रायपुर: मध्यप्रदेश से अलग होकर 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ. भारत के 26वें राज्य के तौर पर इसका निर्माण हुआ. राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ में कुल 16 जिले थे. मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ में कुल 5 संभाग है और 33 जिले हैं. छत्तीसगढ़ जिले का अधिकतर हिस्सा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना और ओडिशा से सटा हुआ है. यही कारण है कि इन राज्यों के लोग भी छत्तीसगढ़ में बस चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में हैं कुल 5 संभाग: छत्तीसगढ़ के 5 संभागों में बस्तर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा शामिल है. इन संभागों में बस्तर संभाग क्षेत्रफल की दृष्टि के नजरिए से बड़ा है. ये सारे संभाग राज्य की भौगोलिक संरचना के लिए महत्वपूर्ण हैं. सियासी दृष्टिकोण से बिलासपुर संभाग सबसे बड़ा है. रायपुर और दुर्ग संभाग शहरी क्षेत्र में पड़ता है. जबकि सरगुजा संभाग का कुछ हिस्सा शहरी तो कुछ वनांचल में पड़ता है. बस्तर संभाग आदिवासी बाहुल्य जनसंख्या वाला संभाग है.
एक नजर छत्तीसगढ़ के जिलों पर: छत्तीसगढ़ में कुल 33 जिले हैं. इनमें बस्तर संभाग में बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर जिला पड़ता है. दुर्ग संभाग में कवर्धा, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, खैरागढ़ छुईखदान गंडई, मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी जिला पड़ता है. बात अगर रायपुर संभाग की करें तो इस संभाग में धमतरी, गरियाबंद, रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमुन्द जिला पड़ता है. बिलासपुर संभाग में बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर चाम्पा, रायगढ़, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सक्ती, सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला पड़ता है. वहीं, सरगुजा संभाग में जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, बलरामपुर, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला पड़ता है.
छत्तीसगढ़ के जिलों का इतिहास
- बीजापुर: बीजापुर जिला बस्तर संभाग में पड़ता है. ये पहले दंतेवाड़ा जिले का हिस्सा था. बीजापुर छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी हिस्से में है. बीजापुर जिला जंगलों से समृद्ध है. हालांकि इस जिले का अधिकांश हिस्सा नक्सल प्रभावित है. यही कारण है कि ये जिला विकास से अछूता है.
- सुकमा: सुकमा जिला दंतेवाड़ा में पड़ता था. साल 2012 में ये एक अलग जिला बना. ये जिला वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिला है, जो कि विकास से अछूता है. इस जिले का अधिकांश हिस्सा नक्सल प्रभावित है.
- दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा जिला दक्षिण बस्तर का हिस्सा है. ये जिला घने जंगलों, सुंदर घाटियों और बलखाती नदियों से घिरा हुआ है. इसी जिले में मां दंतेश्वरी के ऐतिहासिक मंदिर है. ये जिला नक्सलियों का गढ़ कहा जाता है. यहीं पहाड़ियों पर ढोलकल गणेश जी विराजमान हैं.
- बस्तर: छत्तीसगढ़ के दक्षिण दिशा में बस्तर जिला है. बस्तर छत्तीसगढ़ के कोंडागांव, सुकमा, बीजापुर जिलों से घिरा हुआ है. बस्तर जिला और बस्तर संभाग का मुख्यालय जगदलपुर शहर है. बस्तर जिला प्राकृतिक सुंदरता से भरा पड़ा है.
- कोंडागांव: कोंडागांव का प्राचीन नाम कोण्डानार था. साल 1965 में ही कोंडागांव राजस्व अनुविभाग घोषित किया गया. इस जिले में आदिवासी समाज के लोगों की जनसंख्या अधिक है. साथ ही ये जिला नक्सल प्रभावित है.
- नारायणपुर:नारायणपुर 11 मई 2007 को बस्तर जिले से उत्पन्न दो नए जिलों में से एक है. नारायणपुर नक्सल प्रभावित जिला है. इस क्षेत्र की जनजातियां आर्थिक विकास से कटी हुई हैं.
- कांकेर:कांकेर पुराने बस्तर जिले का एक हिस्सा था. हालांकि साल 1998 में कांकेर को अलग जिला घोषित किया गया. कांकेर में मुख्य रूप से पांच नदियों बहती हैं. इनमें दूध नदी, महानदी, हटकुल नदी, सिंदुर नदी और तुरु नदी शामिल है. इस जिले में नक्सलियों का दबदबा है. यही कारण है कि यहां विकास पहुंचाना बड़ी चुनौती है.
