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हिमाचल में नहीं मिलेगा पानी का नया कनेक्शन, ऐसा करते पाए गए तो होगा एक्शन - No New Water Connection - NO NEW WATER CONNECTION

No New Water Connection in Himachal: हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग ने गर्मियों में होने वाली पानी की किल्लत को देखते हुए कड़े कदम उठाए हैं. विभाग के दिए आदेशों की अनदेखी करने पर एक्शन भी हो सकता है.

पेयजल संकट को देखते हुए जल शक्ति विभाग का फैसला
पेयजल संकट को देखते हुए जल शक्ति विभाग का फैसला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 5:37 PM IST

शिमला: गर्मियों की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट की आहट भी सुनाई दे रही है. जिसे देखते हुए प्रदेश में गर्मियों के सीजन में पानी के नए कनेक्शन जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ये रोक मानसून सीजन तक जारी रहेगी. बरसात का मौसम आने पर जैसे ही पेयजल योजनाओं में जलस्तर बढ़ेगा, नए पानी के कनेक्शनों पर लगी रोक के फैसले को वापस लिया जाएगा. वहीं हिमाचल में भवन निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्य पर भी पीने के पानी को प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है.

क्यों लगाई गई रोक ?

हिमाचल में सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हुई बारिश का असर इस बार अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ही नजर आने लगा है. प्रदेश में नदियों, नालों सहित प्राकृतिक जल स्रोतों में जल स्तर घटने लगा है. जिसका प्रभाव पेयजल योजनाओं पर भी पड़ने लगा है. ऐसे में गर्मियों के सीजन में लोगों को पेयजल संकट की समस्या से न जूझना पड़े, इसके लिए जल शक्ति विभाग ने उठाए सख्त कदम उठाए हैं. जिसके तहत प्रदेश में गर्मियों के सीजन में पानी के नए कनेक्शन जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ये रोक मानसून सीजन तक जारी रहेगी. बरसात का मौसम आने पर जैसे ही पेयजल योजनाओं में जलस्तर बढ़ेगा, नए पानी के कनेक्शनों पर लगी रोक के फैसले को वापस लिया जाएगा.

परियोजनाओं का जल स्तर घट रहा है
परियोजनाओं का जल स्तर घट रहा है

निर्माण कार्य में भी पानी के इस्तेमाल पर रोक

इसके अलावा हिमाचल में भवन निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्य पर भी पीने के पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेग. इसके लिए फील्ड अधिकारियों को निगरानी रखने के आदेश जारी किए गए हैं. इस दौरान अगर कोई पानी की बर्बादी करते हुए पाया जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं गर्मियों के सीजन में ड्रॉट प्रोन एरिया यानी सूखाग्रस्त इलाकों में सभी फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द की गई हैं. इस दौरान बहुत जरूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के बाद छुट्टी देने पर निर्णय लिया जाएग.

"गर्मियों के सीजन में लोगों को पेयजल किल्लत का सामना न करना पड़े. इसके लिए विभाग ने पानी नए कनेक्शन जारी करने पर रोक लगाई है. वही निर्माण कार्य पर भी पीने के पानी को बर्बाद नहीं किया जा सकता है. इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं."- अंजू शर्मा, प्रमुख अभियंता, जल शक्ति विभाग


पानी की बर्बादी पर कटेंगे कनेक्शन

गर्मियों के मौसम में पेयजल की किल्लत रहती है और इस बार सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम बारिश हुई है. पिछले साल दिसंबर और इस साल जनवरी में तो प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने रहे. जिसका असर प्रदेश भर में 10 हजार से अधिक पेयजल योजनाओं पर दिखने लगा है. ऐसे में विभाग ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए और भी कई कड़े कदम उठाएं है. इसलिये पेयजल लाइन से लीकेज होने के साथ किचन गार्डनिंग, गाड़ी धोने, पेयजल लाइनों पर टुल्लू पंप जोड़ने और टंकियों से ओवरफ्लो होने पर तुरंत प्रभाव से कनेक्शन काटने का आदेश जारी किया गया है.

