हिसार: बांग्लादेश में हिंदू सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर कट्टरपंथियों की ओर से जारी हिंसा के खिलाफ देश भर में आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को शहर के क्रांतिमान पार्क में राष्ट्रीय एकता मंच के बैनर तले एक रोष जनसभा का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों के साथ-साथ शहर के गणमान्य लोगों ने शिरकत की. इसमें वक्ताओं ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. जनसभा के बाद प्रदर्शनकारी मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान बंगलादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और दोषियों पर कार्रवाई की मांग से संबंधित राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन हिसार के अतिरिक्त उपायुक्त सी जया श्रद्धा को सौंपा.
5 हजार से अधिक लोग हुए शामिलः ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र संघ से भी इस मामले में हस्तक्षेप कर तुरंत बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने के साथ साथ केंद्र सरकार से भी इस मामले में सख्त कदम उठाए जाने की मांग की गई. राष्ट्रीय एकता मंच के संयोजक मुकेश बंसल ने कहा कि बांग्लादेश में अगस्त माह से हिंदुओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. इससे दुनिया के हिंदुओं में रोष है. इसी बारे में आज ये जनसभा का आयोजन किया गया. उन्होंने दावा किया कि इसमें विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक और धार्मिक संगठनों के साथ सामाजिक संस्थाओं से जुड़े 5 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की.
सुबह से जुटने लगे थे लोगः जनसभा को लेकर शहर के लोग काफी सक्रिय दिखे. सुबह 9 बजे से ही लोग क्रांतिमान पार्क में जमा होने शुरू हो गए थे. आयोजन किसी व्यक्ति विशेष संगठन या संस्था का न होकर सामूहिक एकजुटता का दिखा. संत समाज हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर काफी गुस्से में दिखा. उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश देते हुए इस मामले में पूरी दुनिया के हिंदू समाज से सहयोग की मांग की. संतों ने कहा कि जात-पात, मत-पंथ भुलाकर पूरा सनातन समाज एकजुट हो. तभी इस तरह के अत्याचारों को रोका जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि ये न सोचे कि ये घटनाक्रम बांग्लादेश में हो रहा है, इससे हमारा क्या लेना देना. इस घटनाक्रम को आगे बढ़ने से रोका नहीं गया तो कट्टरपंथियों के हौसले बढ़ेंगे. हिंदुत्व विरोधी ताकतों को इससे और बढ़ावा मिलेगा. इससे आने वाले समय में देश भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर सकता है. ऐसे में वर्तमान समय में इस तरह की ताकतों के खिलाफ सामूहिक एकजुटता का भाव सबसे पहले जरूरी है.
- भारत सरकार इस मामले को प्राथमिकता से उठाए. बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक चर्चा कर हिन्दू सहित सभी अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
- संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार आयोग और महासचिव इस विषय पर तत्काल हस्तक्षेप करे और बांग्लादेश पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाएं.
- भारत में आने वाले सभी अल्पसंख्यकों सहित हिन्दू शरणार्थियों को सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.
- बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का सख्ती से पालन.