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हिमाचल में गहराया पेयजल संकट, जल शक्ति विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियों पर लगी रोक - Himachal Water Crisis - HIMACHAL WATER CRISIS

Himachal Jal Shakti Vibhag officers and employees leave cancel: हिमाचल प्रदेश में गहराए जल संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जल शक्ति विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है. वहीं, जो लोग छुट्टी पर हैं, उन्हें तत्काल वापस बुलाया गया है. पढ़िए पूरी खबर..

हिमाचल में गहराया पेयजल संकट
हिमाचल में गहराया पेयजल संकट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 18, 2024, 7:45 PM IST

शिमला: हिमाचल में लंबे समय से बने सूखे के हालत की वजह से प्रदेश के पेयजल स्रोतों का जलस्तर गिर गया है. जिससे प्रदेश में पेयजल का संकट गहरा गया है. ऐसी स्थिति पर काबू पाने के लिए सरकार ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है. वहीं, छुट्टियों पर गए अधिकारियों और कर्मचारियों को भी शीघ्र प्रभाव से बुलाकर कार्यालय में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं.

जल शक्ति विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी पर लगी रोक: राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में सूखे की स्थिति के मद्देनजर लोगों को पेयजल के साथ अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक स्रोतों में पेयजल की कमी, पेयजल आपूर्ति, पेयजल वितरण और पेयजल योजनाओं को हुए नुकसान की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. इस गंभीर स्थिति से निपटने और लोगों को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने हालात सामान्य होने न होने तक जल शक्ति विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगाई है.

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यालयों में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं, अगर कोई अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर है तो उसे वापस बुलाया गया है. सरकार ने विभाग के प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को पेयजल आपूर्ति की कमी से संबंधित समस्याओं का जल्द समाधान करने के निर्देश दिए हैं.

टैंकरों से भी की जा रही पानी की व्यवस्था: हिमाचल प्रदेश में मई और जून में सामान्य से कम बारिश हुई है. ऐसे में गर्मियों के सीजन में पेयजल स्रोतों का जलस्तर गिर गया है. जिससे प्रदेश में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों को 10 दिन पानी की सप्लाई मिल रही हैं. प्रदेश की राजधानी शिमला में लोगों को 4 दिन में पानी की सप्लाई दी जा रही हैं. ऐसे में राजधानी में भी पानी के लिए हाहाकार मच गया है. टैंकरों की मदद से पानी की सप्लाई की जा रही है. प्रदेश में गहराए पेयजल संकट को लेकर सरकार भी अब विपक्ष के निशाने पर है. ऐसे में सरकार ने जल शक्ति विभाग को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं.

ये भी पढ़ें: शिमला में भी पानी की कमी से लोग बेहाल, चौथे दिन आ रही सप्लाई

शिमला: हिमाचल में लंबे समय से बने सूखे के हालत की वजह से प्रदेश के पेयजल स्रोतों का जलस्तर गिर गया है. जिससे प्रदेश में पेयजल का संकट गहरा गया है. ऐसी स्थिति पर काबू पाने के लिए सरकार ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है. वहीं, छुट्टियों पर गए अधिकारियों और कर्मचारियों को भी शीघ्र प्रभाव से बुलाकर कार्यालय में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं.

जल शक्ति विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी पर लगी रोक: राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में सूखे की स्थिति के मद्देनजर लोगों को पेयजल के साथ अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक स्रोतों में पेयजल की कमी, पेयजल आपूर्ति, पेयजल वितरण और पेयजल योजनाओं को हुए नुकसान की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. इस गंभीर स्थिति से निपटने और लोगों को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने हालात सामान्य होने न होने तक जल शक्ति विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगाई है.

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यालयों में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं, अगर कोई अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर है तो उसे वापस बुलाया गया है. सरकार ने विभाग के प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को पेयजल आपूर्ति की कमी से संबंधित समस्याओं का जल्द समाधान करने के निर्देश दिए हैं.

टैंकरों से भी की जा रही पानी की व्यवस्था: हिमाचल प्रदेश में मई और जून में सामान्य से कम बारिश हुई है. ऐसे में गर्मियों के सीजन में पेयजल स्रोतों का जलस्तर गिर गया है. जिससे प्रदेश में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों को 10 दिन पानी की सप्लाई मिल रही हैं. प्रदेश की राजधानी शिमला में लोगों को 4 दिन में पानी की सप्लाई दी जा रही हैं. ऐसे में राजधानी में भी पानी के लिए हाहाकार मच गया है. टैंकरों की मदद से पानी की सप्लाई की जा रही है. प्रदेश में गहराए पेयजल संकट को लेकर सरकार भी अब विपक्ष के निशाने पर है. ऐसे में सरकार ने जल शक्ति विभाग को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं.

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