सभी मुख्य अभियंताओं को फील्ड अधिकारी सहित जिला प्रशासन के साथ संपर्क में रहने को कहा गया है. इसी तरह से मुख्यालय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. सभी अधीक्षण अभियंताओं, अधिशाषी अभियंताओं व सहायक अभियंताओं को पानी की स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें: 4 माह बाद खुले शिकारी माता मंदिर के कपाट दरबार, बर्फ के बीच दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालु

शिमला: गर्मियों की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट की आहट भी सुनाई दे रही है. जिसे देखते हुए प्रदेश में गर्मियों के सीजन में पानी के नए कनेक्शन जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ये रोक मानसून सीजन तक जारी रहेगी. बरसात का मौसम आने पर जैसे ही पेयजल योजनाओं में जलस्तर बढ़ेगा, नए पानी के कनेक्शनों पर लगी रोक के फैसले को वापस लिया जाएगा. वहीं हिमाचल में भवन निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्य पर भी पीने के पानी को प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है.

क्यों लगाई गई रोक ?

हिमाचल में सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हुई बारिश का असर इस बार अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ही नजर आने लगा है. प्रदेश में नदियों, नालों सहित प्राकृतिक जल स्रोतों में जल स्तर घटने लगा है. जिसका प्रभाव पेयजल योजनाओं पर भी पड़ने लगा है. ऐसे में गर्मियों के सीजन में लोगों को पेयजल संकट की समस्या से न जूझना पड़े, इसके लिए जल शक्ति विभाग ने उठाए सख्त कदम उठाए हैं. जिसके तहत प्रदेश में गर्मियों के सीजन में पानी के नए कनेक्शन जारी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ये रोक मानसून सीजन तक जारी रहेगी. बरसात का मौसम आने पर जैसे ही पेयजल योजनाओं में जलस्तर बढ़ेगा, नए पानी के कनेक्शनों पर लगी रोक के फैसले को वापस लिया जाएगा.

परियोजनाओं का जल स्तर घट रहा है
परियोजनाओं का जल स्तर घट रहा है

निर्माण कार्य में भी पानी के इस्तेमाल पर रोक

इसके अलावा हिमाचल में भवन निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्य पर भी पीने के पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेग. इसके लिए फील्ड अधिकारियों को निगरानी रखने के आदेश जारी किए गए हैं. इस दौरान अगर कोई पानी की बर्बादी करते हुए पाया जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं गर्मियों के सीजन में ड्रॉट प्रोन एरिया यानी सूखाग्रस्त इलाकों में सभी फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द की गई हैं. इस दौरान बहुत जरूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के बाद छुट्टी देने पर निर्णय लिया जाएग.

"गर्मियों के सीजन में लोगों को पेयजल किल्लत का सामना न करना पड़े. इसके लिए विभाग ने पानी नए कनेक्शन जारी करने पर रोक लगाई है. वही निर्माण कार्य पर भी पीने के पानी को बर्बाद नहीं किया जा सकता है. इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं."- अंजू शर्मा, प्रमुख अभियंता, जल शक्ति विभाग


पानी की बर्बादी पर कटेंगे कनेक्शन

गर्मियों के मौसम में पेयजल की किल्लत रहती है और इस बार सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम बारिश हुई है. पिछले साल दिसंबर और इस साल जनवरी में तो प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने रहे. जिसका असर प्रदेश भर में 10 हजार से अधिक पेयजल योजनाओं पर दिखने लगा है. ऐसे में विभाग ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए और भी कई कड़े कदम उठाएं है. इसलिये पेयजल लाइन से लीकेज होने के साथ किचन गार्डनिंग, गाड़ी धोने, पेयजल लाइनों पर टुल्लू पंप जोड़ने और टंकियों से ओवरफ्लो होने पर तुरंत प्रभाव से कनेक्शन काटने का आदेश जारी किया गया है.

सभी मुख्य अभियंताओं को फील्ड अधिकारी सहित जिला प्रशासन के साथ संपर्क में रहने को कहा गया है. इसी तरह से मुख्यालय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. सभी अधीक्षण अभियंताओं, अधिशाषी अभियंताओं व सहायक अभियंताओं को पानी की स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है.

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