ETV Bharat / state

प्रिविलेज मोशन लाने से भड़के सचिवालय कर्मचारी, सरकार के खिलाफ खोला मार्चा, 17 सितंबर को करेंगे गेट मीटिंग - Employee on Privilege Motion

Himachal Secretariat Employees On Privilege Motion: हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय की ओर से सचिवालय कर्मचारियों के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन लाया गया है. जिसके बाद सचिवालय कर्मचारी सरकार पर भड़के नजर आए. कर्मचारियों ने 17 सितंबर को गेट मीटिंग करेंगे. पढ़िए पूरी खबर...

प्रिविलेज मोशन लाने से भड़के सचिवालय कर्मचारी
प्रिविलेज मोशन लाने से भड़के सचिवालय कर्मचारी (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 7:27 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 8:06 AM IST

प्रिविलेज मोशन लाने से भड़के सचिवालय कर्मचारी (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले 15 अगस्त को देहरा में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में कर्मचारियों को डीए और संशोधित एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से कर्मचारी सुक्खू सरकार से पहले नाराज चल रहे थे. इसके बाद सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री ने कर्मचारियों के खिलाफ बयानबाजी कर आग में घी डालने का काम किया. अब हिमाचल विधानसभा सचिवालय की ओर से लाए गए प्रिविलेज मोशन से सचिवालय कर्मचारी नाराज हैं.

हालांकि, लोगों की समस्याओं को विधानसभा के मानसून सत्र में सही तरह से उठाया जा सके, इसके कर्मचारियों ने विधानसभा के दौरान अपने आंदोलन को भी स्थगित कर दिया था. लेकिन अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय की ओर से राज्य सचिवालय कर्मचारियों के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन से हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ भड़क गया है. ऐसे में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को गेट मीटिंग का ऐलान कर दिया है.

बता दें कि यह कार्रवाई तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर की गई है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के पास राजेश धर्माणी की विशेषाधिकार हनन की शिकायत के बाद सचिवालय प्रशासन के सचिव को इस बारे में एक पत्र भेजा गया है. यह जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी, जो अब इस मामले पर अगला निर्णय लेंगे.

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ये पहली है कि चुने हुए कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया है. ये भी उस स्थिति में जब कर्मचारियों ने विधानसभा सेशन में पूरी ईमानदारी से काम करते हुए सरकार का सहयोग किया है. ऐसे में प्रिविलेज मोशन किस बात के लिए लाया जा रहा है. लेकिन इससे कर्मचारी डरने वाले नहीं है. हमने न तो विधानसभा में विघ्न डाला न ही विधानसभा में किसी को गाली दी, फिर भी प्रिविलेज मोशन लाया गया".

कर्मचारियों ने खोला मोर्चा: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों और सरकार के बीच डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर का भुगतान को लेकर चल रहा विवाद अभी सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है. सरकार कर्मचारी नेताओं के खिलाफ सख्ती बरतते हुए नजर आ रही है. वहीं, कर्मचारियों ने भी प्रदेश सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ कर्मचारी नेताओं का दो टूक कहना है कि हम प्रिविलेज मोशन से डरने वाले नहीं हैं. इसलिए महासंघ ने तय किया है कि कर्मचारियों के मुद्दों पर 17 सितंबर को गेट मीटिंग होगी.

'पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं, ऐसा कभी नहीं हुआ': सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पहले भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए है. इस दौरान कर्मचारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के पुतले तक फूंके है. उनका घेराव तक किया गया था, लेकिन फिर भी कभी किसी मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज पोस्ट मोशन हीं लाया. यह सरकार कर्मचारियों की बदौलत बनी है, लेकिन कर्मचारियों की गेट मीटिंग पर मेमो लाया गया. कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग हैं. ऐसे में उन्होंने वार्ता का रास्ता खुला रखा है. प्रदेश सरकार वार्ता के लिए बुलाती है, तो कर्मचारी वार्ता के लिए तैयार हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक बात नहीं सुनी. ऐसे में महासंघ ने तय किया है कि 17 सितंबर को गेट मीटिंग की जाएगी. इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी.

ये भी पढ़ें: संजौली में कड़ी सुरक्षा के बीच पढ़ी गई जुमे की नमाज, चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी दिखे तैनात

प्रिविलेज मोशन लाने से भड़के सचिवालय कर्मचारी (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले 15 अगस्त को देहरा में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में कर्मचारियों को डीए और संशोधित एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से कर्मचारी सुक्खू सरकार से पहले नाराज चल रहे थे. इसके बाद सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री ने कर्मचारियों के खिलाफ बयानबाजी कर आग में घी डालने का काम किया. अब हिमाचल विधानसभा सचिवालय की ओर से लाए गए प्रिविलेज मोशन से सचिवालय कर्मचारी नाराज हैं.

हालांकि, लोगों की समस्याओं को विधानसभा के मानसून सत्र में सही तरह से उठाया जा सके, इसके कर्मचारियों ने विधानसभा के दौरान अपने आंदोलन को भी स्थगित कर दिया था. लेकिन अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय की ओर से राज्य सचिवालय कर्मचारियों के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन से हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ भड़क गया है. ऐसे में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को गेट मीटिंग का ऐलान कर दिया है.

बता दें कि यह कार्रवाई तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर की गई है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के पास राजेश धर्माणी की विशेषाधिकार हनन की शिकायत के बाद सचिवालय प्रशासन के सचिव को इस बारे में एक पत्र भेजा गया है. यह जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी, जो अब इस मामले पर अगला निर्णय लेंगे.

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ये पहली है कि चुने हुए कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया है. ये भी उस स्थिति में जब कर्मचारियों ने विधानसभा सेशन में पूरी ईमानदारी से काम करते हुए सरकार का सहयोग किया है. ऐसे में प्रिविलेज मोशन किस बात के लिए लाया जा रहा है. लेकिन इससे कर्मचारी डरने वाले नहीं है. हमने न तो विधानसभा में विघ्न डाला न ही विधानसभा में किसी को गाली दी, फिर भी प्रिविलेज मोशन लाया गया".

कर्मचारियों ने खोला मोर्चा: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों और सरकार के बीच डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर का भुगतान को लेकर चल रहा विवाद अभी सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है. सरकार कर्मचारी नेताओं के खिलाफ सख्ती बरतते हुए नजर आ रही है. वहीं, कर्मचारियों ने भी प्रदेश सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ कर्मचारी नेताओं का दो टूक कहना है कि हम प्रिविलेज मोशन से डरने वाले नहीं हैं. इसलिए महासंघ ने तय किया है कि कर्मचारियों के मुद्दों पर 17 सितंबर को गेट मीटिंग होगी.

'पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं, ऐसा कभी नहीं हुआ': सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पहले भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए है. इस दौरान कर्मचारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के पुतले तक फूंके है. उनका घेराव तक किया गया था, लेकिन फिर भी कभी किसी मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज पोस्ट मोशन हीं लाया. यह सरकार कर्मचारियों की बदौलत बनी है, लेकिन कर्मचारियों की गेट मीटिंग पर मेमो लाया गया. कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग हैं. ऐसे में उन्होंने वार्ता का रास्ता खुला रखा है. प्रदेश सरकार वार्ता के लिए बुलाती है, तो कर्मचारी वार्ता के लिए तैयार हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक बात नहीं सुनी. ऐसे में महासंघ ने तय किया है कि 17 सितंबर को गेट मीटिंग की जाएगी. इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी.

ये भी पढ़ें: संजौली में कड़ी सुरक्षा के बीच पढ़ी गई जुमे की नमाज, चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी दिखे तैनात

Last Updated : Sep 14, 2024, 8:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.