श्रीनगर: किसान अपनी फसलों को कीटों से बचाने के लिए पेप्सीसाइड या कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कुछ समय के लिए खेती तो बच जाती है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बाद में किसानों को भुगतने पड़ते हैं. इसके ज्यादा इस्तेमाल से भूमि अपनी उर्वरा शक्ति खोने लगती है तो वहीं पेप्सीसाइड से पैदा होने वाली फसल भी लोगों को बीमार करने काम करती है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसका भी तरीका निकाल लिया है. अब किसान अपने घर पर ही जैविक कीटनाशक बना सकते हैं, जिससे उनकी खेती बीमारियों और कीट पतंगों से बच सकती है.
किसान अब धीरे-धीरे अपने खेतों में रासायनिक कीटनाशक के बजाय जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्योंकि, बाजारों में इन दिनों आर्गेनिक फल, सब्जियों और अन्नाज की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल से फसल पर भी कीट भी नहीं लगते हैं और यह इंसान के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक नहीं माने जाते हैं. यही वजह है कि अब जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है.
इसी कड़ी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय ने वर्मी वॉश तैयार किया है, जो एक तरल जैविक खाद के साथ कीटनाशक के रूप में काम करता है. एचएनबी गढ़वाल विवि के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्य्क्ष प्रो. आरएस नेगी ने ईटीवी भारत को बताया कि अगर किसान ऑर्गेनिक तरीके से खेती करना चाहते हैं और फसलों को कीट पतंगों से बचाना चाहते हैं तो उसके किसान घर पर ही जैविक कीटनाशक वर्मी वॉश (Vermiwash) बना सकते हैं.
इस तरह से घर पर तैयार कर सकते हैं वर्मी वॉश: प्रो. नेगी के मुताबिक, सबसे पहले वर्मी कंपोस्ट के लिए एक गड्ढा तैयार कर लें या फिर किसी पॉली बैग में ताजा गोबर, हरी घास, फसल या घर पर बचे सब्जियों के अवशेषों को इसमें डाल दें. कुछ दिन तक वर्मी वॉश को तैयार होने दें. करीब 15-20 दिन बाद तीन दिन के अंतराल में इसमें पानी का छिड़काव करें.
अगर आपके पास पॉली बैग है तो उसमें पहले से ही वर्मी वॉश के लिए छेद होता है. धीरे-धीरे उसमें से वर्मी वॉश निकलना शुरू होता है. जिसे आप एक डिब्बे या बोतल में इकट्ठा कर सकते हैं. इसके बाद आप इस वर्मी वाश को खेती या बागवानी में कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. वर्मी वॉश केंचुए से बने खाद से पानी गुजरने के बाद तैयार होता है. जो एक तरह का तरल खाद के साथ कीटनाशक होता है.
छिड़काव के लिए कितनी मात्रा लें? प्रो. आरएस नेगी की मानें तो 1 लीटर वर्मी वॉश को करीब 5 लीटर पानी के साथ मिलाना होता है. जबकि, 1 हेक्टेयर के लिए 30 से 35 लीटर वर्मी वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं. महीने में करीब तीन बार छिड़काव करने से फसलों से पूरी तरह से कीट खत्म हो जाते है. यह कीटों को खत्म करने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक नहीं होता है.
मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाने में करता है मदद: उनका कहना है कि वर्मी वॉश मिट्टी की उर्वरा शक्ति को कम नहीं करता है. बल्कि, यह मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिए भी जैविक कंपोस्ट की तरह काम करता है. जिससे खेती तो अच्छी होती ही है, साथ में ये किसान की खेती की भूमि को और भी उर्वरा बनाने में सहायक सिद्ध होता है.
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