लाहौल स्पीति: सोचिये किसी गांव में पहली बार मोबाइल की घंटी बजे और देश का प्रधानमंत्री फोन करके गांव वालों को बधाई दे. इतना ही नहीं गांव वालों का हाल-चाल जाने और करीब 15 मिनट तक गपशप करे. ये हकीकत में हुआ है हिमाचल प्रदेश के एक गांव के लोगों के साथ, ये गांव है लाहौल स्पीति जिले का ग्यू गांव. जहां आज तक मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच पाया था. कुछ महीने पहले गांव में मोबाइल टावर लगा और अब मोबाइल नेटवर्क भी पहुंच गया है. गांव में नेटवर्क आते ही पीएम मोदी ने गांव के एक मास्टर साहब को फोन मिला दिया. दोर्जे नाम के शिक्षक के फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया तो उन्होंने और आस-पास मौजूद गांव वालों ने पीएम मोदी के साथ दिल खोलकर बात की. अब इस 14 मिनट की कॉल की चर्चा हर तरफ हो रही है.
प्रधानमंत्री ने फोन पर कहा कि दोर्जे जी कैसे हैं. आपके गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया हैं. मैं दीपवाली के समय आया था तो इस समस्या के बारे में पता चला था. यहां बिना बताए आने पर भी लोगों ने खूब सम्मान किया था. गांव की माताओं को मोबाइल फोन का तो पता था लेकिन नेटवर्क न होने के कारण दिक्कत थी. अब नेटवर्क आने से गांव के लोग अपने परिचितों से बात कर सकेंगे.
दरअसल हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और लाहौल स्पीति जिले के बॉर्डर पर करीब 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं था. पीएम मोदी पिछले साल दिवाली मनाने के लिए किन्नौर पहुंचे थे. माना जा रहा है कि उस समय कुछ ग्रामीणों ने ये समस्या पीएम तक पहुंचाई थी. पीएम मोदी ने इसी बात का जिक्र फोन पर हुई बातचीत में किया है. गौरतलब है कि इससे पहले ग्यू गांव के लोगों को नेटवर्क की तलाश में करीब 7 से 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था लेकिन अब गांव में ही मोबाइल टावर लग गया है.
मास्टर दोर्जे ने भी प्रधानमंत्री का ग्रामीणों की ओर से आभार जताते हुए कहा कि "इससे पहले हमें मोबाइल नेटवर्क के लिए 8 किलोमीटर दूर समदो जाना पड़ता था. हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि हमारे गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया. आपके दौरे के बाद यहां पर मोबाइल टावर लगने और जमीन संबंधित प्रक्रिया केवल 23 दिन में ही पूरी हो गई थी."
वही, पीएम ने पूछा कि मोबाइल फोन नेटवर्क आने से क्या लाभ होगा. जिसपर दोर्जे ने कहा "अब हम अपने बच्चों को और बेहतर जानकारी दे सकेंगे. जो इंटरनेट के जरिये मिल सकती है. हमारे रिश्तेदार जो घरों से दूर हैं, उनसे भी आसानी से बात हो जाएगी और स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा."
गौरतलब है कि लाहौल स्पीति हिमाचल के ही नहीं देश के सबसे दुर्गम जिलों में शुमार है. बर्फबारी के मौसम में ये जिला पहले साल के करीब 6 महीने देश और दुनिया से कट जाता था. अटल टनल बनने के बाद से लोगों को बहुत सुविधा हुई है. सर्दियों में इस इलाके का तापमान माइनस 30 डिग्री तक गिर जाता है. देशभर में जहां गर्मी का मौसम है, इन दिनों भी इस इलाके का तापमान माइनस 4 से माइनस 5 डिग्री सेल्सियस है. मोबाइल नेटवर्क ना होने से ग्यू जैसे दुर्गम इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी का ना होना ग्रामीणों की जिंदगी को और भी मुश्किल बनाता था. लेकिन अब ग्यू गांव अब मोबाइल नेटवर्क से जुड़ गया है. 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू में पहला फोन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया. पीएम मोदी ने इस दौरान वहां मौजूदा ग्रामीणों से भी बात की.
पीएम ने कहा कि साल 2014 में जब हमने सरकार बनाई थी तो यह लक्ष्य था कि हर गांव में बिजली और मोबाइल फोन नेटवर्क पहुंचाना है. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमांत क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं. पहले की सरकारों ने इन क्षेत्र को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया था. वे लोगों के जीवन की सुगमता क प्राथमिकता देने के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इससे दूर-दराज के क्षेत्रों, गरीबों व मध्यम वर्ग को फायदा होगा.
दोर्जे ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में कनेक्टिविटी होना बहुत जरूरी है. बर्फबारी से लेकर बरसात, प्राकृतिक आपदा से लेकर किसी हादसे के दौरान मोबाइल कनेक्टिविटी ना होने से लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं. पीएम मोदी ने ग्यू के लोगों से लाहौल स्पीति आने का वादा भी किया है.
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