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हिमकेयर व आयुष्मान को पेमेंट नहीं मिलने का खामियाजा भुगत रहे मरीज, IGMC में नहीं हो रहे ऑपरेशन - Himcare and Ayushman Yojana - HIMCARE AND AYUSHMAN YOJANA

Himcare and Ayushman Yojana:हिमकेयर व आयुष्मान की योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. सरकार ने 60 करोड़ से अधिक का पेमेंट आयुष्मान और हिमकेयर का बकाया रखा है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. आईजीएमसी में हार्ट का ऑपरेशन नहीं हो रहा है. आपातकाल स्थिति में मरीजों का ऑपरेशन हो रहा है.

Himcare and Ayushman Yojana Pending Payment in Himachal
Himcare and Ayushman Yojana Pending Payment in Himachal
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 31, 2024, 12:21 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में चलाई जा रही हिमकेयर व आयुष्मान योजना का लाभ जैसा मिलना चाहिए था वैसा लोगों का मिल नहीं रहा है. ऐसे में अब मरीजों की मुश्किलें बढ़ चुकी है. हिमाचल के सबसे बड़े हॉस्पिटल आईजीएमसी की अगर बात की जाए तो यहां पर इन दिनों हार्ट के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. सिर्फ आपातकाल स्थिति में ही मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं. पहले हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड पर जो ऑपरेशन का सामान मिलता था वह नहीं मिल पा रहा है.

60 करोड़ से अधिक पेमेंट बकाया: यह सामान व दवाईयां इसलिए नहीं मिल रही है कि अभी तक सरकार ने लगभग 60 करोड़ से अधिक की पेमेंट आयुष्मान व हिमकेयर का बकाया है. पेमेंट न होने से अब होल सेल डिस्ट्रीब्यूटर को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर का कहना है कि अब कंपनी भी उन्हें दवाइयां देने से मना कर रही हैं. दवा कंपनियों की करोड़ों की पेमेंट लंबित है. ऐसे में अब कंपनी भी दवाई देने से मना कर रही है.

5 लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क: होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर अस्पताल प्रबंधन से भी मिले हैं, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि एक तरफ सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात करती है दूसरी ओर अब जो मरीजों का योजनाओं के तहत निशुल्क उपचार होता है, वह भी नहीं हो पा रहा है. अस्पतालों में मरीज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड पर मरीजों का 5 लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क होता है. ऐसे में गरीब मरीजों को अब इलाज करवाना मुश्किल हो गया है.

क्या कहते है होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर: होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव पंडित, महासचिव अनुज जैन, आयोजक सचिव ने कहा कि उन्हें कंपनी से दवाइयां मंगवाना मुश्किल हो गई है. पहले यह पेमेंट 45 से 60 दिनों के अंदर आ जाती थी, लेकिन अब करोड़ों की पेमेंट पेंडिंग है. मरीजों को दवाइयां न मिलने से काफी दिक्कतें हो रही है. शिमला के दवा के होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर को जन औषधि आईजीएमसी शिमला द्वारा लगभग एक वर्ष से पेमेंट नहीं किया जा रहा है. सरकार से मांग करते है कि जल्द ही इस समस्याओं का समाधान हो. ताकि दवाइयों की खरीद समय से हो सके और बाजार तक सही समय में पूर्ति हो सके.

चुनाव में सरकार को लगेगा झटका: अगर हिमकेयर व आयुष्मान के तहत मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती है तो इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में सरकार को भुगतने को मिलेगा. मरीजों को निशुल्क दवाइयों से काफी राहत मिलती है. गरीब मरीज के पास लाखों रुपये इलाज करवाने के लिए नहीं होते है. ऐसे में उनके पास एकमात्र सहारा हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड ही है. अगर यह योजना भी बंद होती है तो जनता सरकार का विरोध करेगी. सरकार को समय से इसकी पेमेंट करनी चाहिए ताकि मरीजों को अस्पतालों में कोई दिक्कतें न आए.

