शिमला: 5 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में में गैलेंट्री अवॉर्ड समारोह आयोजित किया गया था. इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य-केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इस दौरान 10 कीर्ति चक्र और 26 शौर्य चक्र भारतीय शूरवीरों को दिए गए. वर्दी में देश की रक्षा करते हुए अपनी जान की बाजी लगाने वाले वीरों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.
President Droupadi Murmu presents the Kirti Chakra (Posthumous) to Sepoy Pawan Kumar. #DefenceInvestitureCeremony @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/eiukIMuJ3V
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) July 5, 2024
हिमाचल के शहीद पवन धंगल को सर्वोच्च बलिदान के उपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. ये सम्मान पवन कुमार के गर्वित मां और पिता ने ग्रहण किया. राष्ट्रपति भवन में पीएम नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में जब पवन कुमार की शौर्य गाथा का वर्णन किया जा रहा था तो बलिदानी के माता-पिता का चेहरा गर्व से चमक रहा था. बेशक दिल के टुकड़े के खोने का दर्द भी था, लेकिन उसका मां भारती के प्रति बलिदान ने आंसुओं को बहने न दिया.
मस्जिद में हुआ था आतंकी से सामना
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में आतंक विरोधी अभियान के दौरान भारतीय सेना आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर एक गांव में पहुंची थी. देवभूमि हिमाचल के वीर सपूत पवन कुमार धंगल भी सर्च ऑपरेशन की टुकड़ी में शामिल थे. सारा गांव तलाश लिया, लेकिन आतंकी नहीं मिले. फिर गांव की मस्जिद में तलाशी शुरू की गई तो सिपाही पवन कुमार ने साहस भरा फैसला लिया. वो सबसे पहले मस्जिद के भीतर घुसे. आतंकी मस्जिद के भीतर घात लगाकर बैठे थे. आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. एक सैनिक को गोलियां लगी तो उसे पीछे धकेल कर पवन धंगल आगे बढ़े.
President Droupadi Murmu conferred Kirti Chakra upon Sepoy Pawan Kumar, The Grenadiers, 55th Battalion The Rashtriya Rifles, posthumously. During an operation in Jammu and Kashmir’s Pulwama district in February 2023, he displayed exceptional tactical acumen and operational… pic.twitter.com/Hg7ymFMjgl
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 5, 2024
पवन कुमार मां भारती पर हो गए बलिदान
पवन का सामना भीषण गोलीबारी से हुआ. वो घायल हो गए, लेकिन एक आतंकी को दबोच कर उसे नीचे गिरा दिया. पवन उस आतंकी की छाती पर सवार हो गए और उसकी राइफल को पकड़कर मुंह आसमान की तरफ कर दिया. तभी मस्जिद में छिपे एक आतंकी ने पीठ पीछे से गोलीबारी की. पवन कुमार मां भारती पर बलिदान हो गए, लेकिन आतंकियों के मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए. अदम्य साहस के लिए पवन कुमार को कीर्ति चक्र (बलिदान उपरांत) की घोषणा की गई. ये घटना 27 फरवरी 2023 की है.
कश्मीरियों ने दी थी श्रद्धांजलि
पवन धंगल के बलिदान के बाद स्थानीय कश्मीरियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया था. ये शायद पहली बार था जब किसी सैनिक के लिए स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी हो. शहीद पवन को पदगामपोरा निवासियों ने कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी थी. बारिश के बीच भी लोगों के कदम नहीं रुके थे और हाथों में कैंडल लेकर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर निकले थे. लोगों का कहना था कि शहीद पवन ने मस्जिद की पवित्रता को बनाए रखा और अपना बलिदान दे दिया. उन्होंने अपने सीने पर गोली खा ली, लेकिन मस्जिद की पवित्रता का सम्मान रखते हुए उन्होंने हथियार होते हुए भी आतंकी पर गोली नहीं चलाई बल्कि दोनों हाथों से डटकर उसका मुकाबला किया था. शहीद पवन को श्रद्धांजलि देने के लिए पदगामपोरा के अलावा आसपास के कई गांवों के भी लोग शामिल हुए थे.
लगी थी चार गोलियां
पवन कुमार बेहद मजबूत शरीर और इरादों वाले सैनिक थे. उन्होंने बिना हथियार के ही एक आतंकी को मार गिराया था. इस अदम्य साहस के लिए बलिदानी पवन कुमार को देश का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान (पीस टाइम गैलेंट्री अवार्ड) कीर्ति चक्र दिया गया. पवन कुमार हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की रामपुर तहसील में स्थित पृथ्वी गांव के निवासी थे. उन्हें चार गोलियां लगी थी. इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. वो अपने माता-पिता की अकेले बेटे थे. उनकी बहन की शादी हो चुकी है.