शिमला: इन दिनों हर तरफ हिमाचल सरकार के आर्थिक संकट का शोर है. सितंबर महीने की 3 दिन बीत चुकी है, लेकिन प्रदेशभर में सरकारी क्षेत्र में विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के अगस्त महीने की सैलरी क्रेडिट नहीं हुई है. हिमाचल विधानसभा में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है. ऐसे में कर्मचारियों को सैलरी सहित अन्य वित्तीय लाभ न देने पर सुक्खू सरकार विपक्ष के निशाने पर है और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार गारंटियों को पूरा न करने पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर हैं.
लाखों महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन का इंतजार
इस बीच प्रदेश में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1500 मासिक पेंशन देने को लेकर भी अब सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हिमाचल में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर प्रदेश की महिलाओं से हर महीने 1500 रुपए मासिक पेंशन देने की गारंटी दी थी, लेकिन हिमाचल की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए ये गारंटी सरकार के खाली खजाने पर अब भारी पड़ गई है. ऐसे में इधर हिमाचल सरकार गंभीर आर्थिक संकट से घिरी है, वहां प्रदेश की 8 लाख महिलाएं खाते में खटाखट 1500 रुपये आने का इंतजार कर रही हैं.
8 लाख से ज्यादा आवेदन
प्रदेश में सुक्खू सरकार की इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना का लाभ लेने का लाखों महिलाओं को इंतजार है. प्रदेश भर में हर महीने 1500 रुपए मासिक पेंशन की सुविधा लेने के लिए 8 लाख से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया है. अभी भी योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं इस उम्मीद के साथ आवेदन कर रही हैं कि कभी न कभी उनके खाते में भी कांग्रेस की सुक्खू सरकार हर महीने खटाखट 1500 रुपये डालेगी, लेकिन हिमाचल सरकार पर छाए आर्थिक संकट के बादलों के बीच इन महिलाओं का 1500 रुपए मासिक पेंशन पाने का इंतजार शायद अब और बढ़ने वाला है.
इन महिलाओं को मिल रहा योजना का लाभ
बता दें कि सरकार ने प्रदेशभर में इस योजना को लागू करने के लिए 13 मार्च को अधिसूचना जारी की गई थी. जिसके बाद से अब तक संबंधित विभाग को 8 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. वहीं, जिन महिलाओं ने लोकसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को लागू आचार संहिता से पहले आवेदन किया था, उन्हें ही केवल मात्र इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है.
इन महिलाओं को नहीं मिलेंगे 1500 रुपए
सरकार की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं की उम्र 18 से 59 साल और हिमाचल की स्थाई निवासी होना पहली शर्त है. इसके अलावा अधिसूचना के मुताबिक केंद्रीय, राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनर, कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों बोर्ड, निगम, काउंसिल या एजेंसी के कर्मियों, पेंशन भोगियों वाले परिवार की किसी भी महिला को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.
इस स्थिति में बंद होगी पेंशन की सुविधा
इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत राशि की स्वीकृति प्रदान करने के लिए जिलों के उपायुक्त, पांगी में आवासीय उपायुक्त, काजा और भरमौर में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी और डोडरा क्वार में एसडीएम सक्षम अधिकारी है. जिला कल्याण अधिकारी या तहसील कल्याण अधिकारी का दायित्व है कि वह सक्षम अधिकारी को स्वीकृति आदेश का प्रस्ताव प्रस्तुत करने से पहले सभी शर्तें सुनिश्चित कर लें. स्वीकृत ऑर्डर की प्रधान महालेखाकार और निदेशक अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण विभाग को भेजनी होगी. अगर किसी लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है या वह किसी कारणवश अपात्र हो जाती है तो इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि बंद करने की प्रक्रिया भी नियमों में बताई गई है. वहीं, किसी भी लाभार्थी के खिलाफ अपात्र होने की शिकायत मिलने पर एक माह के अंदर तहसील कल्याण अधिकारी छानबीन कर सुख सम्मान निधि रोकने पर फैसला लेंगे. इसके अलावा अपात्र पाए जाने की स्थिति में महिलाओं के खाते में अब तक डाली गई राशि को सरकार वापिस लेगी. वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुताबिक चुनाव के समय लोगों को दी गई हर गारंटी को सरकार पूरा करेगी.