालें.
  • राहुदोष से मुक्ति-एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भर दें. उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें.
  • अज्ञात भय का निवारण- होली पर एक सूखा जटा वाला नारियल, काले तिल व पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के उपर से उतार कर जलती होलिका में डाल देने से अज्ञात भय समाप्त हो जाता है.
  • शत्रुओं से छुटकारा - होलिका दहन के समय 7 गोमती चक्र लेकर भगवान से शत्रु-मुक्ति के लिए प्रार्थना करके जलती होलिका में डाल दें.
  • आरोग्य लाभ-होलिका की रात्रि में 4 गोमती चक्र अपने दायें हाथ में लेकर होलिका की 1 परिक्रमा करें इसके साथ ही 2 लौंग पान के 2 पत्ते और थोड़ी सी मिश्री होलिका में अर्पित करें तथा 4 गोमती चक्र लाकर बीमार व्यक्ति के पलंग या बिस्तर के चारों ओर रख दें. इससे बीमार व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाता है.

वाराणसी: होली का रंगारंग पावन पर्व फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्ष, उमंग व उल्लास के साथ मनाने की परम्परा है. होली सबसे पहले होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है. ऐसे में यह जानना भी जरूरी होता है कि होलिका दहन कब करना है और उसका सही तरीका क्या है होलिका दहन और होली के दौरान बहुत से टोटके किए जाते हैं, जो आर्थिक व्यापारिक मानसिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, तो लिए आज हम बताते हैं होलिका दहन कब और कैसे होगा और किस तरह से टोटके के जरिए आपको होलिका दहन होली पर लाभ मिलेगा.


ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि इस चार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च, रविवार को प्रातः 9 बजकर 56 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 25 मार्च, सोमवार को दिन में 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र 24 मार्च, रविवार को प्रात: 7 बजकर 34 मिनट से 25 मार्च, सोमवार को प्रातः 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. व्रत की पूर्णिमा 24 मार्च, रविवार को जबकि स्नान दानादि की पूर्णिमा 25 मार्च, सोमवार को मनाया जाएगा. वृद्धियोग 24 मार्च, रविवार को रात्रि 8 बजकर 34 मिनट से 25 मार्च, सोमवार को रात्रि 9 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. सर्वार्थसिद्धि योग 24 मार्च, रविवार को प्रातः 7 बजकर 34 मिनट से 25 मार्च, सोमवार को प्रातः 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि होलिकादहन भद्रा के समय नहीं किया जाता है.

इस बार 24 मार्च, रविवार को भद्रा दिन में 9 बजकर 56 मिनट से रात्रि 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. भद्रा के पश्चात् शुभ मुहूर्त (सर्वार्थसिद्धि योग) में होलिकादहन करना शुभ फलदायी रहेगा। 25 मार्च, सोमवार को होली (धुरड्डी) का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन एक-दूसरे को लोग अबीर-गुलाल भी लगाएंगे. काशी में चौसट्टी घाट पर विराजमान भगवती चौसट्टी देवी का दर्शन करने का विधान है. फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही श्री चैतन्य महाप्रभु की जयन्ती भी मनाई जाती है.


होली के कुछ खास टोटके

  • व्यापार व नौकरी में लाभ होलिकादहन की रात में 21 गोमती चक्र लेकर शिवलिंग पर चढ़ा दें.
  • मनोकामना की पूर्ति होली पर गरीबों को भोजन अवश्य कराएं.
  • सौभाग्य प्राप्ति- श्रीहनुमानजी का दर्शन-पूजन (होली से शुरु करके) के पश्चात् बजरंग बाण का पाठ 40 दिन तक नियमित रूप से करें.
  • अक्षय पुण्य की प्राप्ति होलिका दहन के समय होलिका की 7 बार परिक्रमा करें.
  • सुख-समृद्धि-परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी से भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए. साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए.
  • शीघ्र विवाह- होली के दिन सुबह एक पान के पत्ते पर एक साबूत सुपारी और हल्दी की गांठ लेकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और बिना मुड़कर देखें घर आ जाएं. अगले दिन भी यही प्रयोग करें. सम्भव हो तो विवाह होने तक इस उपाय को जारी रखें.
  • बकाये धन की प्राप्ति होली के दिन 11 गोमती चक्र हाथ में लेकर जलती हुई होलिका को 11 बार परिक्रमा करते हुए धन प्राप्ति की प्रार्थना करें. एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लाल चंदन से लिखें जिससे पैसा लेना है फिर उस सफेद कागज को 11 गोमती चक्र के साथ कहीं गड्‌डा खोदकर दबा दें.
  • धनहानि से बचाव- होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं. दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दे.
  • आर्थिक लाभ एक काला कपड़ा लें और उसमें काले तिल, 7 लौंग, 3 सुपारी, 50 ग्राम सरसों और थोड़ी सी मिट्टी लेकर एक पोटली बना लें, फिर इसे अपने पर से 7 बार वार लें और होलिका दहन में डाल दें. 7 नींबूओं की माला बनाएं और भैरव जी के मन्दिर में चढ़ाएं.
  • धन लाभ- भवन के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिड़ककर उस पर दो मुखी देशी घी के आटे का दीपक प्रज्वलित करें. दीपक ठंडा होने के पश्चात् उसे जलती हुई होलिका पर रख दें.
  • अनावश्यक खर्च में कमी होलिका की राख भस्म को लेकर उसे लाल रुमाल में बांधकर पैसों के स्थान पर रखें.

  • रोजगार प्राप्ति- होली की रात 12 बजे से पहले एक नींबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसके चार टुकड़े कर चारों दिशाओं में फेंक दें. फिर वापिस घर आ जाएँ किंतु ध्यान रहे, वापिस आते समय पीछे मुड़कर न देखें.

  • गृह क्लेश से मुक्ति- होलिका को अग्नि में जौ का आटा चढ़ावें.
  • बाधा का निवारण- होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाकर भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
  • नजर-दोष से मुक्ति- होलिका की राख घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर रखें.
  • नकारात्मक शक्ति से बचाव- जब होली जल जाए, तब आप होलिका की थोड़ी-सी अग्नि लाकर घर के आग्नेयकोण में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रखें. सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
  • बुरी नजर से रक्षा अपने हाथों से गोबर के कंडे बनाएं और इन कंडो को बहनें अपने भाई के ऊपर से 7 बार बार लें. इसके बाद ये कंडें होलिका दहन में डालें.
  • राहुदोष से मुक्ति-एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भर दें. उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें.
  • अज्ञात भय का निवारण- होली पर एक सूखा जटा वाला नारियल, काले तिल व पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के उपर से उतार कर जलती होलिका में डाल देने से अज्ञात भय समाप्त हो जाता है.
  • शत्रुओं से छुटकारा - होलिका दहन के समय 7 गोमती चक्र लेकर भगवान से शत्रु-मुक्ति के लिए प्रार्थना करके जलती होलिका में डाल दें.
  • आरोग्य लाभ-होलिका की रात्रि में 4 गोमती चक्र अपने दायें हाथ में लेकर होलिका की 1 परिक्रमा करें इसके साथ ही 2 लौंग पान के 2 पत्ते और थोड़ी सी मिश्री होलिका में अर्पित करें तथा 4 गोमती चक्र लाकर बीमार व्यक्ति के पलंग या बिस्तर के चारों ओर रख दें. इससे बीमार व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाता है.

(नोटः यह खबर धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, ईटीवी भारत किसी भी दावे या मान्यता की पुष्टि नहीं करता है)

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