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हिमाचल प्रदेश की 3 सीटों पर उपचुनाव, कमल थामने वाले निर्दलीयों को चुनेगी जनता या कांग्रेस पहुंचेगी 40 पार ? - Himachal Assembly by Elections

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 9, 2024, 6:21 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 10:35 PM IST

Himachal Pradesh Assembly By Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में महज 40 दिन के अंतराल में दूसरी बार उपचुनाव का मतदान होने वाला है. बुधवार 10 जुलाई को हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. इससे पहले 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ ही 6 सीटों पर उपचुनाव हुए थे. आखिर क्यों हो रहे हैं उपचुनाव और क्या है इस बार का सियासी समीकरण. जानने के लिए पढ़ें

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शिमला: हिमाचल प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव बुधवार को होंगे. हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा. मतदान को लेकर चुनाव आयोग की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है. इस साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग और 3 निर्दलीय विधायकों के बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने के बाद प्रदेश में ऐसा सियासी उबाल आया कि महज 40 दिन के भीतर प्रदेश में दूसरी बार उपचुनाव की वोटिंग हो रही है. छह कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद 1 जून को लोकसभा के साथ विधानसभा उपचुनाव की भी वोटिंग इन सीटों पर हुई. जबकि 3 निर्दलीयों के इस्तीफे के बाद बीजेपी ज्वाइन करने के कारण अब इन तीन सीटों पर भी वोटिंग होने वाली है.

13 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में होगी कैद

इन तीन विधानसभा सीटों में कुल 259340 मतदाता हैं जो 13 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे. तीनों विधानसभा में कुल 315 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 6523 मतदाता 18 से 19 वर्ष आयु के हैं. जबकि 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 3334 और 100 वर्ष या उससे अधिक के 72 मतदाता हैं. 2390 दिव्यांग वोटर भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

कौन जीतेगा देहरा का दंगल ?
कौन जीतेगा देहरा का दंगल ? (ETV Bharat)

देहरा में सबसे दिलचस्प है जंग

वैसे तो हिमाचल के सियासी गलियारों से लेकर जनता के बीच तीनों सीटों की चर्चा है लेकिन सबसे ज्यादा नजरें देहरा के दंगल पर टिकी हैं. दरअसल देहरा सीट पर चुनाव को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने दिलचस्प बना दिया है. क्योंकि वो इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में है. उन्हें सीधी टक्कर बीजेपी के होशियार सिंह से मिल रही है जो दो बार देहरा से विधायक रहे हैं. मार्च महीने तक वो निर्दलीय विधायक थे लेकिन अब बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. कमलेश ठाकुर पहली बार चुनाव मैदान में हैं तो होशियार सिंह 2017 के बाद 2022 में भी विधानसभा पहुंचे थे. 2022 में कांग्रेस उम्मीदवार रहे डॉ. राजेश शर्मा का टिकट काटकर पार्टी ने कमलेश ठाकुर को अपना उम्मादवीर बनाया है.

कौन जीतेगा हमीरपुर की जंग ?
कौन जीतेगा हमीरपुर की जंग ? (ETV Bharat)

हमीरपुर में भी सीएम की साख दांव पर

उधर हमीरपुर विधानसभा सीट पर भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की साख दांव पर है. देहरा से पत्नी चुनाव लड़ रही हैं तो हमीरपुर उनका गृह क्षेत्र है. यहां से बीजेपी के उम्मीदवार आशीष शर्मा हैं. जो करीब 3 महीने पहले तक निर्दलीय विधायक थे, इस्तीफा देकर कमल थामने के बाद डेढ साल में दोबारा उम्मीदवार बनकर खड़े हैं. कांग्रेस ने एक बार फिर 2022 में उम्मीदवार रहे डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा पर दांव खेला है. 2022 में आशीष ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पुष्पेंद्र वर्मा को 12,899 वोट से हराया था. देखना होगा कि क्या इस बार मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने का फायदा कांग्रेस को मिल पाएगा ? वैसे 1 जून को जिन 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था उनमें से 2 सीटें हमीरपुर जिले से ही थीं. इनमें से कांग्रेस एक सीट ही अपने नाम कर सकी थी.

