अजमेर : कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी से राजस्थान लोक सेवा आयोग की छवि ही धूमिल नहीं हुई, बल्कि प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवकों का भरोसा भी डगमगा गया है. खास बात यह कि परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों को अंजाम देने वाले कोई और नहीं, बल्कि वही जिम्मेदार लोग हैं, जिनके कंधों पर परीक्षा को पारदर्शी और सफलतापूर्वक करवाने की जिम्मेदारी थी. इनमें आयोग के अध्यक्ष से लेकर सदस्य की भागीदारी भी देखी गई है. हाल ही में आयोग के पूर्व सदस्य रामू राम राइका की गिरफ्तारी ने आयोग को फिर से चर्चा में ला दिया है.
राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्य रहे रामू राइका गिरफ्तारी का मामला पहला नहीं है. इससे पहले भी आयोग के अध्यक्ष और कई सदस्यों के कारण आयोग की छवि पर सवाल खड़े हो चुके हैं. आरजेएस, आरएएस-2016, आरएएस-2018, उप निरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा-2021, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपरलीक के मामले सामने आए हैं. इनमें आयोग पर ना केवल उंगलियां उठी, बल्कि आयोग के दो सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई. इनमें आयोग के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा और अब रामूराम राईका शामिल हैं, जिनको पेपर लीक के मामलों के जांच एजंसियों ने गिरफ्तार किया है. आयोग का विवादों से पुराना नाता रहा है. पेपर लीक का दाग 2013 से कई बार लग चुका है. रामूराम राईका से हो रही पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं.
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जानते हैं कब-कब गिरी आयोग की साख : सन 2013 में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष रहे हबीब खान गौरान आयोग के पहले अध्यक्ष हैं, जिन पर पद पर रहते आरजेएस परीक्षा का पर्चा लीक करने का सीधा आरोप लगा था. उन पर आरोप था कि प्रिंटिंग मशीन से उन्होंने अपनी बेटी के लिए पर्चा लीक किया था. इस प्रकरण ने आयोग की साख पर बट्टा लगा दिया. आखिरकार गौरान को 2014 में इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आत्मसमर्पण भी करना पड़ा था.
आरएएस 2018 के इंटरव्यू में अच्छे अंक दिलाने का झांसा देकर रिश्वत वसूल के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 9 जुलाई 2021 को आयोग में उस वक्त कनिष्ठ लेखाकार के पद पर कार्यरत सज्जन सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया था. अगले दिन ही एसीबी ने गुर्जर के साथी नरेंद्र पोसवाल को गिरफ्तार किया था. इस प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ में तत्कालीन आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर के पति से संपर्क की बात भी सामने आई थी. हालांकि, बाद में आयोग सदस्य राजकुमारी गुर्जर और उनके पति को एसीबी ने क्लीन चिट दे दी थी.
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859 पदों के लिए 13 से 15 सितंबर 2021 तक उपनिरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2021 का आयोजन हुआ था. 24 दिसंबर 2021 को परिणाम जारी किया गया था. इस परीक्षा में इंटरव्यू का परिणाम 1 जून 2023 को जारी हुआ था. परिणाम जारी होने के बाद से ही परीक्षा विवादों के घेरे में थी. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद प्रकरण की परतें खुली हैं. आयोग के तत्कालीन सदस्य रामूराम राईका सलाखों के पीछे हैं.
24 दिसंबर 2022 को उदयपुर के बेकरिया थाने के बाहर 39 अभ्यर्थियों से भरी बस को पकड़ा गया था. यह सभी चलती बस में आरपीएससी की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सामान्य ज्ञान विषय का प्रश्न पत्र हल कर रहे थे. पुलिस की सूचना पर आरपीएससी ने पेपर को रद्द किया. इस प्रकरण में तत्कालीन आयोग के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा की भूमिका पेपर लीक करने में लिप्त पाई गई. 24 दिसंबर 2022 को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का सामान्य ज्ञान का पेपर अक्टूबर माह में ही कटारा ने लीक कर दिया था. कटारा के पास उस वक्त विशेषज्ञों से पेपर सेट करने की जिम्मेदारी थी, मगर पेपर तैयार होते ही वह सभी सेट की मूल प्रति अपने सरकारी आवास पर ले गया, जहां उसके भांजे विजय डामोर से सभी सवाल उसने कागज पर पेन से लिखवाए. सवाल लिखने के बाद उसने प्रिंटिंग के लिए पेपर कार्यालय में जमा करा दिया, जबकि हाथ से लिखा पेपर बेच दिया. इस प्रकरण में एसओजी ने बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय और ड्राइवर गोपाल सिंह को गत वर्ष 18 अप्रैल को गिरफ्तार किया था.
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इन सदस्यों से हो चुकी है पूछताछ : आरपीएससी की ईओ भर्ती परीक्षा में पास करने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस नेता गोपाल केसावत के प्रकरण में आयोग के दो सदस्यों से एसीबी ने पूछताछ की गई थी. 13 मार्च 2024 को गहलोत सरकार में मुख्य सचिव रहे निरंजन आर्य की पत्नी डॉ संगीता आर्य से उनके सरकारी बंगले पर पूछताछ की गई थी. डॉ संगीता आर्य आरपीएससी में सदस्य हैं. इसी तरह प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी डॉ मंजू शर्मा से भी उनके सरकारी आवास पर एसीबी ने 14 मार्च 2024 को पूछताछ की थी. डॉ मंजू शर्मा आयोग में सदस्य हैं.
बेटे, बेटी और रिश्तेदार के लिए कर दिया फर्ज से दगा : आयोग में 2013 से अभी तक शिकंजे में आए एक अध्यक्ष और 2 सदस्य के प्रकरण को देखें तो यह सभी अपनों को अफसर बनाने और पैसों के चक्कर में अपने फर्ज के प्रति गद्दारी कर बैठे. परीक्षाओं में हुई धांधली की एजेंसी जांच कर रही है. संभवतः आगामी दिनों में आयोग फिर से चर्चा में आ सकता है.
बेनीवाल ने अमितशाह को लिखा पत्र : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. पत्र में बेनीवाल ने मांग की है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित हुई एसआई भर्ती 2021 को रद्द करते हुए आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष संजय शौत्रिय को गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान सरकार को निर्देशित किया जाए.