श्रीनगर: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग में किसान प्रशिक्षण के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में किसानों के मन में विभिन्न पेड़ पौधों को देखकर उनके बारे में जानने की उत्सुकता होती है. इसको देखते हुए गढ़वाल विवि का उद्यानिकी विभाग ने पेड़ पौधों की क्यूआर कोडिंग शुरू कर दी है. जिससे उद्यानिकी विभाग में आने वाले किसानों और लोगों को क्यूआर कोड स्कैन करते ही सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी.
इन पौधों की होगी क्यूआर कोडिंग: उद्यानिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तेजपाल बिष्ट ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि उद्यानिकी विभाग अब फलों, सब्जियों और सजावटी पौधों के लिए क्यूआर कोडिंग की योजना बना रहा है. प्रत्येक पौधे पर लगे क्यूआर कोड को गूगल लेंस की मदद से स्कैन करने पर उस पौधे के बारे में पूरी और विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाएगी.
क्यूआर स्कैन करते ही मिलेगी सारी जानकारी: डॉ. तेजपाल बिष्ट बताते हैं कि उद्यानिकी विभाग में किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और किसान वहां पौधों को देखने आते हैं. किसानों के मन में पौधों की जानकारी के प्रति उत्सुकता होती है.इस संदर्भ में, विभाग ने पौधों की क्यूआर कोडिंग करने का निर्णय लिया है.इसके तहत, प्रत्येक पौधे पर एक क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसे स्कैन करने पर किसानों को उस पौधे के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सकेगी.
उगाने के तरीके से लेकर प्रयोग तक की मिलेगी जानकारी: क्यूआर कोड पर धीरे-धीरे पौधों के बारे में पूरी जानकारी अपडेट की जाएगी.प्रत्येक क्यूआर कोड पर स्कैन करने से पौधे को उगाने की विधि, किस क्षेत्र में इसे उगाया जाता है और इसके प्रयोगों की जानकारी प्राप्त होगी.इस प्रक्रिया से उद्यानिकी विभाग किसानों और पौधों के शौकीनों को पौधों से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी आसानी से उपलब्ध कराएगा. इससे न केवल किसानों को पौधों की सही देखभाल में मदद मिलेगी, बल्कि पौधों की विविधता और उनके उपयोग के बारे में भी जागरूकता बढ़ेगी.