सिरमौर: कारागार एवं सुधारात्मक सेवाओं के महानिदेशक संजीव रंजन ओझा को पुलिस और सुरक्षा वर्ग में जेल प्रणाली में प्रौद्योगिकी द्वारा पुनर्वास का आधुनिकीकरण परियोजना के लिए स्कॉच ग्रुप ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड-2024 से सम्मानित किया है.
उन्हें “भारत के ईमानदार स्वतंत्र सम्मान“ में रजत पदक देकर सम्मानित किया गया. यह अवॉर्ड विभाग की सुधारात्मक एवं सुरक्षा प्रणाली को तकनीकी रूप से उन्नत करने के लिए दिया गया.
आदर्श केंद्रीय कारागार नाहन के उप-अधीक्षक विनोद चंबियाल ने बताया यह अवॉर्ड उन परियोजनाओं और संस्थानों को सम्मानित करता है. स्कॉच अवॉर्ड एक प्रतिष्ठित सम्मान है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय परियोजनाओं को मान्यता देता है.
इस परियोजना का उद्देश्य कारागार प्रबंधन को आधुनिक बनाना, बंदियों के पुनर्वास में सुधार करना और सुधारात्मक सुविधाओं के भीतर उनकी सुरक्षा और सुविधा में वृद्धि करना है. इस पहल के तहत ई-पेशी, ई-संजीवनी (टेली-मेडिशान), ई-मुलाकात(जेल वार्ता), निदान प्रयोगशाला और उन्नत सुरक्षा प्रणाली जैसी तकनीकों का उपयोग करके कारागार संचालन को सुगम बनाया गया है.
यह तकनीकी पहल न केवल बंदियों के कल्याण, पुनर्वास और सुरक्षा को बढ़ाती है, बल्कि प्रदेश की सुधार प्रणाली की दक्षता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता में भी योगदान करती है. उप-अधीक्षक ने बताया कि विभाग द्वारा वार्डर के 91 पदों के लिए सीधी भर्ती की गई, जिसमें चयनित 71 वार्डर (59 पुरूष एवं 12 महिलाओं) को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह कांगड़ा में 4 माह के प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया है.
प्रशिक्षण पूरा करने पर उनको प्रदेश के विभिन्न कारागारों में तैनात कर दिया जाएगा. इसके अलावा पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों के लिए भी 7 पूर्व सैनिकों को वार्डर पद के लिए नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं.
प्रदेश की विभिन्न कारागारों में बंदियों द्वारा निर्मित जेल उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए विभाग को महा-एग्रो-मार्ट का अनुमोदन मिल गया है. जल्द ही ये उत्पाद ऑनलाइन खरीद के लिए महा-एग्रो-मार्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे.
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