नालागढ़ में कौन जीतेगा ?
नालागढ़ में कौन जीतेगा ? (ETV Bharat)

नालागढ़ में किसकी होगी जीत ?

नालागढ़ सीट से 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने वाले केएल ठाकुर अब बीजेपी के उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने 2022 में कांग्रेस से आए लखविंदर सिंह राणा को टिकट दिया था जिसके बाद नाराज होकर केएल ठाकुर आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े. वहीं कांग्रेस ने 2022 में उम्मीदवार रहे हरदीप बावा पर ही दांव लगाया है.

कौन जीतेगा उपचुनाव की जंग ?

उपचुनाव के लिए हुए प्रचार में कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं. नेताओं ने प्रचार में खूब पसीना भी बहाया है. खासकर कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की साख दांव पर है. दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं का निर्दलीय विधायकों को पार्टी में शामिल करके फिर से टिकट देने का फैसला भी तराजू के दूसरे पलड़े पर होगा.

वैसे इन चुनाव के नतीजों का सरकार की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, क्योंकि बीते महीने 6 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की सरकार बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है और अब 68 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 38 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 27 विधायक हैं. भले इन चुनावों का सरकार पर असर ना पड़े लेकिन एक मनोवैज्ञानिक जीत और खासकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती के साथ मौका भी है.

वैसे दावों और वादों से अलग चुनाव में जनता ही जनार्दन होती है. बुधवार को होने वाले मतदान में इन तीन विधानसभा क्षेत्रों की जनता किसे चुनती है, इसका जवाब 13 जुलाई को मिल जाएगा. जब उपचुनाव की मतगणना होगी. अब देखना होगा कि नतीजों के बाद विधानसभा में कांग्रेस का आंकड़ा 40 के पार पहुंचेगा या बीजेपी का कुनबा बढ़ेगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल उपचुनाव: ना राहुल आए ना खड़गे, शिमला में रहते हुए प्रियंका ने भी नहीं किया प्रचार, क्योंकि पिछले महीने ही बच गई थी सरकार ?

ये भी पढ़ें: हिमाचल उपचुनाव में किस उंगली पर लगेगी स्याही ? उंगलियों पर अब भी है लोकसभा चुनाव की निशानी

शिमला: हिमाचल प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव बुधवार को होंगे. हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा. मतदान को लेकर चुनाव आयोग की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है. इस साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग और 3 निर्दलीय विधायकों के बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने के बाद प्रदेश में ऐसा सियासी उबाल आया कि महज 40 दिन के भीतर प्रदेश में दूसरी बार उपचुनाव की वोटिंग हो रही है. छह कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद 1 जून को लोकसभा के साथ विधानसभा उपचुनाव की भी वोटिंग इन सीटों पर हुई. जबकि 3 निर्दलीयों के इस्तीफे के बाद बीजेपी ज्वाइन करने के कारण अब इन तीन सीटों पर भी वोटिंग होने वाली है.

13 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में होगी कैद

इन तीन विधानसभा सीटों में कुल 259340 मतदाता हैं जो 13 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे. तीनों विधानसभा में कुल 315 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 6523 मतदाता 18 से 19 वर्ष आयु के हैं. जबकि 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 3334 और 100 वर्ष या उससे अधिक के 72 मतदाता हैं. 2390 दिव्यांग वोटर भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

कौन जीतेगा देहरा का दंगल ?
कौन जीतेगा देहरा का दंगल ? (ETV Bharat)

देहरा में सबसे दिलचस्प है जंग

वैसे तो हिमाचल के सियासी गलियारों से लेकर जनता के बीच तीनों सीटों की चर्चा है लेकिन सबसे ज्यादा नजरें देहरा के दंगल पर टिकी हैं. दरअसल देहरा सीट पर चुनाव को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने दिलचस्प बना दिया है. क्योंकि वो इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में है. उन्हें सीधी टक्कर बीजेपी के होशियार सिंह से मिल रही है जो दो बार देहरा से विधायक रहे हैं. मार्च महीने तक वो निर्दलीय विधायक थे लेकिन अब बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. कमलेश ठाकुर पहली बार चुनाव मैदान में हैं तो होशियार सिंह 2017 के बाद 2022 में भी विधानसभा पहुंचे थे. 2022 में कांग्रेस उम्मीदवार रहे डॉ. राजेश शर्मा का टिकट काटकर पार्टी ने कमलेश ठाकुर को अपना उम्मादवीर बनाया है.

