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मुस्लिम महिलाओं ने गुलाल लगाकर दिया मुहब्बत का पैगाम, बोलीं- होली का रंग हमें एक करने वाला - Holi 2024

Varanasi Holi: चेहरे पर गुलाल और ढोल की थाप पर होली का गीत गा रही मुस्लिम महिलाओंं ने धर्म के नाम पर फैलाई जा रही नफरत को अस्वीकार कर दिया और होली पर सबको एक रहने का पाठ पढ़ाया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 6:56 PM IST

वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने खेली होली.

वाराणसी: चुनावी रंग में सब रंगने लगे हैं. ऐसे में मुस्लिम महिलाओं ने होली की पूर्व संध्या पर मुहब्बत और एकता का संदेश दिया. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं का होली मिलन कार्यक्रम लमही के सुभाष भवन में आयोजित किया गया.

चेहरे पर गुलाल और ढोल की थाप पर होली का गीत गा रही मुस्लिम महिलाओंं ने धर्म के नाम पर फैलाई जा रही नफरत को अस्वीकार कर दिया और होली पर सबको एक रहने का पाठ पढ़ाया. वहीं दुनिया की सारी भौतिकता और धर्म के नाम पर खूनी हिंसा का मुकाबला सिर्फ प्रेम से किया जा सकता है.

Varanasi Holi
Varanasi Holi

इसी की जरूरत दुनिया भर को है. मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ बनारसी होली खेली, खुशियां बांटी और प्यार बिखेरा. गुलाल और गुलाब से होली खेलकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति का परिचय देने वाली मुस्लिम महिलाओं ने सिर्फ मुहब्बत का झंडा बुलंद किया.

मुस्लिम महिलाओं ने गीत गाये ‘हमहू अयोध्या जाईब, रामलला के रंग लगाइब. देशवा विदेशवा क लोगवा अइहे, होली में सब पर रंगवा फेकइहे. कोई न बच पाई हो रामा, हमहू तोके रंग लगाइब हो रामा. कोई न बच पाई हो रामा, हमहू तोके रंग लगाइब हो रामा.’

Varanasi Holi
Varanasi Holi

इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि हमारे पूर्वजों के खून में होली का रंग भी है. कोई इसे कैसे अलग कर सकता है. किसी कट्टरपंथी की धमकी से हम होली खेलना बन्द नहीं करेंगे. यह भारत का त्योहार है.

हमारे पूर्वजों ने होली के बहाने मिलन का अवसर दिया है, इसे हम कैसे छोड़ दें. खून का हर कतरा भारत की जय बोलने वाला है और होली का रंग हमें एक करने वाला है. किसी के बहकावे में आकर हम अपने रिश्ते खराब नहीं करेंगे.

यदि कोई अरबी और अंग्रेजी त्योहार मना सकता है तो हम सब भारतीय त्योहार क्यों नहीं मना सकते. विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि पूर्वजों और परम्पराओं ने हिन्दू मुसलमानों को एक कर दिया है. हम प्रेम, शांति, सद्भावना के लिये हर कुर्बानी देने को तैयार हैं.

Varanasi Holi
Varanasi Holi

दिलों को जोड़कर समाज को रिश्तों में बांधा जा सकता है. त्योहार तो सम्बन्धों को मजबूत बनाते हैं. मुस्लिम महिलाओं की होली दुनियां को एक रहने का सूत्र दिया है. इस अवसर पर आभा भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, नगीना बेगम, शमशुननिशा, शबनम, सबीना, श्यामदुलारी, मुनका, चिंता, प्रेमा, रामकुमारी, सेचना, श्यामदेई, कलावती, रीता, दुलारी, लक्ष्मीना, सुनरा, ममता, चन्दा, बिन्दु, सरोज, गीता, प्रियंका, पूनम आदि महिलाएं मौजूद रहीं.

ये भी पढ़ेंः होली की अनोखी बरात; हथौड़ा बनता दूल्हा, नहीं होती कोई दुल्हन, कद्दू में भरा जाता रंग

वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने खेली होली.

वाराणसी: चुनावी रंग में सब रंगने लगे हैं. ऐसे में मुस्लिम महिलाओं ने होली की पूर्व संध्या पर मुहब्बत और एकता का संदेश दिया. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं का होली मिलन कार्यक्रम लमही के सुभाष भवन में आयोजित किया गया.

चेहरे पर गुलाल और ढोल की थाप पर होली का गीत गा रही मुस्लिम महिलाओंं ने धर्म के नाम पर फैलाई जा रही नफरत को अस्वीकार कर दिया और होली पर सबको एक रहने का पाठ पढ़ाया. वहीं दुनिया की सारी भौतिकता और धर्म के नाम पर खूनी हिंसा का मुकाबला सिर्फ प्रेम से किया जा सकता है.

Varanasi Holi
Varanasi Holi

इसी की जरूरत दुनिया भर को है. मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ बनारसी होली खेली, खुशियां बांटी और प्यार बिखेरा. गुलाल और गुलाब से होली खेलकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति का परिचय देने वाली मुस्लिम महिलाओं ने सिर्फ मुहब्बत का झंडा बुलंद किया.

मुस्लिम महिलाओं ने गीत गाये ‘हमहू अयोध्या जाईब, रामलला के रंग लगाइब. देशवा विदेशवा क लोगवा अइहे, होली में सब पर रंगवा फेकइहे. कोई न बच पाई हो रामा, हमहू तोके रंग लगाइब हो रामा. कोई न बच पाई हो रामा, हमहू तोके रंग लगाइब हो रामा.’

Varanasi Holi
Varanasi Holi

इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि हमारे पूर्वजों के खून में होली का रंग भी है. कोई इसे कैसे अलग कर सकता है. किसी कट्टरपंथी की धमकी से हम होली खेलना बन्द नहीं करेंगे. यह भारत का त्योहार है.

हमारे पूर्वजों ने होली के बहाने मिलन का अवसर दिया है, इसे हम कैसे छोड़ दें. खून का हर कतरा भारत की जय बोलने वाला है और होली का रंग हमें एक करने वाला है. किसी के बहकावे में आकर हम अपने रिश्ते खराब नहीं करेंगे.

यदि कोई अरबी और अंग्रेजी त्योहार मना सकता है तो हम सब भारतीय त्योहार क्यों नहीं मना सकते. विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि पूर्वजों और परम्पराओं ने हिन्दू मुसलमानों को एक कर दिया है. हम प्रेम, शांति, सद्भावना के लिये हर कुर्बानी देने को तैयार हैं.

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दिलों को जोड़कर समाज को रिश्तों में बांधा जा सकता है. त्योहार तो सम्बन्धों को मजबूत बनाते हैं. मुस्लिम महिलाओं की होली दुनियां को एक रहने का सूत्र दिया है. इस अवसर पर आभा भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, नगीना बेगम, शमशुननिशा, शबनम, सबीना, श्यामदुलारी, मुनका, चिंता, प्रेमा, रामकुमारी, सेचना, श्यामदेई, कलावती, रीता, दुलारी, लक्ष्मीना, सुनरा, ममता, चन्दा, बिन्दु, सरोज, गीता, प्रियंका, पूनम आदि महिलाएं मौजूद रहीं.

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