बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में ट्राउट मछली पकड़ने पर चार माह का पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. ये ट्राउट मछली हिमाचल प्रदेश के ठंडे क्षेत्रों में पाई जाती है. इस दौरान मत्स्य विभाग ने ट्राउट फार्मों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं. विभाग ने इन जल क्षेत्रों में गश्त के लिए एक विशेष कर्मचारी बल तैनात किया है और इन ठंडे क्षेत्रों में कार्यरत विभागीय कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं.
क्यों लगाया मछली पकड़ने पर प्रतिबंध ?
मछली पालन विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने बताया, "ठंडे क्षेत्रों में स्थित ट्राउट फार्मों में मछली के प्रजनन को बढ़ावा देने और इस प्राकृतिक संसाधन को संरक्षित रखने के उद्देश्य से 1 नवंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक ट्राउट मछली पकड़ने पर 4 माह का पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है." विवेक चंदेल ने बताया कि प्राकृतिक प्रजनन के समय ट्राउट मछलियों के संरक्षण के लिए ये प्रतिबंध जरूरी है. जिससे जलाशयों में प्राकृतिक बीज संग्रहण हो सके. इस प्रतिबंध से हिमाचल प्रदेश के मत्स्य संसाधनों की लंबे समय तक सुरक्षा होगी. साथ ही प्रदेश में ट्राउट मछली का उत्पादन भी बढ़ेगा.
हिमाचल में ट्राउट मछली का उत्पादन
निदेशक विवेक चंदेल ने बताया ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में मछली पालन विभाग के तहत कार्यरत 8 ट्राउट फार्मों में पिछले साल 15.576 लाख ट्राउट मछली का उत्पादन किया था. इसके अलावा निजी क्षेत्र में 742 ट्राउट पालकों ने 1388.50 मीट्रिक टन ट्राउट मछली का उत्पादन किया था. जिसका बाजार में 76.36 करोड़ रुपये मूल्य आंका गया है. मौजूदा समय में प्रदेश में 1442 रेसवेज के जरिए कई ट्राउट किसान अपनी आजीविका कमा रहे हैं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रहे हैं.
इन नदियों में मछली पकड़ने पर लगा बैन
हिमाचल प्रदेश मत्स्य क्षेत्र नियम 2020 के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में लगभग 600 किलोमीटर में फैली प्रमुख नदियों और उनकी सहायक धाराओं में ट्राउट पकड़ने पर ये प्रतिबंध लागू किया गया है. इनमें शिमला जिले की पब्बर नदी, कुल्लू जिले की ब्यास नदी, सरवरी, पार्वती, गड़सा और सैंज नदी, मंडी और कांगड़ा जिले की ऊहल नदी, और चंबा जिले के भंडाल नाले में ट्राउट मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
मछली न पकड़ने को लेकर जागरूकता अभियान
मछली पालन विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने बताया कि पर्यटकों और मछली पकड़ने के शौकीनों को इस बैन के बारे में जानकारी दी जा रही है. लोगों में समाचार पत्रों, विभागीय वेबसाइट और अन्य माध्यमों से जागरूकता फैलाई जा रही है, ताकि अनजाने में भी लोग ट्राउट मछली का शिकार न करें. उन्होंने कहा कि ये जागरूकता अभियान सुनिश्चित करेगा कि पर्यटक हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक संपदाओं के प्रति सचेत रहें.