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छत्तीसगढ़ में हिमालय के बुरांश फूलों का रस, शुगर स्किन और ब्रेन की बीमारियों को चुटकियों में करता है ठीक ! - himalayan buransh flower

हिमालय के बुरांश फूलों के रस का जूस छत्तीसगढ़ में मिल रहा है. वैज्ञानिक और इस जूस के विक्रेता का दावा है कि ये जूस कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाता है. आइए जानते हैं ये जूस क्यों खास है और इसके क्या लाभ हैं. ?

Himalayan flower juice in CG
हिमालय के फूलों के रस का जूस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 19, 2024, 8:36 AM IST

हिमालय के फूलों के रस का जूस छत्तीसगढ़ में (ETV Bharat)

सरगुजा: हिमालय में प्राकृतिक औषधि का भंडार पाया जाता है. इस क्षेत्र में स्थानीय लोग ऐसा रस बनाते हैं, जिसमें कई गुण पाए जाते हैं. इस रस के सेवन से इंसान कई गंभीर बीमारियों से बच सकता है. इस सेहतमंद रस को हिमालय में पाये जाने वाले एक फूल से निकाला जाता है. उत्तराखंड और हिमांचल में गृह उद्योग लगाकर महिला-पुरुष इस रस का निर्माण करते हैं. ये उनकी आजीविका का भी प्रमुख साधन बन चुका है. शायद इसलिए उत्तराखंड और हिमांचल सरकार ने इसे अपना राजकीय वृक्ष घोषित किया है. इतना ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल का भी यह राष्ट्रीय वृक्ष है.

हिमालय के फूलों के रस का जूस छत्तीसगढ़ में: दरअसल, हम बात कर रहे हैं बुरांश के पेड़ की. यह एक विशालकाय पेड़ होता है. इसमें लगने वाले फूलों के रस से जूस तैयार किया जाता है. यह जूस सेहत तो बनाता ही है. साथ ही इसका स्वाद भी लाजवाब होता है. गर्मियों में शरबत पीने के शौकीन लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. बड़ी बात तो यह है कि अब बुरांश का शरबत छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में भी उपलब्ध है. अम्बिकापुर के युवक विकास शर्मा इस रस को उत्तराखंड से लेकर आते हैं और अम्बिकापुर में लोगों को उपलब्ध कराते हैं.

कई बीमारियों से दिलाता है छुटकारा: इस खास जूस के बारे में विकास बताते हैं, "बुरांश का जूस पहाड़ों में 100 से 120 रुपए लीटर है. मैं इसे यहां लाकर के 150 रुपये लीटर बेचता हूं. इसके लाभ इतने हैं कि एनीमिया के मरीज जिनका खून नही बनता है, उनमें खून का निर्माण करता है. ब्लडप्रेशर, शुगर कंट्रोल करता है. सोरायसिस सहित ये अनगिनत आंतरिक और बाहरी बीमारियों को ठीक करता है, इसलिए मैं इसे उत्तराखंड से लेकर आता हूं. ये जूस निर्माण के बाद 10 माह से 12 माह तक खराब नहीं होता है."

"बुरांश को साइंटिफिक रूप में रोडोडेडरियान के नाम से जानते हैं. ये हिमालयन वृक्ष है. नार्थ ईस्ट और हिमालय से नेपाल तक के इलाकों में ये पाया जाता है. इसका पेड़ बड़ा इमारती होता है. इसके जो फूल हैं, उनमें कई औषधीय गुण होते हैं. मस्तिष्क की समस्या हो या शुगर, शरीरिक ऐंठन, मांस पेशियों में खिंचाव की समस्या, इसकी एंटी इन्फ्लामेट्री प्रॉपर्टी एंटी ऑक्सीडेंट्स का काम करती है. इसलिए ये कई प्रकार की बीमारियों में काम करती है." -डॉ. प्रशांत, साइंटिस्ट, हार्टिकल्चर विभाग

यानी कि इस फूल के रस में कई गुण होते हैं, जो कि लोगों को अलग-अलग तरह के रोगों से बचाते हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हिमालय के खास फूल बुरांश का जूस फिलहाल तो निशुल्क मिल रहा है. हालांकि जल्द ही दुकानदार विकास इसे बेचना भी शुरू कर देंगे. इस खास जूस को साइंटिस्ट भी पीने की सलाह देते हैं.

