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3 दिनों से नहीं बन रहे लोगों के ऑनलाइन सर्टिफिकेट, सुक्खू सरकार ने एक बार फिर मोल ले ली टेंशन! जानें क्या है वजह? - Himachal Patwari Kanoongo Cadre

Himachal Patwari And Kanoongo Angry With Sukhu Govt Decision: सुक्खू सरकार को पहले भी पटवारी-कानूनगो का कैडर बदलने पर मूंह की खानी पड़ी थी. सरकार को अपने इस निर्णय को एक ही दिन में वापस लेना पड़ा था. वहीं, अब एक बार फिर से स्टेट कैडर में डाले जाने ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारी भड़के हुए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

स्टेट कैडर में डालने को लेकर पटवारी-कानूनगो का विरोध
स्टेट कैडर में डालने को लेकर पटवारी-कानूनगो का विरोध (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 1:57 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 2:32 PM IST

शिमला: हिमाचल में राजस्व विभाग ने कार्यरत पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर का दर्जा दिए जाने के फैसले से ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारी सुक्खू सरकार के खिलाफ भड़क गए हैं. जिसके बाद से हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से प्रदेश भर में लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देने की सुविधा बंद कर दी है.

प्रदेश भर में पिछले तीन दिनों से नगर निगमों, नगर परिषद, नगर पंचायतों और पंचायतों के तहत लोगों के ऑनलाइन हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण बनाने के लिए भटक रहे हैं. लोगों के अब ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी नहीं हो रहे हैं. वहीं, तहसीलदार और एसडीएम की ओर से लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से भी पटवारी और कानूनगो एग्जिट हो गए हैं. वहीं, ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं बनने की वजह से आम लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

सरकार को एक दिन में ही बदलना पड़ा था फैसला
पिछली बार सुक्खू सरकार को एक दिन में ही बदलना पड़ा था फैसला (Himachal Government)

सरकार को एक दिन में ही बदलना पड़ा था फैसला: हिमाचल में राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारी एवं कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का निर्णय लिया था. जिससे राजस्व विभाग में मुहाल में सेवाएं दे रहे ग्रुप सी सहित सेटलमेंट विभाग के पटवारी और सभी कानूनगो के डिस्ट्रिक्ट कैडर को बदलकर स्टेट कैडर में डालने को लेकर पिछली साल 18 नवंबर अधिसूचना जारी की थी, लेकिन उसी दिन देर शाम तक हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया था. जिसके बाद प्रदेश भर में कार्यरत पटवारी एवं कानूनगो पहले की तरह डिस्ट्रिक्ट कैडर में आ गए थे. इस तरह उस दौरान सरकार का पटवारी और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का निर्णय 12 घंटे भी नहीं टिक पाया था. लेकिन अब सरकार ने फिर से पटवारी और कानूनगो स्टेट कैडर का दर्जा दे दिया हैं.

1500 रुपये पेंशन के महिलाएं नहीं भर पा रही फार्म: हिमाचल में पटवारियों और कानूनगो की नाराजगी को लेकर सरकार भी सोई है. प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लोगों के ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. जिस कारण आन जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं प्रदेश सरकार 18 से 59 आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 मासिक पेंशन दे रही है. जिसके लिए इन दिनों कल्याण अधिकारी के पास फार्म भरे जा रहे हैं. जिसके लिए हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है, लेकिन ऑनलाइन सुविधा बंद किए जाने से महिलाएंa 1500 मासिक पेंशन लेने के लिए अब फॉर्म जमा नहीं कर पा रही है. इतना कुछ होने पर भी सरकार ने अभी तक महासंघ को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आम जनता खासी परेशान है.