कौन जीतेगा हमीरपुर की जंग ?
कौन जीतेगा हमीरपुर की जंग ? (ETV Bharat)

हमीरपुर में भी सीएम की साख दांव पर

उधर हमीरपुर विधानसभा सीट पर भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की साख दांव पर है. देहरा से पत्नी चुनाव लड़ रही हैं तो हमीरपुर उनका गृह क्षेत्र है. यहां से बीजेपी के उम्मीदवार आशीष शर्मा हैं. जो करीब 3 महीने पहले तक निर्दलीय विधायक थे, इस्तीफा देकर कमल थामने के बाद डेढ साल में दोबारा उम्मीदवार बनकर खड़े हैं. कांग्रेस ने एक बार फिर 2022 में उम्मीदवार रहे डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा पर दांव खेला है. 2022 में आशीष ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पुष्पेंद्र वर्मा को 12,899 वोट से हराया था. देखना होगा कि क्या इस बार मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने का फायदा कांग्रेस को मिल पाएगा ? वैसे 1 जून को जिन 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था उनमें से 2 सीटें हमीरपुर जिले से ही थीं. इनमें से कांग्रेस एक सीट ही अपने नाम कर सकी थी.

नालागढ़ में कौन जीतेगा ?
नालागढ़ में कौन जीतेगा ? (ETV Bharat)

नालागढ़ में किसकी होगी जीत ?

नालागढ़ सीट से 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने वाले केएल ठाकुर अब बीजेपी के उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने 2022 में कांग्रेस से आए लखविंदर सिंह राणा को टिकट दिया था जिसके बाद नाराज होकर केएल ठाकुर आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े. वहीं कांग्रेस ने 2022 में उम्मीदवार रहे हरदीप बावा पर ही दांव लगाया है.

कौन जीतेगा उपचुनाव की जंग ?

उपचुनाव के लिए हुए प्रचार में कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं. नेताओं ने प्रचार में खूब पसीना भी बहाया है. खासकर कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की साख दांव पर है. दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं का निर्दलीय विधायकों को पार्टी में शामिल करके फिर से टिकट देने का फैसला भी तराजू के दूसरे पलड़े पर होगा.

वैसे इन चुनाव के नतीजों का सरकार की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, क्योंकि बीते महीने 6 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की सरकार बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है और अब 68 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 38 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 27 विधायक हैं. भले इन चुनावों का सरकार पर असर ना पड़े लेकिन एक मनोवैज्ञानिक जीत और खासकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती के साथ मौका भी है.

वैसे दावों और वादों से अलग चुनाव में जनता ही जनार्दन होती है. बुधवार को होने वाले मतदान में इन तीन विधानसभा क्षेत्रों की जनता किसे चुनती है, इसका जवाब 13 जुलाई को मिल जाएगा. जब उपचुनाव की मतगणना होगी. अब देखना होगा कि नतीजों के बाद विधानसभा में कांग्रेस का आंकड़ा 40 के पार पहुंचेगा या बीजेपी का कुनबा बढ़ेगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल उपचुनाव: ना राहुल आए ना खड़गे, शिमला में रहते हुए प्रियंका ने भी नहीं किया प्रचार, क्योंकि पिछले महीने ही बच गई थी सरकार ?

ये भी पढ़ें: हिमाचल उपचुनाव में किस उंगली पर लगेगी स्याही ? उंगलियों पर अब भी है लोकसभा चुनाव की निशानी

Last Updated : Jul 9, 2024, 10:35 PM IST
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