- कवर्धा:कवर्धा जिला को कबीरधाम भी कहते हैं. ये जिला सकरी नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है. कबीर साहिब के आगमन और उनके शिष्य धर्मदास के वंशज की गद्दी स्थापना के कारण इस जिले का नाम कबीरधाम पड़ा.
- राजनांदगांव: राजनांदगांव जिला 26 जनवरी 1973 को दुर्ग जिले से अलग होकर अलग बना. रियासत काल में राजनांदगांव एक राज्य के रूप में विकसित था. यहां पर सोमवंशी, कलचुरी एवं मराठाओं का शासन रहा.
- बालोद: बालोद शहर तान्दुला नदी के तट पर बसा है. बालोद शहर की धमतरी और दुर्ग से दूरी 44 और 58 किलोमीटर है. जिला मुख्यालय बालोद तान्दुला डैम के पास है
- दुर्ग:छत्तीसगढ़ के हृदय स्थल पर शिवनाथ नदी के पहले दुर्ग जिला स्थित है. दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास का अग्रदूत है. यहां भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ न सिर्फ जिले बल्कि संपूर्ण प्रदेश का चौतरफा औद्योगिक विकास हुआ है. ये जिला प्रदेश का औद्योगिक जिला है.
- बेमेतरा: बेमेतरा जिला छत्तीसगढ़ का नवगठित जिला है. इस जिले का गठन 1 जनवरी 2012 को किया गया था. ये जिला दुर्ग जिले से विभाजित होकर बना है.
- खैरागढ़ छुईखदान गंडई: खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिला में तीन शहर, खैरागढ़ , छुईखदान और गंडई शामिल हैं. इसे 2022 में राजनांदगांव से अलग करके बनाया गया था. यह राज्य का 31वां जिला है.
- मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी:प्राचीन समय में मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी क्षेत्र चांदो यानी कि चंद्रपुर राज्य के अंडर में था. यहां गोंड राजाओं का शासन था. यह तीन रियासतों यानी कि कोराचा, पानाबरस और आमागढ़ में विभाजित था. इनमें पानाबरस रियासत सबसे बड़ी थी. आजादी के समय यह मध्य प्रांत का हिस्सा था. अब ये छत्तीसगढ़ का नवगठित जिला बन चुका है.
- धमतरी:धमतरी जिले को आधिकारिक तौर पर 6 जुलाई 1998 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले से महासमुंद के साथ विभाजित किया गया था. रायपुर जिले की सीमाएं तीन जिलों में बदल गयी हैं, रायपुर, महासमुंद और धमतरी. धमतरी, कुरूद , मगरलोड और नगरी को धमतरी जिले में तहसील और धमतरी, कुरुद, नगरी और मगरलोड ब्लॉकों के रूप में शामिल किया गया है.
- गरियाबंद: गरियाबंद जिला 1 जनवरी 2012 को अस्तित्व में आया था. यह जिला प्राकृतिक संसाधनों से भरा पड़ा है. इस जिले के उत्तर में पैरी और सोढ़ूर नदी है, जो कि राजिम में मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती है. ये जिला ओडिसा राज्य से सटा हुआ है. जिले का प्रमुख तीर्थ स्थल राजिम है, जिसे छत्तीसगढ़ का प्रयागराज भी कहा जाता है. यहां हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
- रायपुर: रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी है. साल 1998 में जिला रायपुर 3 भागों में बंट गया. इस जिले से अलग होकर महासमुंद और धमतरी का निर्माण किया गया.
- बलौदाबाजार-भाटापारा:बलौदा बाजार रायपुर संभाग में पड़ता है. जिले की सीमा बेमेतरा, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर, सारंगढ़–बिलाईगढ़, महासमुंद और रायपुर जिले को टच करती है.
- महासमुंद: महासमुंद जिला का इतिहास बेहद खास है. अपनी सांस्कृतिक इतिहास के लिए ये जिला प्रसिद्ध है. यह क्षेत्र ‘सोमवंशीय सम्राट’ की ओर से शासित ‘दक्षिण कोशल’ की राजधानी थी. यह सीखने का केंद्र भी है. यहां कई मंदिरें है, जो अपने प्राकृतिक और सौंदर्य के कारण हमेशा आकर्षण का केन्द्र बनी रहती है.
- बिलासपुर: बिलासपुर का नाम “बिलासा” नामक महिला के नाम पर रखा गया है. कई प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद बिलासपुर ने बहुत कुछ विकसित किया है. बिलासपुर को छत्तीसगढ़ राज्य की न्यायधानी के नाम से भी जाना जाता है. यहां बिलासपुर उच्च न्यायालय एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है. बिलासपुर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है.