बता दें कि प्रदेश में राजस्व विभाग के अंतर्गत सेवाएं दे रहे पटवारी एवं कानूनगो की संख्या 3350 के करीब है. इसके अलावा सेटलमेंट विभाग में भी इस वर्ग के सैंकड़ों कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं. हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहना है कि स्टेट कैडर के फैसले को वापस नहीं लिए जाने तक विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश महासंघ की बैठक में आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट के पांच आदेशों से चिंता में पड़ी सुखविंदर सरकार, कर्ज लेकर चल रहा रूटीन खर्च तो कैसे चुकाएंगे भारी-भरकम देनदारी

ये भी पढ़ें: नहीं बन रहे हिमाचली प्रमाण पत्र सहित कई जरूरी सर्टिफिकेट, पटवारी और कानूनगो ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

शिमला: हिमाचल में राजस्व विभाग ने कार्यरत पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर का दर्जा दिए जाने के फैसले से ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारी सुक्खू सरकार के खिलाफ भड़क गए हैं. जिसके बाद से हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से प्रदेश भर में लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देने की सुविधा बंद कर दी है.

प्रदेश भर में पिछले तीन दिनों से नगर निगमों, नगर परिषद, नगर पंचायतों और पंचायतों के तहत लोगों के ऑनलाइन हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण बनाने के लिए भटक रहे हैं. लोगों के अब ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी नहीं हो रहे हैं. वहीं, तहसीलदार और एसडीएम की ओर से लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से भी पटवारी और कानूनगो एग्जिट हो गए हैं. वहीं, ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं बनने की वजह से आम लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

सरकार को एक दिन में ही बदलना पड़ा था फैसला
पिछली बार सुक्खू सरकार को एक दिन में ही बदलना पड़ा था फैसला (Himachal Government)

सरकार को एक दिन में ही बदलना पड़ा था फैसला: हिमाचल में राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारी एवं कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का निर्णय लिया था. जिससे राजस्व विभाग में मुहाल में सेवाएं दे रहे ग्रुप सी सहित सेटलमेंट विभाग के पटवारी और सभी कानूनगो के डिस्ट्रिक्ट कैडर को बदलकर स्टेट कैडर में डालने को लेकर पिछली साल 18 नवंबर अधिसूचना जारी की थी, लेकिन उसी दिन देर शाम तक हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया था. जिसके बाद प्रदेश भर में कार्यरत पटवारी एवं कानूनगो पहले की तरह डिस्ट्रिक्ट कैडर में आ गए थे. इस तरह उस दौरान सरकार का पटवारी और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का निर्णय 12 घंटे भी नहीं टिक पाया था. लेकिन अब सरकार ने फिर से पटवारी और कानूनगो स्टेट कैडर का दर्जा दे दिया हैं.

1500 रुपये पेंशन के महिलाएं नहीं भर पा रही फार्म: हिमाचल में पटवारियों और कानूनगो की नाराजगी को लेकर सरकार भी सोई है. प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लोगों के ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. जिस कारण आन जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं प्रदेश सरकार 18 से 59 आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 मासिक पेंशन दे रही है. जिसके लिए इन दिनों कल्याण अधिकारी के पास फार्म भरे जा रहे हैं. जिसके लिए हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है, लेकिन ऑनलाइन सुविधा बंद किए जाने से महिलाएंa 1500 मासिक पेंशन लेने के लिए अब फॉर्म जमा नहीं कर पा रही है. इतना कुछ होने पर भी सरकार ने अभी तक महासंघ को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आम जनता खासी परेशान है.

बता दें कि प्रदेश में राजस्व विभाग के अंतर्गत सेवाएं दे रहे पटवारी एवं कानूनगो की संख्या 3350 के करीब है. इसके अलावा सेटलमेंट विभाग में भी इस वर्ग के सैंकड़ों कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं. हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहना है कि स्टेट कैडर के फैसले को वापस नहीं लिए जाने तक विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश महासंघ की बैठक में आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट के पांच आदेशों से चिंता में पड़ी सुखविंदर सरकार, कर्ज लेकर चल रहा रूटीन खर्च तो कैसे चुकाएंगे भारी-भरकम देनदारी

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Last Updated : Jul 17, 2024, 2:32 PM IST
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