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एक अरब की FD व 1 क्विंटल सोने वाले हिमाचल के सबसे अमीर मंदिर मां चिंतपूर्णी में पार्किंग की पर्याप्त सुविधा का अभाव, हाईकोर्ट ने दिए ये आदेश - HC ON PARKING IN CHINTPURNI TEMPLE

चिंतपूर्णी मंदिर में पार्किंग निर्माण को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने प्राधिकारियों को 3 हफ्ते में एक एक्स्ट्रा डीपीआर दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

HC on Chintpurni Temple Parking issue
चिंतपूर्णी मंदिर पार्किंग समस्या मामले पर हाईकोर्ट का आदेश (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 7:02 AM IST

शिमला: एक अरब रुपए से अधिक की बैंक एफडी और एक क्विंटल सोने वाले देवभूमि के सबसे अमीर मंदिर मां चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं है. हिमाचल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में मां चिंतपूर्णी मंदिर के पास तलवाड़ा बाईपास रोड पर पार्किंग निर्माण की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई 15 मार्च को होगी, लेकिन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस संबंध में सक्षम प्राधिकारियों को तीन हफ्ते के भीतर एक एक्स्ट्रा डीपीआर भी दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं. खंडपीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी पहले से प्रस्तुत डीपीआर और उसके बाद चार हफ्ते के भीतर पेश की जाने वाली प्रस्तावित अतिरिक्त डीपीआर पर निर्णय लें.

2008 में दिए थे पार्किंग बनाने के निर्देश

याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी जी मंदिर प्रदेश के उच्च आय वाले सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, लेकिन यहां पार्किंग की समस्या निरंतर बनी हुई है. पर्याप्त पार्किंग सुविधा न होने के कारण श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस विभाग ने भी मंदिर प्रशासन से लिखित में पार्किंग बनाने को कहा है. कई ग्राम पंचायतों ने इस आशय के प्रस्ताव भी पारित किए हैं. पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों ने भी इस समस्या को प्रशासन के संज्ञान में लाया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने भी वर्ष 2008 में मंदिर के पास पार्किंग बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक उन आदेशों का पालन नहीं किया गया है.

मामले में अदालत को बताया गया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को प्रसाद योजना के तहत मां चिंतपूर्णी मंदिर जी परियोजना विकास की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) रिकॉर्ड पर रखने के लिए आवेदन किया गया है. ये आवेदन हिमाचल सरकार के पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस साल 19 दिसंबर को किया गया है. यहां बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में प्रार्थना की है कि अदालत मंदिर प्रशासन को समयबद्ध तरीके से शक्तिपीठ के समीप तलवाड़ा बाईपास में पार्किंग निर्माण के लिए आदेश जारी करें. पार्किंग का जल्द बनना जरूरी है, ताकि लाखों श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना न करना पड़े. उल्लेखनीय है कि मां चिंतपूर्णी मंदिर हिमाचल का सबसे अमीर मंदिर है. राज्य के कुल 35 मंदिर सरकारी अधिग्रहण में हैं. मां चिंतपूर्णी मंदिर में एक क्विंटल 98 किलो सोना और सौ करोड़ यानी एक अरब रुपए की बैंक एफडी है. दूसरे नंबर पर अमीर मंदिर मां श्री नैना देवी जी का है.

ये भी पढ़ें: CHC टिक्कर में स्टाफ की कमी, हाईकोर्ट ने लिया कड़ा संज्ञान, जारी किए ये आदेश

ये भी पढ़ें: शास्त्री अध्यापकों के लिए बीएड की अनिवार्यता गैरकानूनी, हाईकोर्ट ने बिना बीएड शास्त्री डिग्रीधारकों को दी बड़ी राहत

शिमला: एक अरब रुपए से अधिक की बैंक एफडी और एक क्विंटल सोने वाले देवभूमि के सबसे अमीर मंदिर मां चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं है. हिमाचल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में मां चिंतपूर्णी मंदिर के पास तलवाड़ा बाईपास रोड पर पार्किंग निर्माण की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई 15 मार्च को होगी, लेकिन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस संबंध में सक्षम प्राधिकारियों को तीन हफ्ते के भीतर एक एक्स्ट्रा डीपीआर भी दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं. खंडपीठ ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी पहले से प्रस्तुत डीपीआर और उसके बाद चार हफ्ते के भीतर पेश की जाने वाली प्रस्तावित अतिरिक्त डीपीआर पर निर्णय लें.

2008 में दिए थे पार्किंग बनाने के निर्देश

याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी जी मंदिर प्रदेश के उच्च आय वाले सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, लेकिन यहां पार्किंग की समस्या निरंतर बनी हुई है. पर्याप्त पार्किंग सुविधा न होने के कारण श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस विभाग ने भी मंदिर प्रशासन से लिखित में पार्किंग बनाने को कहा है. कई ग्राम पंचायतों ने इस आशय के प्रस्ताव भी पारित किए हैं. पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों ने भी इस समस्या को प्रशासन के संज्ञान में लाया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने भी वर्ष 2008 में मंदिर के पास पार्किंग बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक उन आदेशों का पालन नहीं किया गया है.

मामले में अदालत को बताया गया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को प्रसाद योजना के तहत मां चिंतपूर्णी मंदिर जी परियोजना विकास की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) रिकॉर्ड पर रखने के लिए आवेदन किया गया है. ये आवेदन हिमाचल सरकार के पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग की तरफ से इस साल 19 दिसंबर को किया गया है. यहां बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में प्रार्थना की है कि अदालत मंदिर प्रशासन को समयबद्ध तरीके से शक्तिपीठ के समीप तलवाड़ा बाईपास में पार्किंग निर्माण के लिए आदेश जारी करें. पार्किंग का जल्द बनना जरूरी है, ताकि लाखों श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना न करना पड़े. उल्लेखनीय है कि मां चिंतपूर्णी मंदिर हिमाचल का सबसे अमीर मंदिर है. राज्य के कुल 35 मंदिर सरकारी अधिग्रहण में हैं. मां चिंतपूर्णी मंदिर में एक क्विंटल 98 किलो सोना और सौ करोड़ यानी एक अरब रुपए की बैंक एफडी है. दूसरे नंबर पर अमीर मंदिर मां श्री नैना देवी जी का है.

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