कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बिजली महादेव रोपवे पर कार्य शुरू किया गया है, लेकिन कार्य शुरू होने से पहले ही यह बिजली महादेव रोपवे विवादों में घिर गया है. बिजली महादेव रोपवे को लेकर खराहल और कशावरी फाटी के लोग अब विरोध में उतर आए हैं. प्रदर्शनकारी ग्रामीण देव आदेश की बात कहते हुए रोपवे को राज्य सरकार से रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले भी ग्रामीणों ने ढालपुर में विरोध प्रदर्शन किया था.
बिजली महादेव रोपवे के निर्माण प्रक्रिया में अब सरकार द्वारा तेजी लाई जा रही है. ऐसे में एक बार फिर से सोमवार को कशावरी फाटी के सैकड़ों लोगों ने ढालपुर में धरना प्रदर्शन किया. हालांकि आज घाटी में मौसम खराब रहा, उसके बावजूद भी लोग सड़कों पर उतरे और अपना रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने कहा जब देवता बिजली महादेव ने इस रोपवे निर्माण के बारे में अपनी मनाही जग जाहिर की है तो, क्यों सरकार और प्रशासन रोपवे लगाने की जिद पर अड़ा हुआ है.
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कहा देवता बिजली महादेव जिला कुल्लू के आराध्य देवता हैं. उनके द्वारा जो देव वाणी कही गई है, उसका ग्रामीणों के द्वारा हर हाल में सम्मान किया जाएगा. इसके लिए ग्रामीणों ने केंद्र और प्रदेश सरकार को कई बार ज्ञापन भी भेजा है, लेकिन सरकार ग्रामीण की मांगों पर कोई गौर नहीं कर रही है. ऐसे में अब ग्रामीणों ने भी तय कर लिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए. वे हर हाल में बिजली महादेव रोपवे का विरोध करेंगे.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली महादेव रोपवे को लेकर केंद्र सरकार से भी पत्राचार किया गया था और केंद्र सरकार ने भी इसके लिए बजट को मंजूरी दे दी है. बिजली महादेव रोपवे माहौल के नेचर पार्क से लेकर बिजली महादेव मंदिर तक बनाया जाएगा. इसकी दूरी 3 किलोमीटर होगी. रोपवे बनने से सैलानी कुछ मिनट में ही कई घंटे का सफर पूरा कर सकेंगे और सरकार का यह मानना भी है कि रोपवे बनने से स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिलेगा, लेकिन खराहल घाटी के ग्रामीण देवता बिजली महादेव के आदेशों का हवाला देकर लगातार इसका विरोध कर रहे हैं.
पुइद पंचायत के प्रधान सर चंद का कहना है कि वह लगातार ग्रामीणों के साथ इस मामले को लेकर बैठक कर रहे हैं. बिजली महादेव रोपवे का लगातार विरोध किया जा रहा है. सरकार जब तक उनकी बात को नहीं मानती है, तब तक इस रोपवे का विरोध जारी रहेगा. ग्राम पंचायत जिया के प्रधान संजीव कुमार ने कहा देवता बिजली महादेव का आदेश सर्वोपरि है. ग्रामीण भी देवता के आदेश का सम्मान करते हैं. सरकार को भी इस बात को मानना होगा और बिजली महादेव रोपवे के प्रोजेक्ट को रद्द करना होगा.
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