शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के चुनाव से जुड़े मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार बनाए गए अभिषेक मनु सिंघवी ने हर्ष महाजन के चुनाव को चुनौती दी है. उनका कहना है कि पर्ची सिस्टम से चुनाव परिणाम घोषित किया गया है, जो सही नहीं है. वहीं, हर्ष महाजन ने भी अदालत में उनके चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए आवेदन दाखिल किया था.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में 21 अगस्त से हर्ष महाजन द्वारा चुनाव याचिका को गुणवत्ताहीन ठहराते हुए खारिज करने की मांग वाले आवेदन पर बहस शुरू हुई थी. हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के अनुसार याचिकाकर्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव के लिए समय-समय पर जारी हिदायतों को अपनाने की हामी भरी थी, इसलिए अब चुनाव हारने के बाद प्रार्थी प्रक्रिया को गलत ठहराने के लिए याचिका दाखिल नहीं कर सकता.
जब भी कोई किसी प्रक्रिया को अपनाने की सहमति देता है तो वह वह उसे गलत ठहराने के लिए अदालत में याचिका दाखिल नहीं कर सकता. यदि सहमति प्राप्त प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया हो तो ही पीड़ित वादी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का हक रखता है. चुनाव में वोटिंग की बराबरी के बाद पर्ची सिस्टम से निकाले गए परिणामों को प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
प्रार्थी अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार इस चुनाव के दौरान कानूनी प्रक्रिया की अनुपालना नहीं की गई और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को विजयी घोषित कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि इस साल फरवरी महीने में राज्यसभा की सीट के लिए चुनाव हुआ था. बहुमत में होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव में हार गए थे. दोनों को 34-34 मत प्राप्त हुए और पर्ची सिस्टम से बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन विजयी घोषित किए गए थे.