सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में अब से दूध महंगा हो गया है. मिल्क फेडरेशन ने दूध के दामों में 2 रुपए की वृद्धि कर दी है. अब मिल्क फेडरेशन का दूध 47 की बजाय 49 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है. 20 फरवरी से मिल्क फेडरेशन की ओर से दूध की यह नई दरें लागू कर दी गई हैं. गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल मिल्क फेडरेशन ने 1 मार्च से दूध के दामों में 2 रुपए की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद लोगों को अब तक 47 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध मिल रहा था. वहीं, इस मर्तबा भी दूध के दामों में 2 रुपए की वृद्धि की गई है. यह फैसला 14 फरवरी को लिया गया था. लिहाजा मंगलवार से लोगों को नई दरों के मुताबिक 49 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध बेचा जा रहा है.
प्रदेश में 6 मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट
हिमाचल मिल्क फेडरेशन के प्रदेश में मुख्य रूप से 6 मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट हैं. मंडी के चक्कर, कांगड़ा के ढगवार, सिरमौर के नाहन कांशीवाला, ऊना जिला के झलेड़ा, सोलन के नालागढ़ और शिमला के दतनगर में ये मिल्क प्लांट हैं. इन सभी प्लांटों में करीब 22 चिलिंग सेंटर से दूध एकत्रित किया जाता है. यहां से प्रतिदिन हजारों लीटर दूध प्रोसेस कर लोगों को उपलब्ध करवाया जाता है.
नाहन में 2100 लीटर दूध की सप्लाई
नाहन मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट से रोजाना करीब 2100 लीटर दूध का विक्रय शहर में किया जा रहा है. जिले के राजगढ़, मरयोग, बागथन व सराहां में स्थित चिलिंग सैंटरों से यह दूध एकत्रित किया जाता है. इसके बाद कांशीवाला प्रोसेसिंग प्लांट से प्रोसेस कर यह शहरवासियों को उपलब्ध करवाया जाता है.
जनता की जेब पर महंगाई की मार
वहीं, अब दूध के दामों में बढ़ोतरी से आम लोगों की जेब पर महंगाई की मार जरूर पड़ी है. स्थानीय निवासी सरिता, सूरज, सुनील आदि का कहना है कि फेडरेशन ने पिछले वर्ष मार्च माह में दूध के दाम बढ़ाए थे, लेकिन इस बार तो फरवरी माह में ही दामों में वृद्धि कर दी गई है. फेडरेशन को दाम के साथ दूध की गुणवत्ता को भी और अधिक बढ़ाना चाहिए.
दूध की नई दरें लागू
मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट नाहन कांशीवाला के तकनीकी अधीक्षक देवांश जसवाल ने दूध के दामों में 2 रुपए की वृद्धि होने पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि दूध के दाम 47 रुपए से बढ़ाकर 49 रुपए कर दिए है. यह नई दरें 20 फरवरी से लागू कर दी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रोसेसिंग प्लांट में शुद्धता व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि उपभोक्ता को उच्च गुणवत्ता वाला दूध मिल सके.
ये भी पढ़ें: दूध पर MSP तय करने वाला पहला राज्य बना हिमाचल, गेहूं और मक्की का भी समर्थन मूल्य तय
ये भी पढ़ें: वाटर कमीशन ने 6 माह में की करोड़ों की कमाई, आयोग पर खर्च हुए इतने लाख