- मुंगेली: छत्तीसगढ़ के 142 साल पुराने राज्य की सबसे बड़ी तहसीलों में से एक मुंगेली को तत्कालीन रमन सिंह के शासनकाल में अलग जिला बनाया गया. मुंगेली को 1860 में तहसील का दर्जा मिला. इस तरह 142 साल बाद यह मुंगेली तहसील से जिला बन गया. नए जिले में तीन तहसील मुंगेली, पथरिया और लोरमी शामिल हैं.
- कोरबा:कोरबा जिला 25 मई1998 में अस्तित्व में आया. जिले का मुख्यालय कोरबा शहर में है, जो कि हसदेव और अहिरन नदी के संगम के किनारे स्थित है. कोरबा छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कही जाती है. कोरबा जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत पड़ता है.
- जांजगीर चांपा:जांजगीर चांपा जिले का गठन 25 मई 1998 को किया गया था. जांजगीर चांपा छत्तीसगढ के मध्य स्थित होने के कारण इसे छत्तीसगढ राज्य के हृदय भी माना जाता है. जांजगीर-चांपा के मुख्यालय जांजगीर कलचुरी वंश के महाराजा जाज्वल्य देव की नगरी है.
- रायगढ़: रायगढ़ उत्तर में जशपुर, दक्षिण में महासमुन्द और उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पूर्व तक ओडिशा राज्य की सरहद से सटा है. रायगढ़ जिले का उत्तरी क्षेत्र बीहड़, जंगल, पहाड़ियों से भरा पड़ा है. इस जिले का दक्षिण हिस्सा मैदानी है. जिले की बहुसंख्यक आबादी गांवों में रहती है.
- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिला 10 फरवरी 2020 को छत्तीसगढ़ के 28वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया. ये जिला बिलासपुर से अलग होकर बना था.
- सक्ती: सक्ती जिले के गठन की घोषणा 15 अगस्त 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी. ये जिला छत्तीसगढ़ का 33वां जिला है. सक्ती जिले का उद्घाटन 9 सितम्बर 2022 को किया गया गया था. यह जिला चार ब्लॉक सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर और डभरा को मिलाकर बनाया गया है.
- सारंगढ़ बिलाईगढ़: सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला छत्तीसगढ़ राज्य का नवगठित जिला है. इस जिले की घोषणा तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने 15 अगस्तर 2021 को की थी. ये रायगढ़ और बलौदा बाजार से अलग होकर जिला बना था.
- जशपुर: जशपुर जिला झारखंड और ओडिशा की सीमा से सटा है. ब्रिटिश काल में यह पूर्वी राज्य एजेंसी के रियासतों में से एक थी. इसे ईस्ट प्रोविंस की राजधानी के तौर पर भी जाना जाता है. आजादी से पहले जशपुर एक रियासत थी.
- कोरिया:कोरिया जिला 25 मई 1998 को अस्तित्व में आया. इस जिले को सरगुजा से अलग करके बनाया गया था. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ के नए राज्य के गठन के बाद कोरिया जिला नए छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा बन गया.
- सूरजपुर: सूरजपुर जिले का गठन 1 जनवरी 2012 को हुआ था. प्रशासनिक सुविधा के लिए सरगुजा जिले का विभाजन कर सूरजपुर जिला गठित किया गया. सूरजपुर को पहले "दंदबुल्ला" के नाम से जाना जाता था. हालांकि बाद में "सूर्यपुर" कहा जाने लगा. अब ये जिला सूरजपुर कहलाता है.
- सरगुजा: सरगुजा क्षेत्र का इतिहास काफी प्राचीन है. ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में यह रियासत मगध के नंद वंश के अधीन था. इसके बाद मौर्यों के अधीन हुआ. आगे चलकर ये क्षेत्र कलचुरियों के अधीन हो गया. हालांकि यहां द्रविड वंशीय छोटे-छोटे राजाओं का भी शासन रहा, जो आपस में लडते रहते थे.
- बलरामपुर: बलरामपुर रामानुजगंज जिला छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी हिस्से में पड़ता है. यह पहले सरगुजा जिले में पड़ता था. 17 जनवरी 2012 को ये जिला अस्तित्व में आया. यह जिला उत्तर प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश राज्यों के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है.
- मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: कोरिया जिले को विभाजित करके नया जिला एमसीबी यानी कि मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर बनाया गया. यह 9 सितंबर 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य के 32वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया था. इसकी सीमाएं उत्तर में मध्य प्रदेश के सीधी जिले की कुसमी तहसील, दक्षिण में मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले को टच करती है.