शिमला: अक्टूबर में त्योहारी सीजन के दौरान सरकारी कर्मचारियों को तोहफा मिलने वाला है. पेंशनर्स, सरकारी कर्मचारी इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. भले ही कुछ माह पहले हिमाचल सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कह रही थी, लेकिन सीएम सुक्खू ने दिवाली से पहले प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों से लेकर पेंशनर्स और आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं तक को सैलरी देने का फैसला लिया है.
28 अक्टूबर यानि धनतेरस से एक दिन पहले इन सभी को सैलरी के साथ-साथ अन्य लाभांशों का भुगतान कर दिया जाएगा.सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करते हुए उन्हें खुश कर दिया है.
आइए जानते हैं कि सुक्खू सरकार ने किस-किस को क्या दिया है.
- त्योहारी सीजन में हिमाचल के करीब सवा दो लाख सरकारी कर्मचारियों और पौने दो लाख पेंशनर्स को सरकार ने 4 दिन पहले सैलरी और करीब 2 हफ्ते पहले पेंशन देने का फैसला लिया है.
- धनतेरस से पहले इन कर्मचारियों को 4% बकाया डीए की किश्त भी मिलने जा रही है.
- हिमाचल सरकार ने क्लास फोर कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का एरियर देने का फैसला भी किया है. प्रदेश में क्लास फोर के 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं.
- फोर्थ क्लास कर्मचारियों के खाते में संशोधित वेतनमान के एरियर का 20,000 रुपये आएगा.
- क्लास फोर कर्मचारियों के लिए धनतेरस से पहले सैलरी और डीए की किश्त के साथ ये ट्रिपल खुशखबरी होगी.
- हिमाचल सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के सभी पेंशनर्स को बकाया एरियर देने का ऐलान किया है. इन पेंशनर्स को पूरा बकाया एरियर देने को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है.
- सभी पेंशनर्स को 28 अक्टूबर को सैलरी के साथ बकाया 22.50 फीसदी डीए का एरियर भी दिया जाएगा.
- पेंशन, डीए और सैलरी मिलाकर 28 अक्टूबर को इन कर्मचारियों और पेंशनर्स के बैंक खाते में कुल मिलाकर 2600 करोड़ रुपये क्रेडिट होंगे.
- डीए की किश्त और आंगनवाड़ी वर्कर्स, आशा वर्कर्स, मल्टीपर्पज कर्मचारियों को भी सैलरी धनतेरस से पहले दी जाएगी.
- हर महीने हिमाचल सरकार का 1200 करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और 800 करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च होता है.
केंद्र सरकार ने एडवांस में जारी की किस्त
बता दें कि फेस्टिव सीजन होने के कारण केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को केंद्रीय करों में उनकी हिस्सेदारी की रकम की एक किश्त एडवांस में दे दी थी. सभी 28 राज्यों को ये किश्त मिली है. हिमाचल के हिस्से 1479 करोड़ रुपये आए थे. एक महीने में हिमाचल सरकार का हिस्सा 740 करोड़ रुपये के करीब है. एक किश्त एडवांस में आने से ये रकम 1479 करोड़ रुपये बनी है. इसके अलावा राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपये का लोन लिया है. लोन और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी को मिलाकर राज्य सरकार के खजाने में 2079 करोड़ रुपये जुड़ गए. हिमाचल सरकार के खुद के टैक्स रेवेन्यू व नॉन टैक्स रेवेन्यू के 1200 करोड़ रुपये जुड़ते हैं.
इसके अलावा हिमाचल को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के 520 करोड़ रुपये भी मिलते हैं. उसमें से 800 करोड़ रुपये नौ तारीख को पेंशन में खर्च हो गए हैं. अन्य खर्चों को निकाल दें तो एक अनुमान के अनुसार राज्य सरकार के खजाने में कम से कम 2700 करोड़ रुपए हैं. डीए की किश्त पर 580 करोड़ रुपए खर्च होंगे. वेतन व पेंशन का आंकड़ा 2000 करोड़ रुपये का है.
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