शिमला: रिटायरमेंट के बाद भी एचआरटीसी यानी हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के एक कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने एचआरटीसी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक विवेक चौहान को मंगलवार को तलब किया है. हाईकोर्ट ने विवेक चौहान को निजी रूप से अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए है.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस संदर्भ में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई की. खंडपीठ ने हाईकोर्ट में मदन लाल नामक पूर्व कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करने के बाद विवेक चौहान को तलब किया.
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी एचआरटीसी से बतौर असिस्टेंट मैनेजर स्टोर 30 जून 2022 को रिटायर हुआ था. रिटायरमेंट के बाद उसे सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिए गए. इस पर मजबूर होकर मदन लाल को अपने हक के लिए मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हाईकोर्ट ने एचआरटीसी को प्रार्थी के सेवानिवृत्ति लाभ अदा करने के आदेश जारी किए थे.
हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल करने की बजाए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम ने प्रार्थी के सेवानिवृत्ति लाभ अदा करने की बजाय उसके खिलाफ 3,98,000 रुपए की वसूली को लेकर एक मामले में जांच शुरू कर दी. कोर्ट ने प्रार्थी के खिलाफ सेवानिवृत्ति के बाद शुरू गई जांच को कानून की दृष्टि से गलत पाए हुए एचआरटीसी से स्थिति स्पष्ट करने बारे आदेश जारी किए.
इसके बावजूद एचआरटीसी ने प्रार्थी के खिलाफ शुरू की गई विभागीय जांच को सही ठहराते हुए ऐसे नियम का हवाला दिया, जिसे पहले ही रद्द किया जा चुका है. हाईकोर्ट ने एचआरटीसी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होने पर उपरोक्त आदेश पारित किए. अब मंगलवार को पूर्व कार्यकारी निदेशक विवेक चौहान को हाईकोर्ट में पेश होना होगा.
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