शिमला: हिमाचल सरकार के कर्मचारियों के एरियर से जुड़ी एक अच्छी खबर है. हाईकोर्ट से पूर्व में आये कुछ आदेशों के बाद संशोधित वेतनमान के एरियर से जुड़ी एक अधिसूचना जारी हुई है. अब राज्य सरकार की तरफ से वर्ष 2012 से लगी सीलिंग हटाई गई है. राज्य में 2012 को तत्कालीन सरकार ने भुगतान को लेकर सीलिंग लागू की थी. इसे अब सरकार ने वापिस लिया है. जनवरी 2012 में जारी किए गए आदेशों में वित्त विभाग ने एरियर के भुगतान के लिए सीलिंग लगा दी थी. एरियर के भुगतान को लेकर कुछ मामले हाईकोर्ट के समक्ष आये थे. हाईकोर्ट ने एरियर देने के आदेश जारी किए थे. सरकार ने फिर एरियर देने के लिए सीलिंग लगाई थी, क्योंकि एकमुश्त पैसा देना कठिन हो रहा था. बाद में अदालत ने कहा कि एकमुश्त ही भुगतान करना होगा, जिस पर अब सीलिंग हटाने का फैसला हुआ है.
ये था सीलिंग का फार्मूला
वित्त विभाग की सीलिंग के अनुसार 50 हजार से कम एरियर का भुगतान तो एकमुश्त करने को कहा गया था. वहीं, 1 लाख तक का एरियर किश्तों में देने का प्रावधान था. वित्त विभाग ने एक लाख तक के एरियर को तीन किस्तों में दिया जाना तय किया था. इसके अलावा एरियर की रकम एक लाख से ज्यादा होने पर 5 किस्त में देने की व्यवस्था थी. वित्त विभाग का मानना था कि एकमुश्त भुगतान से राज्य सरकार के खजाने पर बोझ पड़ेगा. राज्य सरकार के खजाने पर एकदम एक्स्ट्रा बोझ न पड़े, इसके लिए सीलिंग जरूरी है. बाद में कई मामले अदालत में गए. अदालत से एकमुश्त भुगतान के आदेश आये थे. कोर्ट से निरंतर आये आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने कहा है कि भुगतान एकमुश्त किया जाएगा. यहां ये स्पष्ट करना जरूरी है कि उक्त भुगतान सिर्फ उन मामलों में ही एकमुश्त होगा, जिनके लिए कोर्ट के आदेश हैं.
वित्त विभाग से अब आये ये आदेश
अदालत में गए मामलों में एरियर से जुड़े आदेश में प्रधान सचिव वित्त विभाग देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा के सेक्रेटरी, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और सभी विभाग अध्यक्षों को निर्देश भेजे हैं. इसमें ये कहा गया है कि वेतन आयोग के एरियर के भुगतान के लिए 7 जनवरी 2012 को वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे, जिनमें हाईकोर्ट ने एरियर का भुगतान समयबद्ध तरीके से करने के लिए स्पेसिफिक रूप से निर्देश दिए हैं.
उल्लेखनीय है कि वित्तीय भुगतान के लंबित मामलों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार के प्रति कड़ा रुख अपनाया हुआ है. एक के बाद एक फैसले में सरकार को अदालत से फटकार मिल रही है. सरकार के इस तर्क को भी अदालत ने नामंजूर कर दिया है कि खजाने में पैसा नहीं है. यही नहीं, संबंधित विभाग के अफसरों पर अवमानना की तलवार भी लटकी। ऐसे में अदालत की अवमानना से बचने के लिए सरकार ने सीलिंग हटाई है.