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हिमालय के फूलों के रस का जूस छत्तीसगढ़ में (ETV Bharat)

सरगुजा: हिमालय में प्राकृतिक औषधि का भंडार पाया जाता है. इस क्षेत्र में स्थानीय लोग ऐसा रस बनाते हैं, जिसमें कई गुण पाए जाते हैं. इस रस के सेवन से इंसान कई गंभीर बीमारियों से बच सकता है. इस सेहतमंद रस को हिमालय में पाये जाने वाले एक फूल से निकाला जाता है. उत्तराखंड और हिमांचल में गृह उद्योग लगाकर महिला-पुरुष इस रस का निर्माण करते हैं. ये उनकी आजीविका का भी प्रमुख साधन बन चुका है. शायद इसलिए उत्तराखंड और हिमांचल सरकार ने इसे अपना राजकीय वृक्ष घोषित किया है. इतना ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल का भी यह राष्ट्रीय वृक्ष है.

हिमालय के फूलों के रस का जूस छत्तीसगढ़ में: दरअसल, हम बात कर रहे हैं बुरांश के पेड़ की. यह एक विशालकाय पेड़ होता है. इसमें लगने वाले फूलों के रस से जूस तैयार किया जाता है. यह जूस सेहत तो बनाता ही है. साथ ही इसका स्वाद भी लाजवाब होता है. गर्मियों में शरबत पीने के शौकीन लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. बड़ी बात तो यह है कि अब बुरांश का शरबत छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में भी उपलब्ध है. अम्बिकापुर के युवक विकास शर्मा इस रस को उत्तराखंड से लेकर आते हैं और अम्बिकापुर में लोगों को उपलब्ध कराते हैं.

कई बीमारियों से दिलाता है छुटकारा: इस खास जूस के बारे में विकास बताते हैं, "बुरांश का जूस पहाड़ों में 100 से 120 रुपए लीटर है. मैं इसे यहां लाकर के 150 रुपये लीटर बेचता हूं. इसके लाभ इतने हैं कि एनीमिया के मरीज जिनका खून नही बनता है, उनमें खून का निर्माण करता है. ब्लडप्रेशर, शुगर कंट्रोल करता है. सोरायसिस सहित ये अनगिनत आंतरिक और बाहरी बीमारियों को ठीक करता है, इसलिए मैं इसे उत्तराखंड से लेकर आता हूं. ये जूस निर्माण के बाद 10 माह से 12 माह तक खराब नहीं होता है."

"बुरांश को साइंटिफिक रूप में रोडोडेडरियान के नाम से जानते हैं. ये हिमालयन वृक्ष है. नार्थ ईस्ट और हिमालय से नेपाल तक के इलाकों में ये पाया जाता है. इसका पेड़ बड़ा इमारती होता है. इसके जो फूल हैं, उनमें कई औषधीय गुण होते हैं. मस्तिष्क की समस्या हो या शुगर, शरीरिक ऐंठन, मांस पेशियों में खिंचाव की समस्या, इसकी एंटी इन्फ्लामेट्री प्रॉपर्टी एंटी ऑक्सीडेंट्स का काम करती है. इसलिए ये कई प्रकार की बीमारियों में काम करती है." -डॉ. प्रशांत, साइंटिस्ट, हार्टिकल्चर विभाग

यानी कि इस फूल के रस में कई गुण होते हैं, जो कि लोगों को अलग-अलग तरह के रोगों से बचाते हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हिमालय के खास फूल बुरांश का जूस फिलहाल तो निशुल्क मिल रहा है. हालांकि जल्द ही दुकानदार विकास इसे बेचना भी शुरू कर देंगे. इस खास जूस को साइंटिस्ट भी पीने की सलाह देते हैं.

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