स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा: स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल बार-बार यह कह रहे है कि शीघ्र ही हिमकेयर और आयुष्मान की लंबित पेमेंट की जाएगी. हालांकि विधानसभा सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर विपक्ष ने यह मामला उठाया था उस दौरान भी स्वास्थ्य मंत्री ने यह जवाब दिया था कि यह पेमेंट जल्द से जल्द की जाएगी, लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं हुई है. अब होल सेल डिस्ट्रीब्यूटर भी सड़कों पर उतरने वाले है. अब कभी भी अन्य दवाइयों की भी सप्लाई रुक सकती है.

ये भी पढ़ें: शिमला में धारदार हथियार से नेपाली मूल के व्यक्ति का मर्डर, आरोपी फरार

शिमला: हिमाचल प्रदेश में चलाई जा रही हिमकेयर व आयुष्मान योजना का लाभ जैसा मिलना चाहिए था वैसा लोगों का मिल नहीं रहा है. ऐसे में अब मरीजों की मुश्किलें बढ़ चुकी है. हिमाचल के सबसे बड़े हॉस्पिटल आईजीएमसी की अगर बात की जाए तो यहां पर इन दिनों हार्ट के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. सिर्फ आपातकाल स्थिति में ही मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं. पहले हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड पर जो ऑपरेशन का सामान मिलता था वह नहीं मिल पा रहा है.

60 करोड़ से अधिक पेमेंट बकाया: यह सामान व दवाईयां इसलिए नहीं मिल रही है कि अभी तक सरकार ने लगभग 60 करोड़ से अधिक की पेमेंट आयुष्मान व हिमकेयर का बकाया है. पेमेंट न होने से अब होल सेल डिस्ट्रीब्यूटर को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर का कहना है कि अब कंपनी भी उन्हें दवाइयां देने से मना कर रही हैं. दवा कंपनियों की करोड़ों की पेमेंट लंबित है. ऐसे में अब कंपनी भी दवाई देने से मना कर रही है.

5 लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क: होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर अस्पताल प्रबंधन से भी मिले हैं, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि एक तरफ सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात करती है दूसरी ओर अब जो मरीजों का योजनाओं के तहत निशुल्क उपचार होता है, वह भी नहीं हो पा रहा है. अस्पतालों में मरीज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड पर मरीजों का 5 लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क होता है. ऐसे में गरीब मरीजों को अब इलाज करवाना मुश्किल हो गया है.

क्या कहते है होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर: होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव पंडित, महासचिव अनुज जैन, आयोजक सचिव ने कहा कि उन्हें कंपनी से दवाइयां मंगवाना मुश्किल हो गई है. पहले यह पेमेंट 45 से 60 दिनों के अंदर आ जाती थी, लेकिन अब करोड़ों की पेमेंट पेंडिंग है. मरीजों को दवाइयां न मिलने से काफी दिक्कतें हो रही है. शिमला के दवा के होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर को जन औषधि आईजीएमसी शिमला द्वारा लगभग एक वर्ष से पेमेंट नहीं किया जा रहा है. सरकार से मांग करते है कि जल्द ही इस समस्याओं का समाधान हो. ताकि दवाइयों की खरीद समय से हो सके और बाजार तक सही समय में पूर्ति हो सके.

चुनाव में सरकार को लगेगा झटका: अगर हिमकेयर व आयुष्मान के तहत मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती है तो इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में सरकार को भुगतने को मिलेगा. मरीजों को निशुल्क दवाइयों से काफी राहत मिलती है. गरीब मरीज के पास लाखों रुपये इलाज करवाने के लिए नहीं होते है. ऐसे में उनके पास एकमात्र सहारा हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड ही है. अगर यह योजना भी बंद होती है तो जनता सरकार का विरोध करेगी. सरकार को समय से इसकी पेमेंट करनी चाहिए ताकि मरीजों को अस्पतालों में कोई दिक्कतें न आए.

स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा: स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल बार-बार यह कह रहे है कि शीघ्र ही हिमकेयर और आयुष्मान की लंबित पेमेंट की जाएगी. हालांकि विधानसभा सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर विपक्ष ने यह मामला उठाया था उस दौरान भी स्वास्थ्य मंत्री ने यह जवाब दिया था कि यह पेमेंट जल्द से जल्द की जाएगी, लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं हुई है. अब होल सेल डिस्ट्रीब्यूटर भी सड़कों पर उतरने वाले है. अब कभी भी अन्य दवाइयों की भी सप्लाई रुक सकती है.

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