शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अनुबंध सेवाकाल को सीनियोरिटी के लिए गिने जाने के परिणामस्वरूप मिलने वाली प्रमोशन को बैक डेट से प्रभावी करने के आदेश दिए हैं. इसके बाद न्यायालय के आदेश की अनुपालना करते हुए राज्य सरकार ने 26 अक्टूबर 2024 को जारी अधिसूचना के तहत प्रार्थियों को इंस्पेक्टर ग्रेड वन से खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी क्लास टू नॉन गजेटेड के पद पर प्रमोट किया था. इस पर प्रार्थियों ने आगामी तिथि से अपनी प्रमोशन को न्यायालय के आदेश के अनुसार न पाते हुए हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की थी.
सरकार का कहना था कि अदालत ने प्रार्थियों के अनुबंध काल को सीनियोरिटी के लिए गिने जाने के आदेश दिए थे, जिसे गिनते हुए प्रार्थियों को प्रमोट करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि प्रार्थियों को तब से प्रमोट किया जाना था, जब से उनके जूनियर्स को प्रमोशन दी गई थी. अनुबंध काल को नियमित सेवा के साथ सीनियोरिटी के लिए गिने जाने के कारण प्रार्थी भी सीनियर हो गए है.
प्रार्थियों को आगामी तिथि से प्रमोशन का लाभ देने को अदालती आदेश की अक्षरश: अनुपालना न मानते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने अनुपालना याचिका को स्वीकार कर लिया. हाईकोर्ट ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग को आदेश दिए कि वह प्रार्थियों को बैक डेट से प्रमोशन का लाभ प्रदान करे.
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में अदालत ने स्पष्ट किया था कि यदि खंडपीठ इस नतीजे पर पहुंचती है कि विभाग ने जिन फैसलों को तर्क के रूप में शामिल करने की जो मांग उठाई है, वह स्वीकार करने लायक नहीं पाई गई तो प्रधान सचिव को अपनी कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने की एवज में अपनी जेब से एक लाख रुपए भरने होंगे. फिलहाल, कोर्ट ने सरकार की दलीलों से असहमति जताई, लेकिन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम पर कोई कॉस्ट न लगाने के आदेश जारी किए.
मामले के अनुसार प्रार्थियों के पक्ष में ट्रिब्यूनल ने फैसला दिया था. ट्रिब्यूनल ने प्रार्थियों के अनुबंध काल को सीनियोरिटी के लिए गिने जाने से पैदा होने वाले लाभ, जैसे खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी के पद पर आगे प्रमोशन आदि देने के आदेश जारी किए थे. इन आदेशों के अंतिम रूप लेने के बाद खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता विभाग ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में 23 अक्टूबर 2024 को आयोजित विभागीय प्रमोशन समिति (डीपीसी) की सिफारिशों पर, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग में कार्यरत निरीक्षक ग्रेड-वन को खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी के पद पर प्रमोट किया था.
प्रमोशन बैक डेट से न होकर आगामी अवधि से प्रभावी मानी गई थी. कोर्ट ने इसे अदालत के आदेशों की अक्षरश: अनुपालना न पाते हुए इस मामले में हलफनामा दायर करने वाले प्रधान सचिव (खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले) वरिष्ठ आईएएस आरडी नजीम के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था. फिलहाल, अनुबंध सेवाकाल के लाभ बैक डेट से दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं.